Move to Jagran APP

Child Marriage in Agra: लॉकडाउन का मौका देख खूब बने बाल विवाह कराने के मंसूबे

Child Marriage in Agra नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2015-2016 में हाथरस में 29.5 मथुरा में 27.1 फीसद बाल विवाह।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 01:11 PM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 05:17 PM (IST)
Child Marriage in Agra: लॉकडाउन का मौका देख खूब बने बाल विवाह कराने के मंसूबे
Child Marriage in Agra: लॉकडाउन का मौका देख खूब बने बाल विवाह कराने के मंसूबे

आगरा, अली अब्बास। ताजनगरी में लॉकडाउन के दौरान (एक अप्रैल से 31 जुलाई के बीच) जमकर बालिका वधू बनाने का प्रयास हुआ था। चाइल्ड लाइन की हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 19 नाबालिग लड़कियों की होने वाली शादियाें को रुकवाया था ।

loksabha election banner

बाल- विवाह को लेकर नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की वर्ष 2015-2016 की रिपोर्ट में आगरा जोन में 29.5 फीसद के साथ हाथरस पहले नंबर पर है। सामाजिक कार्यकर्ता एवं महफूज सुरक्षित बचपन के समन्वयक नरेश पारस के अनुसार सर्वे रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश में 21 फीसद बाल-विवाह की जानकारी है। इनमें प्रदेश के दस जिलों में बाल-विवाह की दर सबसे ज्यादा है। इसकी रोकथाम के संबंध में अभी तक कोई ठोस नियमावली नहीं बन पायी है । नरेश पारस के मुताबिक नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे के दौरान इन महिलाओं की आयु 20 से 24 वर्ष थी । इनमें 3.8 फीसदी महिलाएं मां बन चुकी थीं । जिनकी सर्वे के दौरान आयु 15 से 19 साल थी ।

सामाजिक कार्यकर्ता ने महिला नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे में उत्तर प्रदेश के जिन दस जिलों में बाल विवाह का फीसद सबसे ज्यादा है, उसकी सूची राज्य महिला आयोग की सदस्य को दी है । उन्होंने बाल विवाह रोकने के लिए दस सुझाव दिए हैं। राज्य महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित ने इन सुझावों पर अमल करते हुए अमल करते हुए प्रमुख सचिव और निदेशक महिला एवं बाल कल्याण को पत्र लिखा है ।

नेशनल हेल्थ फैमिली सर्वे 2015-2020 की रिपोर्ट में बाल विवाह में आगरा जोन का आंकड़ा

जिला फीसद

हाथरस 29.5

एटा 27.1

मथुरा 25.4

अलीगढ़ 23.2

फीरोजाबाद 22.2

आगरा 21.3

मैनपुरी 18.4

कासगंज 16.7

प्रदेश में सबसे ज्यादा बाल विवाह के मामले में दस प्रथम जिलों (नोट: सर्वे के दौरान इन लड़कियों की उम्र 20 से 24 साल की थी । जिनका विवाह 18 साल से कम उम्र मे हो गया था ।)

जिला फीसद

श्रावस्ती 67.9

ललितपुर 49.3

गोंडा 48.6

महराजगंज 48.2

सिद्धार्थ नगर 45.5

बलरामपुर 41.5

बहराइच 40.9

बदायूं 35.7

लखीमपुर खीरी 33.9

चंदौली: 33.7

सर्वे के समय वह प्रमुख दस जिले जिनमें 15 से 19 साल की लड़कियां मां बन चुकी अथवा गर्भवती थीं ।(नोट: इनमें आगरा जोन के भी चार जिले शामिल हैं।)

जिला फीसद

बहराइच 9.9

एटा 9.2

बदायूं 8.9

मथुरा 8.7

ललितपुर 8.6

हाथरस 8.6

चित्रकूट 8.2

सीतापुर 7.3

कासगंज 7.1

श्रावस्ती 7.0

राज्य महिला आयोग की सदस्य ने प्रमुख सचिव महिला एवं बाल कल्याण को बाल विवाह की रोकथाम के लिए दिए ये सुझाव

-बाल विवाह रोकथाम की नियमावली बनाई जाए । उसे पूरे प्रदेश में लागू कराया जाए ।

-लॉकडाउन के दौरान (मार्च से अब तक) प्रदेश के सभी जिलों में रुकवाए गए या हो चुके बाल विवाह और उनकी वर्तमान स्थिति की समीक्षा की जाए ।

-बाल विवाह रोकथाम टॉस्क फोर्स की समीक्षा की जाए । बाल सुरक्षा पर कार्य कर रहे सक्रिय गैर सरकारी संगठन और मानव तस्करी निरोधक सेल के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाए ।

-बाल विवाह के प्रति व्यापाक जागरूकता अभियान चलाया जाए ।इसमें जागरूकता प्रचार सामग्री, एफएम रेडियो, सोशल मीडिया का उपयोग किया जाए।

-जिला तथा शासन स्तर पर मॉनीटरिंग कमेटी बनाई जाएं।

-बाल विवाह के आंकड़े एकत्रित किए जाएं, ट्रैकिंग सिस्टम विकसित किया जाए।

- इस अभियान में पंचायत, एएनएम, आशा और धर्म गुरुओं को भी शामिल किया जाए।

- बाल विवाह के दुष्परिणामों के संदर्थ में इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।

-ब्लॉक स्तर पर भी बाल विवाह की रोकथाम को टॉस्क फोर्स बनाई जाए। इसमें प्रधान, स्कूल प्रबंध समिति, आशा, आंगनबाड़ी, एएनएम, ब्लॉक और ग्राम सुरक्षा समिति को भी शामिल किया जाए ।

-बाल विवाह होने पर मुकदमा दर्ज हो । बालिका सुरक्षा अभियान के दौरान जिलों में बनाए गए मास्टर ट्रेनरों को शामिल किया जाए । 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.