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UP Weather 2019: बदन झुलसा रहे लू के थपेड़े, जानिए कब से बदलेगा मौसम का मिजाज

43 डिग्री सेल्सियस रहा दोपहर का तापमान दिन भर चलती रहीं गर्म हवाएं। 12 से 15 मई तक आंधी बारिश के बन रहे हालात।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 10 May 2019 05:32 PM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 05:32 PM (IST)
UP Weather 2019: बदन झुलसा रहे लू के थपेड़े, जानिए कब से बदलेगा मौसम का मिजाज
UP Weather 2019: बदन झुलसा रहे लू के थपेड़े, जानिए कब से बदलेगा मौसम का मिजाज

आगरा, जेएनएन। मई के पहले पखवाड़े में ही गर्मी के तेवर तल्ख हो चुके हैं। शुक्रवार को दोपहर का अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस ही रहा लेकिन गर्म हवाओं के थपेड़े बदन को झुलसाते रहे। सुबह के नौ बजते-बजते ही सड़कों पर सन्नाटा पसरना शुरू हो चुका था। दोपहर 12 बजे से लेकर शाम चार बजे तक ज्यादातर वक्त सड़कें जनशून्य ही नजर आईं। लोग गर्मी से बचने के लिए घरों-दफ्तरों से बाहर निकलने से ही कतराते रहे।

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गर्मी अपना कहर बरपाने लगी है। सुबह ही धूप की तल्खी इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि लोग खुद को घरों में कैद रखना ही बेहतर समझ रहे हैं। जो घरों से बाहर निकल भी रहे हैं, वे स्कार्फ, गमछा, छाता और ग्लव्स से खुद को ढंककर चल रहे हैं। एक ओर जहां सामान्य जनजीवन पर असर पड़ रहा है वहीं कारोबार भी लगभग ठप पड़ गया है। बड़ा बाजार में दोपहर 12 बजे एक भी ग्राहक नजर नहीं आ रहा था। दुकानदारों ने बताया कि अब तो शाम को सूरज ढलने के बाद ही लोग खरीदारी को निकल रहे हैं। सभी बाजारों में यही हाल है। बाजार दिन भर खाली पड़े रहते है। लोगों के लिए गर्मी की बेचैनी इसलिए भी ज्यादा है कि न्यूनतम तापमान भी ऊपर चढ़ रहा है। गुरुवार को अधिकतम तापमान जहां 43 डिग्री सेल्सियस था, वहीं न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस पर रहा। 

पशु-पक्षियों के लिए भी बढ़ी मुश्किल

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पुष्प कुमार का कहना है कि तापमान में यह बढ़ोतरी पशु-पक्षियों के लिए भी नुकसानदेह है। लू की चपेट में आने वे पालतू पशुओं की तबियत बिगड़ सकती है। बुखार और पेट संबंधी दूसरी बीमारियों की वजह से उनकी मृत्यु भी हो जाती है। ऐसे में बेहद जरूरी है कि मवेशियों का उचित ख्याल रखें।

ऐसे करें पशुओं की देखभाल

- पशुओं को छांव वाले स्थानों पर ही बांधें।

- मुर्गे-मुर्गियों को रखने वाले ङ्क्षपजड़ों को गीले बोरों से लपेटें ताकि सीधे गर्म हवाएं उन्हें प्रभावित न करें।

- दिन में कई-कई बार मवेशियों को ठंडे पानी से नहलाएं ताकि शरीर का तापक्रम सामान्य बना रहे।

- हरा चारा खिलाएं ताकि अफरा जैसी बीमारी न हो।

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