छेड़छाड़ से दहशत में आईं 13 छात्राएं, DM ने भी नहीं सुनी फरियाद तो उठाना पड़ा ये कदम Agra News
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बाईपुर में हुई कार्यशाला में सामने आया सच। सामाजिक संस्था महफूज के समन्वयक एवं कवच अभियान के नोडल प्रशिक्षक नरेश पारस मिलने पहुंचे छात्राओं के घर।
आगरा, जागरण संवाददाता। गांव से पांच किमी दूर स्कूल के रास्ते में पड़ने वाले दो किमी जंगल में दहशत से 13 छात्राओं ने स्कूल जाना बंद कर दिया है। यह दहशत किसी जंगली जानवर की नहीं बल्कि शोहदों की है। बेटियों के स्कूल छोड़ने का मामला बालिका सुरक्षा जागरूकता अभियान की कार्यशाला के दौरान सामने आया। इसकी शिकायत डीजीपी और डीएम के यहां करने के साथ ही यूपी पुलिस को ट्वीट की गई है।
सिकंदरा के गढ़ी बाईंपुर में पांचवीं तक ही स्कूल है। इसके चलते यहां के 35 बच्चे पूर्व माध्यमिक विद्यालय बाईपुर में पढ़ते हैं। इनमें एक दर्जन से अधिक छात्राएं हैं। गांव से स्कूल की दूरी करीब पांच किमी है। रास्ते में करीब दो किलोमीटर का जंगल है। सामाजिक संस्था महफूज के समन्वयक एवं कवच अभियान के नोडल प्रशिक्षक नरेश पारस विद्यालय में आयोजित कार्यशाला में गए। वहां एक छात्र ने उन्हें गढ़ी बाईपुर की 13 छात्राओं के तीन सप्ताह से स्कूल नहीं आने की जानकारी दी। वह छात्राओं के गांव पहुंचे। एक पीड़ित छात्र ने बताया कि घटना पांच जुलाई की है। छुट्टी के बाद वह पैदल घर लौट रही थी। रास्ते में उसे बाइक सवार मिला। गांव छोड़ने की कहकर बैठा लिया। बाइक को जंगल की ओर मोड़ दिया। आधा किमी अंदर जंगल में ले जाने के बाद उसे अपने साथ चलने का दबाव बनाने लगा। इस बीच उसके मोबाइल पर किसी का फोन आ गया। उसका ध्यान हटते ही वह भागकर झाड़ियों में छिप गई। युवक उसे खोजने के बाद चला गया। दहशतजदा छात्रा एक घंटे झाड़ियों में छिपी रही। वाहनों की आवाज सुन भागकर सड़क पर पहुंची। घर पहुंचकर मां को घटना की जानकारी दी। इससे दहशत में आए परिवार ने उसका स्कूल जाना बंद करा दिया।
उधर, घटना की जानकारी एक दर्जन अन्य छात्राओं के परिजनों को हुई। उन्होंने भी बेटियों का स्कूल भेजना बंद कर दिया। नरेश पारस ने बेटियों के स्कूल छोड़ने की शिकायत डीजीपी और डीएम समेत अन्य अधिकारियों से करने के साथ ही यूपी पुलिस को ट्वीट किया है।
अप्रैल में भी एक छात्र छोड़ चुकी स्कूल
गढ़ी बाईंपुर गांव में छात्रओं से बातचीत करने के दौरान पता चला कि एक अन्य छात्र भी इसी अप्रैल में स्कूल छोड़ चुकी है। सातवीं में पढ़ने वाली इस छात्रा को भी एक बाइक सवार इसी तरह जंगल में ले गया था। छात्रा ने बाइक से कूदकर जान बचाई थी। इस घटना का परिजनों को पता चलने पर उन्होंने उसका स्कूल छुड़ा दिया।
छात्राओं ने डीएम को लिखा था पत्र
सामाजिक कार्यकर्ता से छात्राओं का कहना था कि उन्होंने डीएम के लिए पत्र लिखा था। किसके माध्यम से अपनी बात उन तक पहुंचाएं, इसकी जानकारी नहीं थी।
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