पिता की मौत के बाद भी US ओपन ग्रैंडस्लैम के कोर्ट पर उतरी थी ये महिला खिलाड़ी
जब उनके पिता की मौत का समाचार उन्हें मिला तब वो महज 16 साल की थीं, वो इस खबर से टूटी नहीं और अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुईं
नई दिल्ली, जेएनएन। सिमोन हालेप ने शनिवार को अमेरिका की स्लोअन स्टीफंस को हराकर ग्रैंड स्लैम का खिताब जीत लिया। रोमानिया की सिमोना हालेप ने स्टीफंस को महिला एकल के फाइनल मुकाबले में 3-6, 6-4, 6-1 से हराकर फ्रेंच ओपन ट्रॉफी अपने नाम कर ली। इसके साथ ही स्लोअन सटीफंस अपने दूसरे ग्रैंड स्लैम खिताब से चूक गईं। इस खिताबी मुकाबले में स्लोअन मैच तो जरूर हार गयीं लेकिन उन्होंने अपने दमदार खेल से ये संदेश दे दिया है कि आने वाले समय में वो ऐसे कई ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम करने वाली हैं।
पिछले साल यूएस ओपन के रूप में स्टीफंस ने अपना पहला ग्रैंड स्लैम का खिताब जीता था। लेकिन साल 2009 यूएस ओपन टूर्नमेंट से जुड़़ी एक ऐसी याद है जिसे वो अपने जीवन में कभी नहीं भुला सकतीं। 2009 के यूएस ओपन टूर्नमेंट की अभी शुरुआत ही हुई थी कि, तभी स्टीफंस को उनके पिता के निधन का समाचार मिला। टूर्नामेंट के दौरान ही उन्हें पता चला कि उनके पिता एक कार दुर्घटना में मारे गए।
स्टीफंस ने नहीं खोया अपना हौसला
जब उनके पिता की मौत का समाचार उन्हें मिला तब वो महज 16 साल की थीं, वो इस खबर से टूटी नहीं और अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुईं इसके बाद वो दोबारा टूर्नामेंट सिर्फ खेलने ही नहीं उतरी बल्कि दो मुकाबले भी जीते और अपने इरादे जाहिर किए हालांकि इसके बाद वो आगे नहीं जा पाईं यहीं से उन्हें हार कर बाहर होना पड़ी लेकिन उनके खेल के प्रति इस समर्पण को देखकर विशेषज्ञों ने आने वाले समय का सितारा मान लिया था।
इस साल स्लोअन स्टीफंस ने फ्रेंच ओपन फाइनल खेलने से पहले 6 खिताबी मुकाबले जीते। शनिवार को खिताबी मुकाबले में हार के बाद यह इस साल का पहला मौका था जब वो फाइनल में पहुंचने के बाद भी खिताबी जीत से दूर रह गयीं। वहीं, रोमानिया की सिमोना हालेप ने फ्रेंच ओपन टूर्नामेंट के फाइनल में तीसरी बार पहुंची थी, इससे पहले वो साल 2014 और 2017 के फाइनल जरूर पहुंची थी लेकिन उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी।