क्रिकेटर बनना चाहते थे सुमित नागल, पिता की चाहत ने बनाया टेनिस खिलाड़ी
पहले ही राउंड में उनका सामना दिग्गज खिलाड़ी और तीसरी वरीयता प्राप्त रोजरर फेडरर से होगा।
अमित पोपली, झज्जर। पहलवानों की धरती झज्जर से अब अन्य खेलों में भी प्रतिभाएं सामने आने लगी हैं। टेनिस के प्रतिष्ठित ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट अमेरिकी ओपन के अंतिम क्वॉलीफाइंग दौर में जीत हासिल करने के बाद मुख्य ड्रा में जगह बनाने वाले सुमित नागल झज्जर के ही गांव जैतपुर के रहने वाले हैं। पहले ही राउंड में उनका सामना दिग्गज खिलाड़ी और तीसरी वरीयता प्राप्त रोजरर फेडरर से होगा। सुमित इसे स्वप्निल पदार्पण मानते हैं। खास बात ये है कि वह पहले क्रिकेटर बनना चाहते थे और पिता को क्रिकेट पसंद नहीं था।
पिता से कहा-बेहद उत्साहित हूं
शुक्रवार को ही सुमित की अपने पिता सेना से सेवानिवृत्त हवलदार एवं वर्तमान में दिल्ली में बतौर शिक्षक कार्यरत सुरेश नागल से हुई थी। उनके मुताबिक सुमित को जब यह पता चला कि उसका मुकाबला महान खिलाडि़यों में से एक रोजर फेडरर से होने जा रहा है तो वह बेहद उत्साहित था।
पिता ने सुमित से कहा-क्षण का लुत्फ उठाना, बेहतर शॉट खेलना
सुमित को टेनिस कोर्ट तक ले जाने वाले उसके पिता सुरेश नागल जो कि स्वयं टूर्नामेंट के दौरान उससे ज्यादा बातचीत नहीं करते हैं, ने बेटे को सीख देते हुए बस इतना कहा कि उस क्षण का लुत्फ उठाना और अपने बेहतर शॉट खेलना। सुमित की माता कृष्णा एवं शिक्षिका बहन साक्षी का सपना है कि वह मेन्स ¨सगल्स टाइटल जीतें। देश का नाम रोशन करे।
पिता भी टेनिस के शौकीन
जिला झज्जर के जैतपुर गांव में 16 अगस्त, 1997 को जन्मे सुमित क्रिकेटर बनना चाहते थे लेकिन सेना की शिक्षा कोर से हवलदार के रूप में सेवानिवृत्त पिता सुरेश नागल को यह खेल पसंद नहीं था। वे खुद टेनिस के शौकीन हैं और चाहते थे कि बेटा भी टेनिस खेले। अपनी इस इच्छा को वे उस पर थोपना नहीं चाहते थे, इसलिए उन्होंने एक दिन सुमित से कहा, वे उसे स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स लेकर चलेंगे। सात साल की उम्र में पिता के साथ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स गया सुमित जब वापिस लौटा तो कदम टेनिस की तरफ बढ़ चुके थे।
स्टार खिलाड़ी महेश भूपति ने निखारी प्रतिभा
साढ़े नौ साल की उम्र में एक कंपनी के स्तर पर नई प्रतिभाओं के चयन की प्रक्रिया के दौरान महेश भूपति ने सुमित रूपी इस हीरे को तराशने का जिम्मा उठाया। अप्रैल, 2008 में सुमित नागल महेश भूपति की बेंगलुरू स्थित एकेडमी में ट्रे¨नग लेने के लिए चले गए। कंपनी का प्रोजेक्ट समाप्त हो जाने के बाद भूपति ने उनकी पूरी जिम्मेदारी लेने का फैसला कर लिया जो कि अब तक बदस्तूर जारी है। राफेल नडाल को अपना प्रेरणा मानने वाले सुमित के कॅरियर को भूपति ने ही आकार दिया है।