Move to Jagran APP

WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी से Jio को होगा फायदा या नुकसान, जानिए पूरा मामला

WhatsApp में अभी तक लोग बहुत तरह की सूचनाएं शेयर करते रहे हैं। Facebook के विपरीत WhatsApp पर की गई बातें काफ़ी पर्सनल होती हैं। लोग व्यक्तिगत बातें करते हुए प्राइवसी के बारे में नहीं सोचते ये सामने -सामने बात करने जैसा है।

By Saurabh VermaEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 06:04 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 06:04 PM (IST)
WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी से Jio को होगा फायदा या नुकसान, जानिए पूरा मामला
यह WhatsApp की प्रतीकात्मक फाइल फोटो है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। WhatsApp की नई पॉलिसी को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं, जिसे लेकर काफी कंफ्यूजन पैदा हो गया है। बता दें कि WhatsApp एक Facebook ओन्ड कंपनी है। वही Facebook जिसने Jio के साथ साझेदारी कर रही है। ऐसे में कई लोग WhatsApp प्राइवेसी पॉलिसी को jio को फायदा पहुंचाने वाली बता रहे हैं। इस बारे में हमने एडवांस्ड टेक्नॉलजी के एक्सपर्ट कुणाल किसलय से बातचीत की, तो उन्होंने इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है। कुणाल किसलय के मुताबिक Jio के साथ टाई-अप के कारण भारतीय उपभोक्ताओं को कई सारे सस्ते डिजिटल सलूशन मिलेंगे, जिससे WhatsApp पर बातचीत के साथ साथ शॉपिंग भी की जा सकेगी। किसी ने अगर बातचीत के दरम्यान किसी मिक्सर ग्राइंडर को सजेस्ट किया है तो दुकान में उस प्रोडक्ट को ख़रीदने के मेसेज WhatsApp पर भेजे जा सकते हैं। इससे सस्ता और सही सामान मिलेगा, लेकिन प्राइवसी नहीं रहेगी। इससे बात करने का तरीक़ा बदलेगा और व्यक्तियों के स्वभाव पर भी असर पड़ेगा।  

loksabha election banner

Facebook और WhatsApp में अंतर

कुणाल बताते हैं कि Whatsapp में अभी तक लोग बहुत तरह की सूचनाएं शेयर करते रहे हैं। Facebook के विपरीत Whatsapp पर की गई बातें काफ़ी पर्सनल होती हैं। लोग व्यक्तिगत बातें करते हुए प्राइवसी के बारे में नहीं सोचते, ये सामने -सामने बात करने जैसा है। जबकि फ़ेसबुक पर हर व्यक्ति अपनी एक इमेज बना कर चलता है और उसी छवि के अनुरूप पोस्ट करता है या बाक़ी कमेंट करता है। आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेन्स का इस्तेमाल करके फ़ेसबुक कंटेंट को एनलायज़ करेगा और व्यक्तियों के कई सारे आयामों को बेहतर समझ पाएगा। सिर्फ़ फेसबुक के डेटा से व्यक्ति को पूरी तरह समझना आसान नहीं है। कई बार लोग फ़ेसबुक पर जो लिखते हैं, वैसे असल जीवन में नहीं होते। Whatsapp की बातें प्राइवेट समझी जा रही थीं। इसलिए वहां बात करते हुए व्यक्ति खुल कर अपने विचार रखता था। फेसबुक को जब यह डेटा मिलेगा, तो एड्वरटाइजिंग को बहुत ज़्यादा पर्सनल बनाया जा सकेगा। व्यक्तियों को सिर्फ़ वे ऐड्ज़ भेजे जाएंगे, जिनमें उनका सच में इंट्रेस्ट है, ना कि सिर्फ़ दिखावे के लिए।

द डायलाग के काजिम रिज़वी ने कहा कि WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी और मौजूदा डेटा संग्रह और प्रसंस्करण नीतियों के बीच कोई खास अंतर नहीं है। यह अपडेट केवल WhatsApp, मैसेंजर और Instagram को सम्मिलित करने के लिए की गई है। नए अपडेट में WhatsApp फेसबुक के साथ उपयोगकर्ता के  मेटा-डेटा बाटेंगे। इस साझे में निजी चैट या कॉल का डाटा नहीं आएगा। इस अपडेट  के  माध्यम से WhatsApp ने साफ किया है कि वह मेटा-डेटा, जैसे की फोन नंबर, स्थान, ग्रुप फोटो जैसी जानकारी को कैसे संग्रहीत और संसाधित करते है जो कि ऐप की कार्यक्षमता और सुरक्षित रखने के लिए उपयोगी है।

WhatsApp जैसे प्लेटफॉर्म्स कानूनी विवेचना के लिए सरकार के साथ मेटा-डाटा  बाटने के लिए इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी अधिनियम, 2000 के अंतर्गत बाध्य है।  यह मेटा-डाटा, न की चैट की निजी डाटा, चोर-उचक्कों और आतंकवादियों को  पकड़ने में बहुत काम आता है। साथ ही व्यक्तिगत चैट और कॉल एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के तहत 100% सुरक्षित है। इस चैट में शेयर करी गयी फोटो तथा अन्यागत मीडिया फाइल्स भी देखने की क्षमता व्हाट्सएप या फेसबुक तोह क्या सरकार के पास भी नहीं है।

WhatsApp चैट को एन्क्रिप्ट करने के लिए सिग्नल प्रोटोकॉल (सिग्नल ऐप्प द्वारा उपयोग की जाने वाली समान तकनीक) का उपयोग करता है, और यह सभी प्रकार के संचारों के लिए उपयुक्त है चाहे वह व्यक्तिगत हो या व्यावसायिक। तीसरा, जो बड़ा बदलाव हुआ है, वह बिजनेस मैसेजिंग के संबंध में है जिसमे व्हाट्सएप ए.पी.आई. का उपयोग करता है। व्हाट्सएप ए.पी.आई. एक अलग सेवा है जो बड़े पैमाने पर व्यवसायों के लिए ग्राहकों को संभालने में कार्यव्रत है। व्हाट्सप्प बिज़नेस अकाउंट से की गई चैट को कोई व्यवसाई किसी भी तीसरी पार्टी के माध्यम से विश्लेशण कर सकता है। किन्तु यहाँ पे सभी उपभोग्ताओं के पास बिजनेस अकाउंट से बात करने या ना करने की खुली छूट है।  

नोट- इस आर्टिकल को काजिम रिज़वी और कुणाल किसलय ने लिखा है। काजिब रिज़वी द डायलाग के संस्थापक निदेशक हैं जो एक सार्वजनिक नीति थिंक-टैंक है जो नई दिल्ली में स्थित है। वही कुणाल किसलय एडवांस्ड टेक्नॉलजी के एक्सपर्ट हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.