Move to Jagran APP

TRAI पूछ रही, क्या आपका मोबाइल और लैंडलाइन नंबर होना चाहिए एक ही? जानें क्यों पड़ी जरूरत

TRAI ले रही राय पूछ रही क्या आपका मोबाइल और लैंडलाइन नंबर होना चाहिए एक समान जानें क्यों पड़ी ऐसी जरूरत

By Sakshi PandyaEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 11:29 AM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 11:31 AM (IST)
TRAI पूछ रही, क्या आपका मोबाइल और लैंडलाइन नंबर होना चाहिए एक ही? जानें क्यों पड़ी जरूरत
TRAI पूछ रही, क्या आपका मोबाइल और लैंडलाइन नंबर होना चाहिए एक ही? जानें क्यों पड़ी जरूरत

नई दिल्ली, टेक डेस्क। TRAI टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ने भारत में नंबर स्कीम पर कंसल्टेशन प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। इसमें यह पूछा जा रहा है की क्या मोबाइल और लैंडलाइन नंबर एक जैसे होने चाहिए या नहीं। नियामक विभाग का परामर्श पत्र मई में दूरसंचार विभाग द्वारा पर्याप्त संख्या में संसाधनों को सुनिश्चित करने के लिए अपनी सिफारिशों की मांग के बाद आया है। TRAI ने शुक्रवार को कहा कि इस परामर्श पत्र का उद्देश्य राष्ट्रीय नंबरिंग योजना को प्रभावित करने वाले परिवर्तनों का विश्लेषण करना और पर्याप्त संख्या में संसाधनों को सुनिश्चित करने के लिए संसाधन प्रबंधन और आवंटन नीति को प्रबंधित करने के तरीकों की पहचान करना है।

loksabha election banner

TRAI यह भी जानना चाहता है कि क्या सिर्फ डाटा वाले मोबाइल नंबर को वर्तमान 10 अंकों की संख्या से 13 अंकों की संख्या में स्थानांतरित किया जा सकता है। सरकार ने पहले ही कहा है कि मशीन से मशीन संचार के लिए 13 अंकों की संख्या का उपयोग किया जाएगा। इसके ऊपर लिखित में राय 21 अक्टूबर तक और काउंटर कमैंट्स को 4 नवंबर तक दाखिल किया जा सकता है। जून अंत तक भारत में कुल टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या 1186.63 मिलियन रही। ऐसी प्रक्रिया आखिरी बार 2003 में हुई थी। उस समय नंबरिंग प्लान पर काफी समीक्षा की गई थी। इससे 750 मिलियन कनेक्शंस के लिए संसाधन तैयार किये गए थे। इसमें 450 मिलियन मोबाइल और 300 मिलियन बेसिक फोन्स थे।

TRAI ने 2003 की योजना ने अनुमान लगाया था कि 2030 तक 450 मिलियन मोबाइल कनेक्शन होंगे और यह संख्या 2009 में पहले ही प्राप्त हो चुकी थी। इसलिए यह समीक्षा जरूरी है। TRAI का कहना है की - नंबरिंग रिसोर्सेज की उपलब्धता को खासकर मोबाइल सेगमेंट में तेजी से बढ़ते हुए कनेक्शंस और सेवाओं की बढ़ती रेंज के कारण खतरा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.