White Goods बनाने वाली कंपनियां उठाएंगी PLI स्कीम का लाभ, क्या सस्ते होंगे इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सात अप्रैल 2021 को एयर कंडीशनर (एसी) और एलईडी लाइट के कल-पुर्जों के विनिर्माण तथा सब-असेंबली के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना को 2021-22 से 2028-29 तक सात वर्ष की अवधि में लागू किया जाना है। इस पर कुल खर्च 6238 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। यह आवेदन 15 जुलाई से 12 अक्टूबर तक दिये जा सकते हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआइटी) ने एसी और एलईडी लाइट बनाने वाली कंपनियों से सोमवार को कहा कि वे प्रोडक्शन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत वित्तीय लाभ हासिल करने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन करें। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआई) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में डीपीआइआइटी में अतिरिक्त सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने कहा कि विभाग ने इन (एसी और एलईडी लाइट) वस्तुओं के लिए पीएलआइ योजना के तहत आवेदन जमा करने के लिए विंडो एक बार फिर से खोल दी है।
यह आवेदन 15 जुलाई से 12 अक्टूबर तक दिये जा सकते हैं। पीएलआई योजना के तहत अभी तक 6,962 करोड़ रुपये के निवेश वाले 66 आवेदकों को लाभार्थियों के रूप में चुना गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सात अप्रैल 2021 को एयर कंडीशनर (एसी) और एलईडी लाइट के कल-पुर्जों के विनिर्माण तथा सब-असेंबली के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना को 2021-22 से 2028-29 तक सात वर्ष की अवधि में लागू किया जाना है। इस पर कुल खर्च 6,238 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है।
पांच लाख करोड़ रुपये का होगा कंज्यूमर ड्यूरेबल बाजार
ब्लू स्टार लिमिटेड के सीएमडी त्यागराजन ने सीआइआई शिखर सम्मेलन में कहा कि वित्त वर्ष 2030 तक भारत का कंज्यूमर ड्यूरेबल बाजार पांच लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा और उम्मीद है कि 2027 तक यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के उत्पाद वैश्विक विश्वसनीयता की ओर बढ़ रहे हैं।
ऐसे में एक मजबूत ईकोसिस्टम का निर्माण करना आवश्यक है। उन्होंने प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और भारत को एक आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से उन्नत वैश्विक खिलाड़ी बनाने के लिए पीएलआई सहित विभिन्न पहलों के माध्यम से इस क्षेत्र को सरकार द्वारा दिए जा रहे समर्थन की सराहना की।