#NayaBharat: नया भारत जो होगा वो पहले के मुकाबले ज्यादा मजबूत होगा: शिवम रंजन
महामारी के इस दौर में टेक इंडस्ट्री से जुड़ी तमाम तरह की जानकारी हासिल करने और इसके भारत पर पड़ने वाले असर को Motorola India के मार्केटिंग हेड शिवम रंजन आज हमसे जुड़े हैं।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। कोरोनावायरस महामारी के बीच उत्पन्न हुई आर्थिक संकट के दौर में हमने Jagran HiTech #NayaBharat सीरीज की शुरुआत की है। इस सीरीज को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन के विजन को ध्यान में रखकर बनाया गया है। देश की आर्थिक गति को फिर से पटरी पर लाने के लिए इंडस्ट्री के लीडर्स की क्या प्लानिंग है, ये जानने के लिए Jagran HiTech के एडिटर सिद्धार्था शर्मा ने इंडस्ट्री के लीडर्स और एक्सपर्ट्स से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की है।
महामारी के इस दौर में टेक इंडस्ट्री से जुड़ी तमाम तरह की जानकारी हासिल करने और इसके भारत पर पड़ने वाले असर को Motorola India के मार्केटिंग हेड, शिवम रंजन आज हमसे जुड़े हैं। इस बातचीत के दौर में कोविड-19 का स्मार्टफोन इंडस्ट्री पर पड़ने वाले असर, कोविड-19 के बाद के भारत समेत कारोबारी दुनिया के तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई। आइए इस चर्चा को विस्तार से जानते हैं-
सिद्धार्था शर्मा- स्मार्टफोन मार्केट को काफी हिट मिला है COVID-19 के दौरान, उसका कुल प्रभाव Motorola को कितना पड़ा है या फिर स्मार्टफोन इंडस्ट्री पर पड़ा है, ये बताएं?
शिवम रंजन- जो बात रही इंपैक्ट की तो देखिए ऐसा है कि COVID-19 एक अनचाही विपत्ती है जो मैं कहूंगा और इसका प्रभाव न सिर्फ मोबाइल इंडस्ट्री बल्कि सभी इंडस्ट्रीज पर पड़ा है तो हम भी उनमें से एक है तो मैं ये कहना चाहूंगा कि इंपैक्ट हमपे भी पड़ा है लेकिन मैं ये कहना चाहूंगा कि ये एक अनचाही विपत्ति है और सभी पर इसका प्रभाव पड़ा है। देश के अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। यहां पर जरूरी ये था कि हम देश को सपोर्ट करें उनके इन इनिशिएटिव में जहां पर वो COVID-19 के स्प्रेड को रोकना चाह रहे थे, उसके इंपैक्ट को रोकना चाह रहे थे। जहां तक बात रही बिजनेस की, मुझे लगता है कि ये शॉर्ट टर्म इंपैक्ट जरूर रहा है, जो कि जरूरी था देश की सेहत के लिए।
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जहां तक बात रही लॉन्ग टर्म इंपैक्ट की तो टेक्नोलॉजी से चलित प्रोडक्ट्स की डिमांड बरकरार है क्योंकि जैसे कि इस नए नॉर्मल में आप देखेंगे कि कनेक्टिविटी, प्रोडक्टिविटी, इंगेजमेंट्स ये सारी चीजें बहुत जरूरी हैं। देखें तो टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स के जरिए ही कंज्यूमर्स ये सब कर पा रहे हैं। जहां तक सवाल रहा कनेक्टेड रहने की घर से या फिर इंगेज रहने की कंटेंट के जरिए, या फिर प्रोडक्टिव रहने की तो टेक्नोलॉजी से चलित प्रोडक्ट्स जैसे की स्मार्टफोन्स बहुत जरूरी है, कंज्यूमर्स को ये सब कर पाने के लिए। मुझे लगता है कि इसकी डिमांड बरकरार है और बरकरार रहेगी। जैसे ही हमारे चैनल्स उपलब्ध हो जाएंगे कंज्यूमर्स के लिए जहां पर वो परचेज कर पाएंगे। जो कि हम देख रहे हैं कि अभी हो रहा है फिलहाल लॉकडाउन के रिलेक्सेशन की वजह से, तो ये डिमांड अपने आप कंज्म्पशन में बदलेगी। लंबे समय की बात करें तो हमें इसका प्रभाव नहीं देखने को मिलेगा।
सिद्धार्था शर्मा- लॉकडाउन जो कि अब अनलॉक-1 हो गई है और लोग बाहर आ रहे हैं तो ऐसे में आप लोग अपने बिजनेस को रिवाइव करने के लिए किस तरह का बिजनेस स्ट्रेटेजी अपनाएंगे?
