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काम की बात: फॉर्म 16 में हुए बदलाव, अभी से कर लें ये तैयारी

संशोधित फार्म 12 मई से प्रभाव में। देनी होंगी ज्यादा और विस्तृत जानकारी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 01:46 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 01:46 PM (IST)
काम की बात: फॉर्म 16 में हुए बदलाव, अभी से कर लें ये तैयारी
काम की बात: फॉर्म 16 में हुए बदलाव, अभी से कर लें ये तैयारी

आगरा, जागरण संवाददाता। आयकर विभाग ने स्नोत पर कर कटौती (टीडीएस) प्रमाणपत्र यानी फार्म 16 को संशोधित किया है। इसमें मकान से आय व अन्य नियोक्ताओं से प्राप्त पारितोषिक समेत विभिन्न जानकारियों को भी शामिल किया गया है। इसे इतना व्यापक बनाने की कोशिश की गई है कि कर देने से बचने वालों पर लगाम लगाई जा सके।

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इसमें विभिन्न कर बचत योजनाओं, कर बचत उत्पादों में निवेश के संदर्भ में कर कटौती, कर्मचारी को प्राप्त होने वाले विभिन्न भत्ताें के साथ अन्य स्नोत से प्राप्त आय की अलग-अलग सूचना को भी शामिल करना होगा।

तो भरेंगे दो फॉर्म 16

यदि वित्तीय वर्ष के बीच में आप नौकरी बदलते हैं तो आपको नए व पुराने दोनों संस्थानों की ओर से अलग-अलग फॉर्म 16 जारी किया जाएगा। आपने उस वर्ष जितने समय जिस संस्थान में नौकरी की होगी, वह उतने ही समय का फॉर्म 16 जारी करेगा।

क्या है फार्म 16

आयकर अधिवक्ता मनोज शर्मा ने बताया कि आयकर फार्म 16 एक प्रमाणपत्र है जिसे नियोक्ता जारी करते हैं। इसमें आपका वेतन आयकर मुक्त आमदनी की सीमा से ज्यादा होने पर नियोक्ता या कंपनी हर महीने टीडीएस (स्नोत पर कर कटौती) काटकर सरकार को जमा कराती है। कटौती और उसे सरकार के पास एडवांस में जमा करने का ब्योरा ही फॉर्म 16 में दर्ज होता है। इसे जून के मध्य में जारी किया जाता है और इसका उपयोग आयकर रिटर्न भरने में किया जाता है।

दो हिस्सों में होता है फॉर्म 16

फॉर्म 16 के दो हिस्से होते हैं, ए और बी। पार्ट ए में आपके टीडीएस संबंधी सारा ब्योरा होता है। यह आपकी टैक्स की कटौती का प्रमाण है। वहीं पार्ट बी में टैक्स कटौती के अलावा अपकी आमदनी से संबंधित अन्य ब्योरा होता है। जैसे कुल आमदनी, भत्ते, कटौती, टैक्स भुगतान, बकाया टैक्स व रिफंड आदि का ब्योरा।

कंपनियों के लिए जारी करना अनिवार्य

आयकर एक्ट की धारा 203 के तहत टीडीएस पर कटौती पर इसे जारी करना अनिवार्य होता है। सामान्यत: यह उन लोगों के लिए जारी किया जाता है, जिनके वेतन पर टैक्स देनदारी बनती है। अब बड़ी कंपनियों में टीडीएस न कटने की स्थिति में भी फॉर्म 16 जारी करने की व्यवस्था है।

यह है बदलाव

पहले कई भत्ते और छूट को जोड़कर लिखने की इजाजत थी, लेकिन अब हर एक के बारे में बताना होगा। फॉर्म 16 में यह बदलाव जरूरी थे, क्योंकि सरकार ने वर्ष 2019-20 के लिए आइटीआर वन फॉर्म को भी बदल दिया है।

एक नजर

- टैक्स छूट के लिए अर्ह सभी भत्ताें जैसे एचआरए, एलटीए की अलग जानकारी।

- 80सी के लिए अर्ह हर निवेश की अलग-अलग जानकारी देनी होगी।

- कर्मचारी की अन्य आय को भी फॉर्म 16 में शामिल किया जाएगा।

12 मई को आएगा प्रभाव में

आयकर विभाग से अधिसूचित संशोधित फार्म 12 मई को प्रभाव में आएगा। यानि वित्त वर्ष 2018-19 के लिये आयकर रिटर्न संशोधित फार्म 16 के आधार पर भरा जाएगा। संशोधित फार्म 16 में बचत खातों में जमा पर ब्याज में कटौती का ब्योरा व छूट एवं अधिभार (जहां लागू हो) भी शामिल होगा।


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