सायरन बजाती एंबुलेंस आईं पकड़ में, ऑक्सीजन सिलिंडर की जगह लगा था साउंड सिस्टम
पांच एंबुलेंस सीज तीन का चालान। अंदर स्थिति ये निकली कि अंदर जीवन रक्षक दवाएं भी नहीं मिलीं।
आगरा, जागरण संवाददाता। जिन एंबुलेंस के सहारे गंभीर मरीज एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल जाते हैं, उनकी हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है। कार्रवाई के बाद भी न एंबुलेंस चालक सुधरे और न ही नर्सिंग होम। यहां तक कि एक बार चालान के बाद भी जरूरी व्यवस्थाएं नहीं की जा रही हैं। मनमाने अंदाज में दौड़ रहीं एंबुलेंस के खिलाफ लगातार अभियान चल रहा है। बुधवार को छापेमारी में पांच एंबुलेंस सीज कर दी गईं, जबकि तीन का चालान कर दिया गया। एडिशनल सीएमओ डॉ. पीके शर्मा, डिप्टी सीएमओ डॉ. शशिकांत राहुल, डीएचआइओ अनिल कुमार और एआरटीओ अजय मिश्रा ने हाईवे पर कई स्थानों पर एंबुलेंस में छापेमारी की। रामबाग के निकट एक नर्सिंग होम की एंबुलेंस में तो ऑक्सीजन सिलिंडर ही नहीं था। सिलिंडर रखने के स्थान पर साउंड सिस्टम लगा था। इसका चालान किया गया। आठ एंबुलेंस सीज की गईं, लेकिन किसी में भी जीवन रक्षक दवाएं तक नहीं मिलीं। एक एंबुलेंस का पूर्व में चालान कर दिया गया था। चालान जमा कर एंबुलेंस फिर दौडऩे लगी, लेकिन जरूरी इंतजाम नहीं किए गए। बुधवार को जब टीम ने एंबुलेंस पकड़ी, तो चालक ने पूर्व में हुआ चालान दिखाया और कहा कि हम चालान जमा कर चुके हैं, इसलिए दोबारा नहीं हो सकता। इस पर टीम ने उसे सीज कर दिया। एडिशनल सीएमओ डॉ. पीके शर्मा ने बताया कि एंबुलेंस में लगातार कमियां मिल रही हैं, चेतावनी के बाद भी सुधार नहीं हो रहा।
गलियों में खड़ी कर रहे एंबुलेंस
स्वास्थ्य और परिवहन विभाग की संयुक्त कार्रवाई के बाद एंबुलेंस चालक सचेत हो गए हैं। ज्यादातर एंबुलेंस मुख्य मार्गों के बजाए कार्रवाई से बचने के लिए गलियों में खड़ी की जा रही हैं।
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