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जर्मनी का 81 साल का सूखा खत्म करने पर है एलेक्जेंडर ज्वेरेव की नज़र

ज्वेरेव का लगातार 13 मुकाबले जीतने का सिलसिला बीते रविवार को 10 बार के विजेता नडाल ने तोड़ा।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 01:35 PM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 01:36 PM (IST)
जर्मनी का 81 साल का सूखा खत्म करने पर है एलेक्जेंडर ज्वेरेव की नज़र
जर्मनी का 81 साल का सूखा खत्म करने पर है एलेक्जेंडर ज्वेरेव की नज़र

पेरिस, एएफपी। एलेक्जेंडर ज्वेरेव में लाल बजरी के बादशाह राफेल नडाल के लिए बड़ा खतरा बनकर उभरे हैं और उनकी नजरें रोलां गैरा पर पुरुष सिंगल्स का खिताब जीतकर जर्मनी के लिए 81 साल का सूखा खत्म करने पर लगी हैं। बीते रविवार को इटली ओपन के फाइनल में 21 साल के ज्वेरेव को नडाल के खिलाफ पांचवें मुकाबले में भले ही पांचवीं हार मिली हो, लेकिन पहला सेट 6-1 से हारने के बाद जिस तरह से उन्होंने वापसी की, वह काबिले तारीफ है।

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यह उदीयमान खिलाड़ी किसी ग्रैंडस्लैम के क्वार्टर फाइनल तक नहीं पहुंचा है, लेकिन मैड्रिड में क्ले कोर्ट पर अपना दूसरा मास्टर्स खिताब जीतने के बाद उन्हें के लिए दूसरी वरीयता मिली है। मैड्रिड में फाइनल में ज्वेरेव ने ऑस्ट्रिया के डोमिनिक थिएम को शिकस्त दी थी, जिन्होंने टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में नडाल को बाहर का रास्ता दिखाया था। ज्वेरेव का लगातार 13 मुकाबले जीतने का सिलसिला बीते रविवार को 10 बार के विजेता नडाल ने तोड़ा। ज्वेरेव एक बार फिर उसी लय को हासिल करना चाहेंगे।

ज्वेरेव ने कहा, ‘ इस समय और अगले कुछ दिनों तक मैं टेनिस बारे में भी नहीं सोचूंगा और तब मैं पेरिस जाऊंगा और अपनी तैयारियों के मुताबिक अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा। निश्चित तौर पर राफा वहां प्रबल दावेदार होंगे। मैं ड्रॉ के दूसरे हाफ में हूं जो अच्छी बात है। मैं मास्टर्स फाइनल में उन्हें हराने के करीब पहुंचा था और इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है।’

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फ्रेंच ओपन के पुरुष सिंगल्स का खिताब जीतने वाले पिछले जर्मन खिलाड़ी हेन्नर हेंकल थे, जिन्होंने 1937 में नाजी जर्मनी के झंडे तले खिताब जीता था। बाद में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान स्टालिनग्राड की लड़ाई में 27 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई थी। हेंकल ने ब्रिटेन के बन्नी ऑस्टिन को हराकर खिताब जीता था जो जर्मनी के लिए चार साल में तीसरा खिताब था। गॉटफ्रिड वॉन क्राम ने 1934 और 1936 में जर्मनी के लिए दो बार खिताब जीता था। इसके बाद जर्मनी की ओर से जीतने के सबसे करीब माइकल स्टिच पहुंचे थे जिन्हें 1996 में खिताबी मुकाबले में रूस के येवगेनी केफेलनिकोव के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।

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