नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Sania Mirza। भारत की दिग्गज टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा को जिंदगी अपनी शर्तों पर जीने का कोई मलाल नहीं है। कई लोग सानिया को नये मानदंड (ट्रेंड-सेटर) स्थापित करने वाले मानते है, जबकि कुछ उन्हें बंधनों को तोड़ने वाला करार देते हैं। खुद सानिया हालांकि इन बातों से इत्तेफाक नहीं रखती। उनका मानना है कि वह बस 'अपनी शर्तों पर' जीवन जीना चाहती है।
सानिया ने कहा कि जो लोग अपने तरीके से काम करने की हिम्मत करते हैं उसे लेकर समाज को मतभेदों को स्वीकार करना चाहिए और किसी को 'खलनायक या नायक' के तौर पर पेश करने से बचना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि मैंने किसी नियम या बंधन को तोड़ा है। दुबई में अपना आखिरी टूर्नामेंट (डब्ल्यूटीए) खेल रही सानिया ने कहा,
''मुझे लगता है कि हर व्यक्ति अलग है और हर व्यक्ति को अलग होने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। मुझे लगता है कि एक समाज के रूप में यही वह जगह है जहां हम शायद बेहतर कर सकते हैं। हमें सिर्फ इसलिए लोगों की प्रशंसा या बुराई नहीं करनी चाहिये क्योंकि वे कुछ अलग कर रहे हैं।''
इसके साथ ही सानिया ने कहा,
''मैं खुद ईमानदारी के साथ रहने की कोशिश करती हूं। मैंने यही करने की कोशिश की है। मैंने खुद के प्रति सच्चे रहने की कोशिश की है। और मैंने जिंदगी को अपनी शर्तों पर जीने की कोशिश की है।''
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