Nokia ने 5G की मदद से चलाई ऑटोमैटिक ड्राइवरलेस ट्रेन
Nokia ने इस फ्यूचर मोबाइल कम्यूनिकेशन सिस्टम टेक्नोलॉजी को डेमो के तौर पर एक पूरी तरह से ड्राइवरलेस खाली ट्रेन को शंटिंग करके दिखाया।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। फिनलैंड की टेलिकॉम कंपनी Nokia ने 5G टेक्नोलॉजी की मदद से चलने वाली ऑटोमैटेड रेल ऑपरेशन का टेंडर जीत लिया है। कंपनी जर्मनी में दुनिया के पहले स्टैंड अलोन 5G सिस्टम से चलने वाली रेलवे को डेवलप करेगी। यह प्रोजेक्ट Deutsche Bahn की उच्चस्तरीय S-Bahn ऑपरेशन प्रोजेक्ट का हिस्सा है और इसे फ्यूचर रेलवे मोबाइल कम्यूनिकेशन सिस्टम प्रोजेक्ट के तौर पर डेवलप किया जाएगा। इसमें 5G पर आधारित फ्यूचर रेलवे मोबाइल कम्यूनिकेशन सिस्टम (FMRCS) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा जो कि रेलवे ऑपरेशन के डिजिटल ट्रासफोर्मेशन के लिए आधार तैयार करेगा।
Nokia ने इस फ्यूचर मोबाइल कम्यूनिकेशन सिस्टम टेक्नोलॉजी को डेमो के तौर पर एक पूरी तरह से ड्राइवरलेस खाली ट्रेन को शंटिंग करके दिखाया। Nokia की ये डेमोन्शट्रेशन बेरगेडॉर्फ स्टेशन पर की गई। ड्राइवरलेस ट्रेन को 5G मोबाइल नेटवर्क के सहारे कनेक्ट किया गया। ये कनेक्शन 3GPP स्टेंडर्ड का था, जिसमें पूरी तरह से ट्रेन को ऑटोमैटिकली ऑपरेट किया गया। Nokia की टेक्नोलॉजी की बात करें तो ये थर्ड जेनरेशन पार्टनरशिप प्रोजेक्ट (3GPP) पर आधारित 5G नेटवर्क सॉल्यूशन प्रदान करता है।
इस फुली ऑटोमैटेड ट्रेन के अलावा ट्रैक साइड इक्वीपमेंट को 5G रेडियो के माध्यम से कनेक्ट किया गया। इस कनेक्शन के स्थापित होने के बाद रिलीवेंट डाटा ट्रांसफर के माध्यम से सफलतापूर्वक ट्रेन को ऑपरेट किया जा सका। कंपनी का मानना है कि इस नई तकनीक के माध्यम से ट्रेनों की क्रॉस-बॉर्डर ऑपरेशन में मदद मिलेगी। साथ ही साथ रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को और भी बेहतर किया जा सकेगा और ट्रेन की लेट-लतीफी पर भी विराम लग सकेगा।
इस प्रोजेक्ट के तहत 2021 तक पहले फेज में 23 किलोमीटर के सेक्शन को तैयार किया जाएगा। ये सेक्शन जर्मनी के सबसे महत्वपूर्ण ट्रांसपोर्ट हब में से एक होगा। Nokia के अधिकारी के मुताबिक, ये प्रोजेक्ट अपनी तरह का पहला 5G कम्युनिकेशन पर आधारित फुली ऑटोमैटेड रेलवे ट्रांसपोर्टेशन प्रोजेक्ट होगा। ये प्रोजेक्ट फ्यूचर रेल मोबाइल कम्युनिकेशन सिस्टम के लिए नया आयाम स्थापित करेगा, जो कि इंडस्ट्री 4.0 को वास्तविकता में लाएगा।