सावधान! यह वायरस आपके फोन से चुरा रहा है पैसे, जानें कैसे बचें
स्मार्टफोन्स पर वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में यह बेहद जरुरी हो गया है कि यूजर्स अपने फोन में थर्ड पार्टी एप्स डाउनलोड न करें। इससे वायरस का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है
नई दिल्ली (जेएनएन)। रैनसमवेयर के बाद अब सेफकॉपी ट्रोजन (Xafecopy) वायरस ने दुनियाभर में हड़कंप मचा दिया है। यह बात साइबर सिक्योरिटी फर्म कैस्परस्काई की एक रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है, “एक्सपर्ट्स ने नए मोबाइल वायरस का पता लगाया है जो प्रीमियम स्मार्टफोन्स को निशाना बनाकर लोगों का पैसा चोरी कर रहा है।” इस वायरस ने 47 देशों के 4800 लोगों को अपना शिकार बनाया है। इसमें से 40 फीसद भारतीय यूजर्स हैं। भारत के बाद रूस, तुर्की और मेक्सिको का नंबर आता है।
कैसे काम करता है सेफकॉपी ट्रोजन?
यह वायरस बिना यूजर की अनुमति के स्मार्टफोन की एप्स में छिपकर काम करता है। इस दौरान यह एक सीक्रेट कोड रीलीज कर यूजर्स की जानकारी चुराता है। जैसे ही यह वायरस एक्टिवेट हो जाता है, यह कई सर्विसेज (जिनका शुल्क देना होता है) को शुरू कर देता है। इसका जितना भी बिल जनरेट होता है वो पूरा उपभोक्ता को देना पड़ता है। यह वायरस WAP (वायरलेस एप्लीकेशन प्रोटोकॉल) बिलिंग को टारगेट करता है। आपको बता दें कि इस प्रणाली के जरिए यूजर WAP साइट्स से कंटेंट खरीद सकते हैं जो सीधे तौर पर उनके मोबाइल फोन बिल से वसूला जाता है। सबसे अहम बात यह की इस पूरे प्रोसेस के लिए हैकर्स को किसी भी डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, यूजरनेम और पासवर्ड की जरुरत नहीं पड़ती है। इसमें केवल कैप्चा का इस्तेमाल होता है।
कैसे बचें?
कैस्परस्काई लैब्स के एमडी-साउथ एशिया अल्ताफ हल्दे ने कहा, “स्मार्टफोन यूजर्स को एप्स डाउनलोड करने से पहले सावधान रहने की जरूरत है। थर्ड पार्टी एप्स पर आंखे बंद करके भरोसा न किया जाए। इसके अलावा अपने फोन की सेफ्टी पर भी गौर करने की जरूरत है।”
यह भी पढ़ें:
टेलिकॉम कंपनियां दे रही स्मार्टफोन बंडल ऑफर्स, जियो को टक्कर देने की पूरी तैयारी
स्पैम कॉल्स को नजरअंदाज कर हर साल बच सकते हैं 2644 करोड़ रुपये: रिपोर्ट
आज लॉन्च होगा एप्पल का नया आईफोन, ये 10 चीजें हो सकती हैं खास