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पर्याप्त स्त्रोत के बाद भी नहीं हो रहा जल संचय
सहरसा। कोसी इलाके में पर्याप्त जल स्त्रोत होने के बावजूद इच्छाशक्ति की कमी से जल संचय नहीं हो प
bihar5 days ago -
जल संरक्षण के साथ पर्यटन का केंद्र बन सकते निष्प्रयोज्य तालाब
जो तस्वीर नजर आ रही है। वह किसी नदी की नहीं बल्कि रेलवे की चर्च कालोनी के पीछे बने तालाब की है। जब पारा 38 डिग्री के पार पहुंच रहा है। पानी से लबालब इस तालाब को देखने भर से ही सुकून मिलता है।
uttar-pradesh5 days ago -
सेवरही का पोखरा, जल संरक्षण से पर्यटन स्थल तक
दैनिक जागरण ने दो वर्ष पूर्व इस पोखरे को लिया था गोद सुंदरीकरण के बाद इस स्थल के विकास के लिए नगर पंचायत अध्यक्ष ने गंभीरता दिखाई है।
uttar-pradesh6 days ago -
जल प्रहरी: रमा राठी ने जलसंरक्षण की दिशा में रेनवाटर हार्वेस्टिग करवाने पर दिया जोर
डीएलएफ इलाके से नगर निगम की पार्षद रही रमा रानी राठी ने अपने कार्यकाल में जल संरक्षण की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। डीएलएफ इलाके में जगह-जगह रेनवाटर हार्वेस्टिग करने पर पूरा जोर दिया ताकि जलसंचय के साथ-साथ जलभराव की समस्...
haryana6 days ago -
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चालखाल व खंतियां बनाकर नैना पीक की पहाड़ी का ट्रीटमेंट, तलहटी के गांवों के पेयजल स्रोत होंगे रिचार्ज
चाइना पीक या नैना पीक की पहाड़ी का कटाव रोकने तथा तलहटी के गांवो के पेयजल स्रोत रिचार्ज करने की दिशा में वन विभाग की ओर से पहल शुरू कर दी गई है। पहाड़ी में बरसाती पानी को रोकने के लिए चालखाल बना जा रहे हैं।
uttarakhand6 days ago -
लबालब तालाब बता रहा जल संरक्षण के फायदें
जागरण संवाददाता फतेहपुर पानी से भरा तालाब से क्या फायदा मिलता है यह देखना है तो भिटौर
uttar-pradesh6 days ago -
जल संरक्षण की मिशाल बना अकोढ़ी दुबे का तालाब
संवाद सहयोगी जालौन गर्मियों के मौसम में जहां आसपास गांवों के तालाब सूख रहे हैं तो वहीं ग्राम अकोढ़ी दुबे का तालाब पानी से लबालब है। गांव वालों के लिए तो जलाशय बड़ा सहारा साबित हो ही रहा है साथ में पशु पक्षियों की भी प्यास बुझ...
uttar-pradesh6 days ago -
मिलिए जालंधर की Water Hero मीनल से, 5 वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा लोगों को सिखाया पानी बचाना
मीनल वर्मा की अपने घर से शुरू की गई जल संरक्षण की पहल लोगों के दिलों में ऐसे घर कर गई कि महज एक साल में तीन हजार से ज्यादा लोग उनके अभियान से जुड़ चुके हैं। वह शहर में 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट भी लगवा चुकी हैं।
punjab6 days ago -
बाराबंकी का ज्वालामुखी मंदिर, जहां होता है संस्कृति-पर्यावरण और जल का संरक्षण
किंवदंती है कि करीब 500 वर्ष पहले माता दुर्गा ने अपने भक्त महाबली दास को स्वप्न में अपनी पांच बहनों के साथ कुएं में होने और मंदिर की स्थापना का निर्देश दिया था। साथ ही अन्य मूर्तियों को बताए गए स्थान पर स्थापित करने को कहा।
uttar-pradesh6 days ago -
दिल्ली में जलाशय संरक्षण के लिए शुरू हो सतत प्रक्रिया, डीयू के प्रोफेसर ने बताया तरीका
जल संचयन और भूजलस्तर में सुधार के लिए प्राकृतिक जल स्रोतों पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। झील बावलियां जोहड़ एवं कुएं अनदेखी के कारण ही सूख रहे हैं। नदियों का जल स्तर भी घटता जा रहा है।
delhi6 days ago