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Realme ने पकड़ी Samsung और Apple की राह, ग्राहकों को लगेगा जोरदार झटका

Realme भारत में नया स्मार्टफोन Realme Narzo 50A Prime लॉन्च के लिए तैयार है। लेकिन कंपनी ने बॉक्स के साथ चार्जर ना देने का ऐलान किया है जिससे यूजर्स को जोरदार झटका लग सकता है। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह

By Saurabh VermaEdited By: Published: Wed, 06 Apr 2022 01:11 PM (IST)Updated: Wed, 06 Apr 2022 01:11 PM (IST)
Realme ने पकड़ी Samsung और Apple की राह, ग्राहकों को लगेगा जोरदार झटका
Photo Credit - Realme India File Photo

नई दिल्ली, टेक डेस्क।  Realme ने Samsung और Apple कंपनी की राह पकड़ ली है। दरअसल ऐपल और सैमसंग के बाद Realme भी अपने स्मार्टफोन के रिटेल बॉक्स के साथ चार्जर नहीं देने जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक Realme के अपकमिंग स्मार्टफोन Realme Narzo 50A Prime स्मार्टफोन को बिना चार्जर के साथ पेश किया जाएगा। Realme Narzo 50A Prime को कुछ हफ्तों पहले ही इंडोनेशिया में लॉन्च किया गया था, जिसे भारत में लॉन्चिंग की तैयारी चल रही है। लेकिन लॉन्च से पहले खबर मिली है कि फोन को बिना चार्जर के साथ पेश किया जाएगा।

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ऐपल ने की थी शुरुआत 

इससे पहले ऐपल और सैमसंग जैसी कंपनियां कार्बन उत्सर्जन का हवाला देकर रिटेल बॉक्स के साथ चार्जर नहीं दिया है। वही अब Realme ने कहा कि हमारे आसपास काफी संख्या में 10Wh चार्जर मौजूद हैं। ऐसे में कंपनी ने फोन के साथ चार्जर ना देने का ऐलान किया है। Realme का दावा है कि कंपनी के इस कदम से पर्यावरण को काफी फायदा होगा। Realme ने साल 2025 तक नेट कार्बन उत्सर्जन में डबल जीरो टारगेट हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। कंपनी ने कहा कि स्मार्टफोन बॉक्स से अलग चार्जर खरीद सकते हैं।

चार्जर ना देने से ऐपल को मोटी कमाई 

हाल ही में एक रिपोर्ट आयी थी, जिसके मुताबिक iPhone बॉक्स के साथ एडॉप्टर और इयरपॉड्स नहीं देने से ऐपल की लागत कम हुई। लेकिन ऐपल ने इसका फायदा ग्राहकों को नहीं दिया। रिटेल बॉक्स के साथ चार्जर ना देने से ऐपल को करीब 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई हुई है। ऐपल साल 2020 से पर्यावरण को होने वाले नुकसान की वजह से iPhone के साथ चार्जर और एडॉप्टर नही दे रहा है। कंपनी के मुताबिक उसका मकसद इलेक्ट्रिक कचरे में कमी करना है। कंपनी ने दावा किया था कि iPhone के साथ चार्जर और EarPods ना देने से हर साल करीब 2 मिलियन कार्बन उत्सर्जन में कमी होगी। जो कि 5 लाख कारों से पैदा होने वाले कार्बन उत्सर्जन के बराबर है, उस वक्त ऐपल के इस कदम की काफी वाहवाही हुई थी।


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