पॉलीथिन का भंडारण बताओ और ईनाम पाओ
हर दिन बिक रही है 60 लाख रुपये की प्रतिबंधित पॉलीथिन। छत्ता जोन में सबसे अधिक होता है कारोबार।
आगरा(जागरण संवाददाता): पॉलीथिन बंदी को सफल बनाने के लिए नगर निगम ने एक और कदम उठाया है। निगम की तरफ से पॉलीथिन का भंडारण बताने वाले को ईनाम दिया जाएगा। ऐसे लोगों को नगर निगम से विभिन्न योजनाओं में नियमानुसार छूट भी दी जाएगी और नाम भी गोपनीय रखा जाएगा।
नगर निगम के आकड़ों की मानें तो आगरा शहर में हर दिन 60 लाख रुपये की प्रतिबंधित पॉलीथिन की बिक्री होती थी। बंदी का आदेश आने के बाद से इसमें मामूली गिरावट आई है। पॉलीथिन का सबसे अधिक कारोबार छत्ता जोन में हो रहा है। यहां से पूरे जनपद और दूसरे जिलों तक पॉलीथिन की आपूर्ति की जाती है। पिछले दो दिन के दौरान चले अभियान में नगर निगम व प्रशासन को कोई खास सफलता नहीं मिली है। दुकानदारों व ठेल विक्रेताओं से पॉलीथिन जब्त की गई है। भंडारण की जानकारी के लिए निगम प्रशासन ने लोगों से अपील की है।
महज 200 ग्राम पॉलीथिन जब्त:
मंगलवार को नगर निगम व यूपीपीसीबी की टीम ने संयुक्त चेकिंग अभियान चलाया। हरीपर्वत व ताजगंज में चले अभियान में डेढ़ दर्जन दुकानदारों से 200 ग्राम पॉलीथिन जब्त की गई। हरीपर्वत में एक हजार और ताजगंज में तीन हजार रुपये का जुर्माना शामिल है।
निर्माता का नाम पता न लिखा होने पर जब्त होगी पॉलीथिन:
नगर निगम के पर्यावरण अभियंता राजीव राठी ने बताया कि 50 माइक्रॉन से ऊपर की ऐसी पॉलीथिन जिस पर निर्माता का नाम, पता, रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं लिखा है। यह भी प्रतिबंधित श्रेणी में शामिल है। ऐसी पॉलीथिन को जब्त करने के लिए कहा गया है।
लौटा सकते हैं पॉलीथिन:
ऐसे दुकानदार जिनके पास पॉलीथिन हैं। वह नगर निगम के किसी भी कार्यालय में लौटा सकते हैं। इस दौरान कोई भी जुर्माना नहीं लगेगा, लेकिन अगर चेकिंग अभियान के दौरान पॉलीथिन मिलती है तो उसकी मात्रा के हिसाब से जुर्माना राशि वसूली जाएगी।
50 माइक्रॉन से कम पतली पॉलीथिन का प्रयोग नहीं किया जा सकता है। कार्रवाई के लिए डीएम को आदेश जारी किए गए हैं। भंडारण व बिक्री पर प्रतिबंधित है।
- के. राम मोहन राव, मंडलायुक्त
पॉलीथिन के भंडारण का सटीक पता लगाया जा रहा है। जल्द इसे जब्त किया जाएगा। एडीएम सिटी केपी सिंह को दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। भंडारण की जानकारी डीएम कार्यालय या फिर किसी भी प्रशासनिक अफसर को दी जा सकती है। प्रशासन हर तरीके से ऐसे लोगों की मदद करेगा।
- रवि कुमार एनजी, डीएम
पॉलीथिन का भंडारण कहां हो रहा है। इसकी जानकारी कार्यालय में दी जा सकती है। ऐसे लोगों का नाम गोपनीय रखा जाएगा। नगर निगम ऐसे लोगों को विभिन्न तरीके से सहूलियत भी देगी। यह बतौर ईनाम के रूप में होगा।
- विजय कुमार, अपर नगरायुक्त