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प्ले स्टोर एप्स में वायरस का खतरा, कर सकता है आपकी कॉल रिकॉर्ड

‘Lipizzan’ नाम का यह मालवेयर टारगेट यूजर्स के व्यक्तिगत जानकारियों को चुराता है

By Joyeeta BhattacharyaEdited By: Published: Wed, 02 Aug 2017 04:10 PM (IST)Updated: Thu, 03 Aug 2017 08:02 AM (IST)
प्ले स्टोर एप्स में वायरस का खतरा, कर सकता है आपकी कॉल रिकॉर्ड
प्ले स्टोर एप्स में वायरस का खतरा, कर सकता है आपकी कॉल रिकॉर्ड

नई दिल्ली (जेएनएन)। एंड्रायड फोन में प्ले स्टोर पर Lipizzan मालवेयर के अटैक की खबर सामने आ रही है।यह स्पाइवेयर का नया रूप है, जिसे खासतौर से एंड्रायड डिवाइस पर अटैक करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह स्पाइवेयर फोन के कम्यूनिकेशन डिटेल्स पर नजर रखता है। यानि की यह स्पाइवेयर फोन के लोकेशन की जानकारी निकाल लेते हैं। इस स्पाइवेयर को गूगल पर साइबर सिक्योरिटी की ओर से ब्लॉक कर दिया गया है।

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'घोड़े की नस्ल' पर रखा नाम:

आपको बता दें कि ‘Lipizzan’ नाम का यह मालवेयर, जिसका नाम घोड़े की नस्ल पर रखी गई है। यह मालवेयर टारगेट ऑडियंस के ईमेल, टेक्स्ट, दूसरे मैसेज और कॉन्टैक्ट की जानकारी चुराता है। इसके साथ ही यह मालवेयर यूजर्स के कॉल्स को भी रिकॉर्ड कर सकता है। साथ ही यह स्क्रीनशॉट और ऑडियो व वीडियों को रिकॉर्ड कर लेता है।

इन एप्स से चुराते है डाटा:

गूगल ने कुछ ऐसे एप्स के बारे में भी जानकारी दी है, जो इस मालवेयर के निशाने पर हैं। इनमें Gmail, Hangouts, KakaoTalk, LinkedIn, Messenger, Skype, Snapchat, StockEmail
Telegram, Threema, Viber, Whatsapp जैसे एप्स भी शामिल हैं।

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ध्यान देने वाली बात यह है कि ये एप्स ‘Lipizzan’ नाम के एक स्पाइवेयर को टारगेट फोन्स में फैला देता था। जिसके जरिए यूजर्स के व्यक्तिगत जानकारियों को बाहर निकालना संभव हो जाता है।

क्लीनिंग एप मे छुपा होता है यह मालवेयर:

यह मालवेयर गूगल प्ले स्टोर में मौजूद क्लीनिंग एप के जरिए यूजर्स के फोन में घूसते हैं। जहां ये एप्स के भीतर छुपे हुए होते हैं। Lipizzan को आधिकारिक गूगल प्ले स्टोर समेत कई चैनलों के माध्यम से वितरित किया जाता है। गूगल ने एक साथ 20 एप को गूगल प्ले स्टोर से डिलीट कर दिया है। हालांकि गूगल ने इन एप्स के बारे में कोई जानकारी नहीं दी हैं। लेकिन इन सभी एप्स के ऊपर यूजर्स के डाटा चुराने का आरोप है। इसके साथ ही, ये एप्स यूजर्स के ईमेल, टेक्स्ट मैसेज, लोकेशन, कॉलिंग आदि पर नजर रखते थे। इन एप्स को 100 से ज्यादा स्मार्टफोन्स में इंस्टॉल किया गया था।

हालांकि, इंस्टॉलेशन के बाद, Lipizzan एक दूसरा "लाइसेंस वेरिफिकेशन" डाउनलोड और लोड करता है जो डिवाइस का निरीक्षण करता है। जिसके बाद यह कमांड और कंट्रोल सर्वर को कनेक्ट करता है और रूट करता है।

गूगल ने किया इन एप्स को ब्लॉक:

गूगल ने ऐसे Lipizzan एप्स को ब्लॉक कर दिया था। लेकिन डिलीट करने के बावजूद Lipizzan का नया वर्जन एक हफ्ते के अंदर अपलोड कर दिए गए। इस बार, इन एप्स को नोटपैड, साउंड रिकॉर्डर और अलार्म मैनेजर की तरह डिजाइन किया गया था। गूगल अपने 1.4 बिलियन एंड्रायड यूजर्स को इस मालवेयर से सुरक्षित रखे हुए है। लेकिन फिर भी ये मालवेयर एप्स के जरिए यूजर्स के फोन तक पहुंच रहें हैं। लेकिन जब यह स्पाइवेयर केवल एंड्रायड डिवाइसों के एक छोटे हिस्से 0.000007 प्रतिशत पर प्रभावित हुआ।

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