कारोबारी से लूट में सीसीटीवी कैमरों तक सीमित पुलिस की जांच
आगरा: कारोबारी को अगवा कर 15.40 लाख रुपये की लूट की घटना के दो दिन बाद भी पता नहीं लगा पाई है।
जागरण संवाददाता, आगरा: कारोबारी को अगवा कर 15.40 लाख रुपये की लूट की घटना के दो दिन बाद भी पुलिस खाली हाथ है। न तो बदमाशों के गिरोह का सुराग लगा और न ही वर्दीधारियों के बारे में ही जानकारी हुई। पुलिस की जांच केवल सीसीटीवी कैमरों तक सीमित होकर रह गई है।
बल्केश्वर के आदर्श नगर निवासी तेल और रिफाइंड कारोबारी चंदन गुप्ता को शुक्रवार रात को घर लौटते समय वर्दीधारियों ने अगवा कर लिया था। उन्होंने खंदौली क्षेत्र में ले जाकर कार में रखे 15.40 लाख रुपये लूटे और भाग गए। सनसनीखेज घटना में कारोबारी को पुलिसकर्मी होने का शक है, इनमें से दो ने खुद को क्राइम ब्रांच वाला बताया था। इसके बाद भी अधिकारियों ने क्राइम ब्रांच या अन्य पुलिसकर्मियों की शिनाख्त परेड नहीं कराई। पुलिस के पास रविवार तक घटना के संबंध में कोई सुराग नहीं है। दो दिन केवल पुलिस कारोबारी के दुकान से घर की ओर आने वाले रास्ते में लगे सीसीटीवी कैमरे देख पाई। इनमें से भी कोई सुराग नहीं मिला। सीसीटीवी में केवल कारोबारी की कार जाती हुई दिख रही है। इसमें कौन बैठा है? यह भी नहीं दिख रहा। कार के आगे-पीछे कोई संदिग्ध नहीं दिख रहा। ऐसे में पुलिस को आशंका है कि लूट करने वाले वर्दीधारी वाटरवर्क्स चौराहे के पास ही खड़े थे। पुलिस ने वर्दीधारियों की पहचान को अभी तक क्राइम ब्रांच की भी शिनाख्त परेड नहीं कराई। इंस्पेक्टर हरीपर्वत महेश चंद्र गौतम ने बताया कि व्यापारी से लूट करने वालों की तलाश की जा रही है। अफसरों की नजरंदाजी से लूट कर रहा सिपाही
देहात के एक थाने में तैनात सिपाही पिछले दिनों दो व्यापारियों से लूट की कोशिश में चर्चाओं में आया था। शाहगंज क्षेत्र में उसने एक व्यापारी को गाड़ी में डालकर उससे रुपये निकलवाने को मुंह में पिस्टल लगा दी थी। मामला थाने तक पहुंचा, लेकिन तत्कालीन सीओ की सिफारिश पर उसे छोड़ दिया गया। इसके कुछ दिन बाद सिपाही ने सादाबाद क्षेत्र में एक अपराधी को भगाने में मदद की। पुलिस ने उसे पकड़ लिया तो वह खुद को एसपी सिटी की क्राइम ब्रांच टीम का सदस्य बताने लगा। एसपी हाथरस तक मामला पहुंचा। मगर, बाद में उसे बिना कार्रवाई के छोड़ दिया गया। इस घटना के कुछ दिन बाद ही उसने रकाबगंज क्षेत्र के एक रेस्टोरेंट में बैठे व्यापारी के मुंह में पिस्टल डाल दी थी। इसमें भी मामला थाने तक पहुंचा, लेकिन रफा-दफा हो गया। एक भी घटना में उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। अभी वह चोरी की जाइलो से चलता है। अब यह सिपाही भी शक के दायरे में है। क्राइम ब्रांच के सिपाही से बरामद हुई थी चोरी की बाइक
क्राइम ब्रांच के एक सिपाही ने कुछ माह पहले एक चोर को पकड़कर उससे चोरी की अपाचे बरामद की थी। बाइक अपने पास रखकर चोर को छोड़ने की सौदेबाजी हुई। तीस हजार रुपये लेकर सिपाही ने चोर को छोड़ दिया। चोरी की बाइक से सिपाही चलने लगा। इसी से वह एसएसपी के आवास भी आता था। कुछ समय बाद इरादतनगर थाना पुलिस ने चोर को फिर पकड़ लिया। तब उसने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि एक बाइक उसने सीआइडी अधिकारी को दी थी। मध्यस्थ तक पहुंचने के बाद पुलिस को पता चला कि बाइक सीआइडी अधिकारी ने नहीं क्राइम ब्रांच के सिपाही ने ली थी। पुलिस टीम ने क्राइम ब्रांच के सिपाही से संपर्क किया तो उसने बाइक दे दी। इस मामले में उस सिपाही के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।