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ऑनलाइन शॉपिंग करने से पहले जान लें ये बातें, सरकार जल्द लागू करेगी नई गाइडलाइन्स

ऑनलाइन पोर्टल्स पर लगाम लगाने के लिए सरकार जल्द नई गाइडलाइन्स लागू करेगी

By Harshit HarshEdited By: Published: Wed, 01 Aug 2018 03:27 PM (IST)Updated: Thu, 02 Aug 2018 07:29 AM (IST)
ऑनलाइन शॉपिंग करने से पहले जान लें ये बातें, सरकार जल्द लागू करेगी नई गाइडलाइन्स
ऑनलाइन शॉपिंग करने से पहले जान लें ये बातें, सरकार जल्द लागू करेगी नई गाइडलाइन्स

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। पिछले कुछ सालों में भारत में ऑनलाइन शॉपिंग बाजार में भारी बढ़त देखी गई है। फिलहाल भारत में ऑनलाइन पोर्टल के जरिए ई-कॉमर्स का बाजार 25 अरब डॉलर का है। माना जा रहा है कि अगले 10 वर्षो में यह बाजार बढ़कर 200 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा। ऑनलाइन सेक्टर में बढ़ती एक्टिविटी की वजह से दुनियाभर के बड़े प्लेयर्स वॉलमार्ट, अमेजन, अलीबाबा जैसी कंपनियां भारत में निवेश करने जा रही हैं। सरकार ने 30 जुलाई को ऑनलाइन सेक्टर के लिए नियामक (प्राधिकरण) बनाने के लिए पॉलिसी भी ड्रॉफ्ट कर चुकी है।

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फर्जी रेटिंग के जरिए होती है ठगी

ज्यादातर ग्राहक ऑनलाइन शॉपिंग में सामान खरीदने से पहले किसी भी प्रोडक्ट की रेटिंग देखते हैं। अगर, रेटिंग सही होती है तो यूजर्स सामान को आमूमन खरीद लेते हैं। आपको बता दें कि ऑनलाइन साइटों पर किए गए ज्यादातर रिव्यू फर्जी होते हैं। आप जैसे कई ग्राहक ऑनलाइन सामान मंगाते समय रिव्यू में देखते हैं कि सामान काफी बढ़िया दिखाई देता है। लेकिन, जैसे ही सामान डिलीवर होता है तो पता चलता है कि कई प्रोडक्ट्स घटिया निकलता है। इसके बाद ऑनलाइन पोर्टल या ई-कॉमर्स कंपनियां इन सामान को वापस लेने में अनाकानी करते हैं।

फर्जी रेटिंग पर नकेल कसेगी सरकार

लेकिन, सरकार अब इसपर लगाम लगाने के लिए कड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार ने साफ किया है कि अगर यूजर्स के पास कोई खराब प्रोडक्ट पहुंचता है तो इसकी जिम्मेदारी ऑनलाइन कंपनियों की होगी। वाणिज्य और उपभोक्ता मंत्रालय ने ई-कॉमर्स के लिए नई गाइड लाइन बनाई है जिसके तहत अब प्रोडक्ट की फर्जी रेटिंग पर नकेल कसेगी और इसको रोकने को लिए अनफेयर बिजनेस प्रैक्टिस के तहत कानूनी कदम उठाए जाएंगे।

जल्द लागू होगी नई गाइडलाइन्स

आपको बता दें कि ई-कॉमर्स साइट पर ऑनलाइन शॉपिंग के लिए जारी नई गाइडलाइन्स जल्द लागू होगी। ई-कॉमर्स पॉलिसी तय करने के लिए बने टास्कफोर्स की सब कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी है। वाणिज्य और उपभोक्ता मंत्रालय ने मिलकर ये गाइडलाइन्स तैयार किया है।

ये हैं नई गाइडलाइन्स

  • कोई प्रोडक्ट फर्जी होता है या डैमेज होता है तो इसके लिए विक्रेता के साथ ही ई-कॉमर्स पोर्टल भी जिम्मेदार होगा।
  • खराब, गलत या टूटा-फूटा सामान ग्राहक के पास पहुंचने पर कंपनी या विक्रेता ग्राहक को 14 दिन के भीतर रिफंड देगी।
  • ग्राहक की शिकायत 30 दिन के भीतर पूरी तरह से दूर करनी होगी।
  • पोर्टल पर दी गई डिटेल्स के मुताबिक सामान नहीं होने पर ग्राहक को सामान लौटाने का अधिकार होगा।
  • ऑनलाइन पोर्टल पर विक्रेता का पूरा पता और कॉन्टैक्ट नंबर देना जरूरी होगा। रिफंड और रिप्लेसमेंट पॉलिसी की पूरी जानकारी साफ-साफ वेबसाइट पर डालना जरूरी होगा।
  • नए बिल में कंपनियों को ग्राहकों का डाटा भी सुरक्षित रखने गारंटी देनी होगी। साथ ही, बिल के तहत नया कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी बनाने का प्रस्ताव भी है।

आपको बता दें कि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 के मुकाबले इस साल ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ शिकायतों में 42 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है। सरकार इन शिकायतों के वजह से सख्त कदम उठाने जा रही है। डिलीवरी में देरी, गलत प्रोडक्ट, रिटर्न और रिप्लेसमेंट के अलावा रिफंड को लेकर भी शिकायतें दिन ब दिन बढ़ रही हैं। 

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