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एक बाज जो पिछले 10 साल से कर रहा है विंबलडन कोर्ट की निगरानी

एक बाज जिसका नाम रुफस है वह 42 एकड़ के पूरे एरिया की निगरानी के लिए पहुंच जाता है

By Lakshya SharmaEdited By: Published: Sat, 14 Jul 2018 12:47 PM (IST)Updated: Sun, 15 Jul 2018 10:33 AM (IST)
एक बाज जो पिछले 10 साल से कर रहा है विंबलडन कोर्ट की निगरानी
एक बाज जो पिछले 10 साल से कर रहा है विंबलडन कोर्ट की निगरानी

 नई दिल्ली, जेएनएन।टेनिस की दुनिया के सबसे लोकप्रिय ग्रैंडस्लैम में से एक विंबलडन ओपन, इस टूर्नामेंट में दुनियाभर के दिग्गज ट्रॉफी जीतने के मकसद से कोर्ट पर उतरते हैं। कोर्ट की सुरक्षा के लिए सैकड़ों सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं लेकिन एक ऐसा सुरक्षाकर्मी भी है जो पूरी दुनिया में मशहूर है।

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खास बात ये है कि ये कोई इंसान नहीं बल्कि बाज है जी हां सही सुना। हर साल टूर्नामेंट शुरू होते ही एक बाज जिसका नाम रुफस है वह 42 एकड़ के पूरे एरिया की निगरानी के लिए पहुंच जाता है। रुफस पिछले 10 साल से ये काम कर रहा है और सोशल मीडिया पर भी काफी लोकप्रिय है। 

दरअसल रुफस से ऐसा करवाने का कारण है कबूतर। ग्रासकोर्ट को कबूतर से बचाने के लिए इस बाज को जिम्मेदारी दी गई है जिसे वह बखूबी निभाता है। इसके लिए उसे कड़ी ट्रेनिंग भी दी गई है। रुफस विंबलडन में तब से अपनी सेवा दे रहा है जब वह 16 हफ्तों का था।

रुफस एक अमेरिका की हैरिस प्रजाति का बाज है। विंबलडन को आयोजित करवाने वाली संस्था ऑळ इंग्लैंड क्लब ने ग्रास कोर्ट को कबूतर से बचाने ते लिए इसकी तैनाती की है। वह रोज सुबह 5 से 9 बजे तक अपना काम करता है। रुफस जब भी निगरानी करता है तो 11 हजार वाली सीटों वाले कोर्ट में एक भी कबूतर नजर नहीं आता।

कोर्ट की सुरक्षा में लगे इमोजन डेविस ने कहा कि रुफस करीब 10 साल से कबूतर को भगाने काम कर रहा है, वह हमारी ही टीम का हिस्सा है। डेविस ने बताया कि टूर्नामेंट के बीच में बारिश का खलल ना पड़े इसलिए कुल साल पहले मैदान के ऊपर छत बनवाइ गई थी।

 इसके बाद छत के नीचे कबूतरों ने अपना घर बना लिया था। इसके बाद रुफस पर दबाव बढ़ गया क्योंकि कबूतर खाने की तलाश में कोर्ट तक पहुंच जाते थे। अब रुफस के साथ एक और बाज को निगरानी पर रखा गया है। रुफस के शरीर पर रेडियो ट्रांसमीटर लगा है जिससे हमें उसकी लोकेशन का पता चल जाता है।

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