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Entertainment Apps पर कंटेट रेगुलेशन के लिए लीगल फ्रेमवर्क में बदलाव की जरूरत- TRAI

ट्राई ने डिजिटल टेक्नोलॉजी और सर्विस को रेगुलेट करने और ब्रॉडकास्टिंग और टेलीकम्युनिकेशन सर्विस को बेहतर बनाने के लिए इच्छुक संस्थाओं को सुझाव और टिप्पणियों के लिए आमंत्रित किया है। रेगुलेटर ने एंटरटेनमेंट ऐप्स पर कंटेंट रेगुलेशन के लिए नियमों में बदलाव की जरूरत को महसूस किया है।

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaPublished: Tue, 31 Jan 2023 10:14 AM (IST)Updated: Tue, 31 Jan 2023 10:14 AM (IST)
Entertainment Apps पर कंटेट रेगुलेशन के लिए लीगल फ्रेमवर्क में बदलाव की जरूरत- TRAI
Trai calls for overhaul of existing norms around entertainment apps, pic courtesy- jagran

नई दिल्ली, टेक डेस्क। टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (Telecom Regulatory Authority of India) ने बीते सोमवार को एंटरटेनमेंट ऐप्स के लीगल फ्रेमवर्क में बदलावों के लिए एक परामर्श पत्र जारी किया है। टेलीकॉम और ब्रॉडकास्ट रेगुलेटर ने नेटफ्लिक्स, एमएक्स प्लेयर, होटस्टार, और प्राइम वीडियो जैसे ऐप्स की बात की है।

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दरअसल परामर्श पत्र में रेगुलेटर ने डिजिटल टेक्नोलॉजी और सर्विस को रेगुलेट करने और ब्रॉडकास्टिंग और टेलीकम्युनिकेशन सर्विस को बेहतर बनाने के लिए इच्छुक संस्थाओं को सुझाव और टिप्पणियों के लिए आमंत्रित किया है।

रेगुलेटर ने लीगल फ्रेमवर्क में बदलावों की जरूरत को महसूस किया है ताकि मौजूदा नियमों में जटिलताओं को कम किया जा सके ।

मौजूद नियमों में क्यूं आ रही जटिलता

दरअसल मौजूदा समय में बहुत से ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और एंटरटेनमें ऐप्स ग्राहकों के मनोरंजन के लिए पेश हैं। इन ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और ऐप्स को समय की जरूरत माना जा सकता है। इस बात में कोई दो राय नहीं कि समय के साथ यूजर्स की पसंद और जरूरत में भी बदलाव हुआ है।

स्ट्रीमिंग ऐप्स और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स में कंटेट की विशालता है। यानी हर यूजर को अपने पसंद का कंटेट मिल रहा है। ऐसे में कंटेंट के रेगुलेशन को लेकर नियम कुछ साफ नहीं हैं।

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को सरकार के इंफोर्मेशन और ब्रॉडकास्टिंग मंत्रालय के अंतर्गत रखा गया है जबकि ओटीटी के कंटेट को रेगुलेट आईटी एक्ट 2000 और दूसरे एक्टों के तहत ही किया जाता है। बावजूद इसके मौजूदा लीगल फ्रेमवर्क को एक बार फिर से जांचने की जरूरत है।

परामर्श पत्र में उठाए गए मुद्दे पर कब तक दे सकतें सुझाव

जारी किए गए परामर्श पत्र में ट्राई ने क्लाउड सर्विस में आने वाली जटिलताओं पर ही बात रखी है। बता दें रेगुलेटर ने सुझावों और टिप्पणियों के लिए आखिरी तारीख 27 फरवरी तय की है। इसके अलावा काउंटर कमेंट्स की तारीख 13 मार्च रखी गई है। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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