यूएस ओपन : सेरेना विलियम्स ने अंपायर द्वारा लगाए गए आरोप पर दी सफाई
सेरेना ने कहा कि उन्हें बेईमान कहा जा रहा था जबकि उन्होंने कोई बेईमानी नहीं की।
न्यूयॉर्क, एएफपी। जापानी खिलाड़ी नाओमी ओसाका और अमेरिकी महिला टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स के बीच खेले गए यूएस ओपन के महिला सिंगल्स फाइनल के नतीजे से ज्यादा सेरेना और चेयर अंपायर के बीच हुआ विवाद चर्चा में रहा। ओसाका के खिलाफ यूएस ओपन फाइनल का खिताब गंवाने वाली अमेरिकी महिला टेनिस खिलाड़ी सेरेना ने चेयर अंपायर को गुस्से में 'झूठा' और 'चोर' करार दिया था, लेकिन इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वह उन्हें बेईमान कह रहे थे, जबकि उन्होंने मैच में कोई बेईमानी नहीं की।
सेरेना को दूसरे सेट में अंपायर कार्लोस रामोस ने बॉक्स से कोचिंग लेने के कारण चेतावनी दी। उन्होंने अंपायर से माफी मांगने को भी कहा। अंपायर और सेरेना के बीच बढ़ते गतिरोध के बीच मैच रेफरी ब्रायन बीच में आए और सेरेना ने रोते हुए उनके सामने अपनी बात रखी। दूसरे सेट के दौरान ही अंक गंवाने के बाद सेरेना ने गुस्से में अपना रैकेट कोर्ट पर फेंककर मार दिया।
रैकेट से फाउल पर सेरेना को जब दूसरी बार आचार संहिता के उल्लंघन की चेतावनी और एक अंक की पेनाल्टी दी गई तो यह अमेरिकी खिलाड़ी गुस्से से भड़क गई। सेरेना ने कहा, 'आप मेरे चरित्र पर हमला कर रहे हैं। आप कभी मेरे कोर्ट पर दोबारा नहीं आना। आप झूठे हैं।' अंपायर रामोस ने इसके बाद नाराज सेरेना को अंपायर संहिता के तीसरे उल्लंघन के लिए एक गेम की पेनाल्टी दी, जिससे ओसाका दूसरे सेट में 5-3 से आगे और जीत से एक गेम दूर हो गईं। तीसरा उल्लंघन अपशब्दों का इस्तेमाल करने पर था। सेरेना ने अगला गेम जीता, लेकिन ओसाका ने अपनी सर्विस बचाकर अपने देश के लिए ऐतिहासिक जीत दर्ज की। सेरेना एक सितंबर 2017 को अपनी बेटी ओलंपिया के जन्म के बाद से पहले ग्रैंडस्लैम खिताब की तलाश में हैं। ओसाका ने सेरेना को 24वें ग्रैंडस्लैम खिताब से वंचित किया, जिससे वह मारग्रेट कोर्ट के 24 ग्रैंडस्लैम खिताब के सर्वकालिक रिकॉर्ड की बराबरी कर लेतीं।
लगाया लिंगभेद का आरोप : सेरेना ने खुद को वैश्विक आइकॉन और करोड़पति बनाने वाले टेनिस के खेल को लिंगभेदी करार दिया। सेरेना ने फाइनल के बाद पत्रकारों से कहा, 'वह मुझ पर बेईमानी का आरोप लगा रहे थे और मैं बेईमानी नहीं कर रही थी। मैं कोर्ट पर रहते समय कोचिंग का इस्तेमाल नहीं करती।' सेरेना ने कहा कि इस घटना से उनकी यह धारणा और मजबूत हुई है कि खेलों में महिला खिलाडि़यों से उनके पुरुष समकक्षों से अलग व्यवहार किया जाता है। उन्होंने कहा, 'मैंने पुरुष खिलाडि़यों को अंपायरों को और भी कई चीजें कहते हुए सुना है। मैं यहां महिला अधिकारों और महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने के लिए लड़ रही हूं। मेरे लिए उन्हें 'चोर' कहना और उनका मेरे खिलाफ एक गेम देने से मुझे लगा कि यह लिंगभेदी है। उन्होंने पुरुषों के साथ ऐसा कभी नहीं किया। इसने मुझे झकझोर दिया, लेकिन मैं महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ती रहूंगी।'