बार्डर पर सौंपा जाएगा पाकिस्तानी इरशाद, जानिए क्या है पूरा मामला
एक महीने के वीजा पर आने के बाद नहीं लौटा। ढाई साल की हुई थी सजा। सजा पूरी होने के बाद पाक बार्डर तक छोडऩे गई पुलिस और एलआइयू टीम।
आगरा, जेएनएन। तीन साल पहले वीजा खत्म होने के बाद भी अवैध रूप से फीरोजाबाद में टिकने वाले पाकिस्तानी नागरिक को वतन वापसी की तैयारी के साथ रवाना कर दिया गया। ढाई साल की सजा खत्म होने के बाद पूरे दस्तावेजों के साथ पुलिस और एलआइयू की टीम उसे बार्डर पर सौंपने के लिए गई है। इससे पहले उसका ट्रॉमा सेंटर में स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया।
पाकिस्तान के करांची, सिंध गलीर कॉलोनी क्यूआरटी ए 305 निवासी 38 वर्षीय इरशाद खां पुत्र अब्दुल लतीफ खां तीन साल पहले एक माह के वीजा पर फीरोजाबाद शहर स्थित मोहल्ला शीतल खां में अपने रिश्तेदार के घर आया था। वीजा समाप्त होने के बाद वह यहां से रवानगी लेकर चला गया था, लेकिन पाकिस्तान नहीं लौटा था। बार्डर से वापस आकर वह चोरी- छिपे यहां रह रहा था। खुफिया सूचना पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले में उसे करीब ढाई साल की सजा हुई थी। इसकी सूचना भारतीय विदेश मंत्रालय को भी दे दी गई थी।
रविवार को सजा पूरी होने के बाद उसे जिला कारागार से रिहा कर दिया गया। कारागार से एलआइयू और पुलिस कर्मी उसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच डॉक्टरी परीक्षण कराने के लिए ट्रामा सेंटर ले गए। यहां आपात चिकित्सा अधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार के साथ ही वरिष्ठ चिकित्सक फिजीशियन डॉ. मनोज शर्मा और डॉ. आरए शर्मा की टीम ने उसके स्वास्थ्य का परीक्षण किया। सब कुछ ठीक मिलने के बाद एलआइयू और पुलिस उसे पाकिस्तान भेजने के लिए भारत-पाक सीमा पर ले गई। एसपी सिटी प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि उसे पाकिस्तान भेजा जा रहा है।
अटारी बार्डर की सूचना पर हरकत में आयी थी एलआइयू
वीजा समाप्त होने के बाद इरशाद यहां से गया, मगर बीच में ही गायब हो गया। तीन महीने बाद अटारी बार्डर से उसके पाकिस्तान नहीं लौटने की सूचना पर एलआइयू टीम हरकत में आयी। जब पुलिस ने उसके रिश्तेदार पर शिकंजा कसा तो पकड़ा गया। पिछले दिनों पुलिस ने पाकिस्तानी नागरिक महिला को एक दशक बाद गिरफ्तार किया था।
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