TRAI ने की वायरलेस एक्सेस सर्विसेज के कर्मशियल लॉन्च से पहले नेटवर्क टेस्टिंग की सिफारिश
TRAI के अनुसार TSP को अपनी सर्विसेज के कर्मशियल लॉन्च से पहले नेटवर्क टेस्टिंग करने के लिए टेस्टिंग फेज में यूजर्स को एनरोल करने की अनुमति दी जानी चाहिए। फोटो साभार TRAI
नई दिल्ली, एएनआई। टेलिकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने बुधवार को वायरलेस एक्सेस सेवाओं के कर्मशियल लॉन्च से पहले नेटवर्क टेस्टिंग को लेकर अपनी सिफारिश जारी की है। TRAI के अनुसार, TSP यानी टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर को अपनी सर्विसेज के कर्मशियल लॉन्च से पहले नेटवर्क टेस्टिंग करने के लिए टेस्टिंग फेज में यूजर्स को एनरोल करने की अनुमति दी जानी चाहिए। यही TRAI द्वारा की गई सिफारिश का मुख्य आधार है।
TRAI ने कहा है कि अगर नेटवर्क टेस्टिंग केवल कर्मचारियों और बिजनेस पार्टनर्स को दिए गए वायरलाइन टेलीफोन टेस्टिंग कनेक्शन का इस्तेमाल कर की जाती है तो टेस्टिंग की समय सीमा पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। LSA में TSP द्वारा एनरोल किए जा सकने वाले यूजर्स की संख्या उस LSA के लिए स्थापित क्षमता के 5 फीसद तक ही सीमित होनी चाहिए। साथ ही यह भी कहा है कि टेस्ट फेज की समयसीमा 90 दिन की होनी चाहिए जिसमें टेस्टिंग यूजर्स शामिल हों। इसके अलावा, TSP को दिए गए नेटवर्क टेस्टिंग की कुल समय अवधि 180 दिनों से ज्याद नहीं होनी चाहिए।
सिक्योरिटी और प्राइवेसी से संबंधित सभी लाइसेंसिंग प्रावधानों को लाइसेंसधारी द्वारा संकलित या कंपायल्ड किया जाना चाहिए। TSP को पारदर्शी रूप से टेस्टिंग यूजर्स को यह जानकारी दी जानी चाहिए कि टेस्टिंग फेज के दौरान कोई शुल्क (फिक्सड चार्ज या यूसेज-आधारित चार्ज) नहीं होगा। साथ ही CPE (कस्टमर प्रीमाइसेज इक्यूपमेंट) को नि: शुल्क प्रदान किया जाता है।
इससे पहले देश में कोरोनावायरस की वजह से लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया था जिसके बाद TRAI ने टेलिकॉम कंपनियों से यूजर्स के नंबर की वैलिडिटी एक्सटेंड करने का निर्देश दिया था। जहां Vodafone-Idea ने अपने 9 करोड़ लो इनकम ग्रुप्स वाले यूजर्स को 3 मई तक फ्री इनकमिंग कॉलिंग सुविधा उपलब्ध कराई थी। वहीं, Airtel ने अपने 3 करोड़ लो इनकम ग्रुप वाले यूजर्स के नंबर्स की वैधता को 3 मई तक बढ़ा दिया था। यहां पढ़ें पूरी खबर