सुनील गावस्कर ने बताया किस खिलाड़ी को होना चाहिए सर्वश्रेष्ठ टेनिस खिलाड़ी
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर हमेशा क्रिकेट पर अपनी राय रखते हैं लेकिन टेनिस समेत अन्य खेलों में भी उनकी रुचि है। यही वजह है कि उन्होंने टेनिस के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के बारे में बताया है।
सुनील गावस्कर का कॉलम। फ्रेंच ओपन के सेमीफाइनल मुकाबले में स्पेन के राफेल नडाल और सíबया के नोवाक जोकोविक के बीच बहुत ही शानदार तलवार चलाने वाले योद्धाओं की तरह टेनिस रैकेट से जंग देखने को मिली जिसमें जोकोविक ने जीत हासिल की। मेरे विचार से सभी ग्रैंडस्लैम में क्ले कोर्ट पर जीतना सबसे कठिन है क्योंकि इसमें ना सिर्फ आपकी कुशलता और क्षमता बल्कि लंबी-लंबी रैली के दौरान कैसे अंक अíजत करना है, उसके लिए मानसिकता भी अग्निपरीक्षा होती है।
टेनिस का यह खेल सिर्फ मजबूत पैरों को ही नहीं बल्कि मजबूत फेफड़े और खिलाड़ी की क्षमता को भी प्रदर्शित करता है कि कैसे वह घंटों तक खेलते हुए खुद को तरोताजा रखता है। टूर्नामेंट का दूसरा सप्ताह काफी अविश्वसनीय रहा, जहां कई खिलाड़ी अपने-अपने मैच जीतकर आगे बढ़ रहे थे। सच कहूं तो यह काफी खास टूर्नामेंट है और इससे ही दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का चयन होना चाहिए क्योंकि टेनिस के बाकी टूर्नामेंट काफी तेज कोर्ट पर खेले जाते हैं, जहां पर एक खिलाड़ी दमदार सíवस से मैच जीत सकता है। वहीं, क्ले कोर्ट पर आपने कितने ऐस देखे? मेरे ख्याल से बाकी टूर्नामेंट की तुलना में एक चौथाई भी नहीं। यही कारण है कि इस टूर्नामेंट के जरिये टेनिस के सबसे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का चयन होना चाहिए। ना सिर्फ सíवस के आधार पर बल्कि इसमें खिलाड़ी के हर एक पहलू का पता चलता है।
क्या 13 बार फ्रेंच ओपन का खिताब जीतने वाले राफेल नडाल टेनिस जगत के सबसे महान खिलाड़ी हैं जबकि उनके नाम रोजर फेडरर के बराबर 20 ग्रैंडस्लैम खिताब शामिल हैं। हालांकि फेडरर के नाम केवल एक ही फ्रेंच ओपन का खिताब शामिल है। वहीं, जोकोविक अगर शनिवार को होने वाले फाइनल मुकाबले में जीत दर्ज कर लेते हैं तो उनके नाम भी पहला फ्रेंच ओपन खिताब जुड़ जाएगा जबकि एक ही साल में चारों ग्रैंडस्लैम जीतने का मौका भी उनके पास बन सकता है। क्योंकि साल की शुरुआत में वह आस्ट्रेलियन ओपन में जीत हासिल कर चुके हैं और विंबलडन व यूएस ओपन का होना अभी बाकी है।
पूरे विश्व में जारी विविधता, समानता और नस्ली आन्दोलन (बीएलएम) के समय में आज बड़ा सवाल यह उठता है कि टेनिस के ग्रैंडस्लैम सिर्फ चार देशों में ही क्यों खेले जाते हैं? जबकि गोल्फ के बड़े टूर्नामेंट सिर्फ दो देशों में ही आयोजित होते हैं। इस तरह के टूर्नामेंट मध्य पूर्व, एशिया और अफ्रीकी द्वीपों में क्यों नहीं आयोजित किए जाते हैं? यदि जीवन के सभी क्षेत्रों में आज विविधता और समानता खेल का नाम है तो इन दो खेलों में ऐसा क्यों नहीं है। निश्चित रूप से उल्लेख किए गए चार देशों में कुछ अन्य सामान्य टूर्नामेंटों के बजाए दो मेजर ग्रैंडस्लैम को जोड़ने से प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होगी और उससे वर्तमान वर्ष में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का फैसला करने में मदद मिलेगी। हालांकि मुझे लगता है कि ऐसा मेरे जीवनकाल में तो संभव नहीं हो पाएगा। मगर टेनिस और गोल्फ जैसे खेलों को चार व सिर्फ दो देशों के अलावा अन्य देशों में भी आयोजित करवाया जाए तो शायद हम एशिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व में भी ऐसे खेलों को आगे आते देख सकते हैं।
इसी बीच इंग्लैंड में दो टेस्ट मैचों की सीरीज के दौरान न्यूजीलैंड की टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल से पहले अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी को निखारने का शानदार काम कर रही है। मौसम की जैसी हमें आशा थी वैसे ही हुआ। लार्ड्स में खेले गए पहले टेस्ट मैच के दौरान तीसरा दिन बारिश से धुल गया था। हालांकि इसके बावजूद कीवी टीम के बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। वहीं, किवी टीम के शीर्ष तेज गेंदबाज टिम साउथी और ट्रेंट बोल्ट ने भी शानदार लय दिखाते हुए विकेट भी चटकाए। इसके अलावा इंग्लैंड के बल्लेबाजों की तकनीक के बारे में बात करें तो न्यूजीलैंड के गेंदबाजों के आगे उन्हें संघर्ष करते हुए देखने से कोई हैरानी नहीं है। वह साल की शुरुआत में इसी तरह से संघर्ष करते नजर आए थे।
भारत की बल्लेबाजी आर्थोडोक्स व आधुनिकता का एक शानदार मिश्रण है इसलिए कीवी गेंदबाज साउथी, बोल्ट एंड कंपनी के लिए भारत की बल्लेबाजी को बिखेरना अखरोट को तोड़ने जैसा होने वाला है। श्रीलंका दौरे के लिए टीम इंडिया की कप्तानी शिखर धवन को दिए जाने के फैसले ने वाकई मेरे दिल को जीत लिया है। वह इस खेल के काफी लोकप्रिय बल्लेबाज हैं जिन्हें भारत की कप्तानी करने का सम्मान प्राप्त हुआ। वह ईमानदारी से पिछले काफी समय से भारतीय क्रिकेट की सेवा अपनी मुस्कान और समान स्वभाव के साथ करते आ रहे हैं। इसलिए वह दौरे पर एक चेहते कप्तान रहेंगे। टीम के युवा खिलाड़ी भी उनके विशाल अनुभव से लाभान्वित होंगे, जबकि गब्बर शेर के तहत टीम की बैठकें बहुत मजेदार होंगी।
श्रीलंका का दौरा भारतीय क्रिकेट की ताकत को दर्शाता है कि एक समय में उसकी दो अंतरराष्ट्रीय टीमें हो सकती हैं। इसके लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ( बीसीसीआइ ) का सम्मान किया जाना चाहिए। जिस तरह से उसने ए टीमों और जूनियर क्रिकेट को बढ़ावा दिया है। यही मुख्य कारण है कि भारत इतनी अविश्वसनीय क्रिकेट प्रतिभा से भरा हुआ है।