ट्विटर पर लगा निजी डाटा चोरी का आरोप, 1164 करोड़ रुपये का भरेगी जुर्माना
ट्विटर ने निजी जानकारी का दुरुपयोग करने के आरोपों को निपटाने के लिए यूएस को 150 मिलियन डॉलर (1164 करोड़ रुपये) का भुगतान करेगा। ट्विटर के पर आरोप हैं कि उसने मई 2013 और सितंबर 2019 के बीच यूजर्स डाटा की सुरक्षा और गोपनीयता को गलत तरीके से पेश किया।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। माइक्रोबलॉगिंग कंपनी ट्विटर अपने पर लगे आरोपों को निपटाने के लिए US को 150 मिलियन डॉलर (लगभग 1,164 करोड़ रुपये) का भुगतान करने के लिए सहमत हो गई है। बुधवार को दायर किए गए अदालती दस्तावेजों के अनुसार, कंपनी ने सुरक्षा कारणों से यूजर्स की निजी जानकारी का उपयोग करने के नाम पर विज्ञापन हासिल करने के लिए फोन नंबर जैसी निजी जानकारी का दुरुपयोग किया है। इसके साथ ही ट्विटर पर आरोप हैं कि उसने मई 2013 और सितंबर 2019 के बीच यूजर्स डेटा की "सुरक्षा और गोपनीयता" को गलत तरीके से प्रस्तुत किया।
न्याय विभाग और संघीय व्यापार आयोग (FTC) द्वारा घोषित समझौते के तहत कंपनी यूएस कोर्ट को लगभग 1,164 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी। इसके अलावा ट्विटर को अपनी अनुपालन प्रथाओं में सुधार करने की हिदायत दी गई है। शिकायत में कहा गया है कि कंपनी ने FTC अधिनियम और एजेंसी के साथ 2011 के समझौते का उल्लंघन किया है।बतादें कि ट्विटर ने यूजर्स को यह बताया कि उसने उनके खातों को सुरक्षित करने के लिए उनके टेलीफोन नंबर और ईमेल आईडी एकत्र किए। मगर यह जानकारी नहीं दी कि कंपनी ने विज्ञापनदाताओं को अपने पसंदीदा दर्शकों तक पहुंचने में सहायता के लिए भी यूजर की जानकारी का उपयोग किया।
ट्विटर के मुख्य गोपनीयता अधिकारी, डेमियन कीरन ने एक बयान में कहा कि यूजर की गोपनीयता और सुरक्षा की रक्षा के लिए समझौते के साथ "हमने ऑपरेशन अपडेट और प्रोग्राम इंहासमेंट पर एजेंसी के साथ गठबंधन किया है। जानकारी के लिए बता दें कि ट्विटर एक फ्री सर्विस है, जो मुख्य रूप से विज्ञापन के माध्यम से पैसा कमाती है। अरबपति एलन मस्क, जो 44 बिलियन डॉलर (लगभग 3,41,300 करोड़ रुपये) में इसको खरीद रहे हैं। इन्होंने इसके विज्ञापन-संचालित व्यवसाय मॉडल की आलोचना की है।
मस्क ने बुधवार देर रात एक ट्वीट में सोशल मीडिया कंपनी की विज्ञापन नियमो और जुर्माने पर टिप्पणी की है। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि 2019 में ट्विटर ने 3.4 अरब डॉलर (करीब 26,389 करोड़ रुपये) की कमाई की, जिसमें से करीब 3 अरब डॉलर (करीब 23,284 करोड़ रुपये) विज्ञापन से थे।