Inverter AC vs Non Inverter AC: एक ऐसे समय में जब हर साल पारा बढता जा रहा है, तब एयर कंडीशनर बहुत ही जरूरी उपकरण बन जाता है। हालाँकि भारत के अलग-अलग हिस्सों में लोगों को अलग-अलग तापमान का अनुभव होता है, लेकिन देश के उत्तर, उत्तर-पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों में तापमान असहनीय हो जाता है। यहां का तापमान 48 डिग्री सेल्सियस के निशान से ऊपर भी चला जाता है। इसी गर्मी के लेवल को मात देने के लिए Air Conditioner अच्छा विकल्प बनकर उभरता है।

हालाँकि जहां तक AC की खरीददारी का टास्क है तो देश में इतने सारे विकल्प हैं कि उसे देखते-देखते थक जाएंगे, जो बहुत बार कन्फ्यूजन का कारण भी बन जाता है। आज देश में एसी बहुत सारी विशेषताओं और कार्य क्षमता के साथ आते हैं और कुछ को Dehumidifiers, ऑटो कट और एक्सट्रीम कूलिंग मोड्स मिल जाता है। इसके साथ ही रूम का साइज क्या है या एसी कितने डिग्री सेल्सियस के तापमान में रूम को ठंडा रख सकता है। यह भी देखना पड़ता है। उससे भी ज्यादा इस बात को ध्यान में रखना पड़ता है कि वह Inverter AC है या Non Inverter AC है? हम इस लेख में इसी अंतर के बारे में बताने जा रहे हैं।

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क्या है Inverter AC और Non Inverter AC?

किसी Air Conditioner में इन्वर्टर का सीधा संबंध बिजली की खपत से है, जो कि एक तरह की तकनीक है। इसकी वजह से बिजली की खपत को कम करने में मदद मिलती है। AC में इन्वर्टर टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रिक वोल्टेज, करंट और फ्रीक्वेंसी को कंट्रोल करने वाला छोटा सा कंट्रोलर होता है। यह इन्वर्टर एसी को कंप्रेसर में पावर की सप्लाई में बदलाव कर कूलिंग या हीटिंग को कंट्रोल करने की सुविधा देता है। वहीं रेग्यूलर इन्वर्टर एसी में केवल तापमान को एडजेस्ट करने के लिए कंप्रेसर को ऑन/ऑफ करने का विकल्प होता है और ये तय कूलिंग पावर के साथ आते हैं। इन्हें कमरे के आसपास तापमान के आधार पर कंप्रेसर को ऑन/ऑफ किया जा सकता है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि Window AC और Split AC दोनों प्रकार के एयर कंडीशनर Inverter AC और Non Inverter AC तकनीक के साथ पेश किए जाते हैं।

1. तकनीक

सामान्य रूप से एक इन्वर्टर AC से DC या करंट के प्रकार को बदलने वाला इक्वीपमेंट है। वहीं एयर कंडीशनर यूनिट के संदर्भ में इन्वर्टर का इस्तेमाल यूनिट की कूलिंग या ताप क्षमता को एडजस्ट करने व कंप्रेसर मोटर की बिजली आपूर्ति को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है।

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इन्वर्टर एयर कंडीशनर में एक वेरिएबल स्पीड कंप्रेसर होता है, जो तापमान को कंट्रोल करता है, ताकि आवश्यकतानुसार सही मात्रा में ठंडा और गर्म किया जा सके। इसके विपरीत एक नॉन इन्वर्टर एयर कंडीशनर एक निश्चित स्पीड कंप्रेसर होता है जो सभी या कोई नहीं के सिद्धांत पर काम करता है। यह आवश्यकता पड़ने पर चालू और बंद हो जाता है।

2. संचालन

Inverter AC आवश्यकता अनुसार कंडीशनल स्पेस तापमान को कंट्रोल करने के लिए कंप्रेसर की स्पीड को एडजस्ट करता है। जब यूनिट को चालू किया जाता है, तो यूनिट के अंदर का कंप्रेसर बिना रुके पूरी स्पीड से चलता है। यह आवश्यकतानुसार कूलिंग या हीटिंग पावर को सुनिश्चित करता है। वहीं Non Inverter AC कमरे के तापमान के आधार पर एक निश्चित मात्रा में बिजली प्रदान करता है। यह रूम के डिजायर्ड तापमान पर पहुंचने पर कंप्रेसर को बंद कर देता है और तापमान बढ़ने पर फिर से शुरू हो जाता है।

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3. बिजली की खपत

Inverter AC और Non Inverter AC के बीच मुख्य अंतर एक यह भी है कि वे कमरे के तापमान के आसपास कैसे काम करते हैं? इन्वर्टर एयर कंडीशनर यूनिट में कूलिंग और हीटिंग एक ऑटोमेटिक प्रक्रिया है, क्योंकि यूनिट के अंदर सेंसर कमरे के तापमान के अनुसार बिजली की आपूर्ति को एडजस्ट करता है, जो ऑटोमेटिक रूप से बिजली की खपत को कम करता है और इसे सामान्य इन्वर्टर की तुलना में ज्यादा इनेर्जी एफिसिएंट बनाता है। वहीं Non Inverter Air Conditioner कमरे के तापमान को निश्चित सीमा के भीतर रखने के लिए किसी भी समय चालू और बंद हो जाता है, जो इसे पर्यावरण के कम अनुकूल बनाता है।

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4. शोर-शराबा

Inverter Air Conditioner की हीटिंग या कूलिंग क्षमता कमरे के तापमान और बाहरी तापमान के आधार पर अलग-अलग होती है, क्योंकि यूनिट के अंदर कंप्रेसर अपने नॉन इन्वर्टर समकक्ष के रूप में बार-बार बंद नहीं होता है और हर समय मध्यम तापमान पर काम करता रहता है, इसलिए यह काफी शांत होता है। वहीं Non Inverter AC कम कुशल होता है, क्योंकि ये ऑटोमेटिक रूप से हर समय चालू और बंद हो जाता है, जिससे इन्वर्टर यूनिट की तुलना में बहुत ज्यादा शोर पैदा होता है।

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5. कीमत

शांत और सुचारू ऑपरेशन और एफिशिएंट तकनीक Inverter Air Conditioner की लागत में इजाफा करती है। कहने का अर्थ है कि Inverter AC यूनिट Non Inverter AC की तुलना में थोड़े ज्यादा महंगे होते हैं। हालांकि नॉन इन्वर्टर एसी यूनिट को लगाना इन्वर्टर एसी की तुलना में ज्यादा महंगा है।

निष्कर्ष

इस तरह हम कह सकते हैं कि Inverter Air Conditioner की तुलना में Non Inverter Air Conditioner सस्ता हो सकता है, लेकिन इनका मेंटनेंस और मैनेजमेंट दोनों महंगा है। इन्वर्टर यूनिट एयर कंडीशनिंग की तकनीक में नए हैं, जो कंप्रेसर की स्पीड को कंट्रोल करने के लिए इन्वर्टर का इस्तेमाल करती हैं, जिससे बार-बार बंद होने की झंझट समाप्त हो जाता है और यह इसकी दक्षता बढ़ाता है। इसके कारण इन्वर्टर एसी यूनिट के कुछ सायकल पार्ट की लाइफ भी बढ़ जाती है। ज्यादा कीमत होने के बाद भी Inverter AC यूनिट Non Inverter AC में बिजली बचाने का कार्य करते हैं और ये टिकाऊ भी होते हैं, इसलिए इन्वर्टर एयर कंडीशनर एक पंसदीदा विकल्प बनकर उभरता है। फिर वह चाहे Window AC हो या फिर Split AC हो।

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