शिवम रंजन- आप देखेंगे कि ये एक सप्लाई और डिमांड का फैक्टर है। तो एक प्रकार से होता है कि आप सप्लाई किस तरह से बनाए रखते हैं क्योंकि ये बहुत जरूरी है कि आपकी मैन्युफैक्चरिंग अप हो, डिस्ट्रीब्यूशन अप हो, आपकी सप्लाई चैनल लॉजिस्टिक अप हो, ताकि सेल्स चैनल में कंज्यूमर्स के लिए प्रोडक्ट्स उपलब्ध रहे। तो ये सप्लाई साइड से सभी कंपनियों को यही करना होगा और हम भी यही कर रहे हैं। जहां तक बात रही डिमांड साइड कि तो मैंने पहले भी कहा था कि डिमांड हमेशा सही प्रोडक्ट्स की बरकरार रहेगी क्योंकि ये टेक्नोलॉजी पर चलने वाले प्रोडक्ट्स हैं और ये कोर चीजें इनेबल करते हैं जो कि कंज्यूमर्स को चाहिए। यहां नोट करने वाली बात ये रही कि यहां कंपनियों को एक फोकस देना पड़ेगा भारतीय कंज्यूमर्स के प्रति। ये बेहद जरूरी है कि हम जो प्रोडक्ट्स बना रहे हैं वो इनोवेशन ऐसा हो कि भारतीय कंज्यूमर्स के लिए उपलब्ध हो सके।
अगर हम वो कर पाते हैं और उनकी डिमांड को अड्रेस कर पाते हैं सही तरह के प्रोडक्ट्स उपलब्ध करा पाते हैं तो मुझे ये लगता है कि डिमांड बरकरार रहेगी और किसी तरह की कमी नहीं आएगी। अगर, उनको सही प्रोडक्ट्स मिलेगा तो वो डिमांड करेंगे। इसका मैं एक लाइव उदाहरण आपको बताउंगा। हमने हाल ही में Motorola G8 Power Lite लॉन्च किया है जो कि मेक इन इंडिया प्रोडक्ट है। 29 मई को इसकी पहली सेल थी और हमें ये देखने को मिला कि महज 20 सेकेंड के अंदर ये प्रोडक्ट सोल्ड आउट हो गया। इसका क्या कारण है, इसका यही कारण है कि इसे हमने भारतीय यूजर्स को ध्यान में रखते हुए बनाया है। तो मेरे ख्याल से सभी बिजनेसेज को अपनी सप्लाई इंफ्रास्ट्रक्चर हो या फिर डिमांड इंफ्रास्ट्रक्चर को रोबस्ट करना है तो यही काम Motorola भी करेगी और सारी कंपनियों को करना चाहिए। ये बेहद जरूरी है कि हम भारतीय यूजर्स के हिसाब से प्रोडक्ट बनाएं और डिलीवर करें।
सिद्धार्था शर्मा- मुझे ये बताएं कि इस पूरे प्रोसेस के दौरान आपके ऑनलाइन चैनल्स किस तरह से हेल्प कर रहे थे आपको?
शिवम रंजन- लॉकडाउन की वजह से हमारे दोनों चैनल्स (ऑनलाइन और ऑफलाइन) बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। अगर, हम बात करें लॉकडाउन के पहले कुछ फेज की तो उस समय दोनों ही चैनल्स बराबर ही प्रभावित हुए हैं। जैसा कि हम अभी देख रहे हैं कि सरकार ने रिलेक्सेशन देना शुरू किया है तो इससे ऑनलाइन चैनल्स में तेजी से रिकवरी हुई है, जबकि ऑनलाइन के कॉन्टैक्ट कम हैं। हां, ऑफलाइन चैनल बेहद जरूरी है क्योंकि ये कंज्यूमर्स के लिए रिक्वॉयर्ड हैं और हमारे लिए भी उतने ही रिक्वॉयर्ड हैं, क्योंकि यहां पर कंज्यूमर्स एक्च्युअली प्रोडक्ट्स को देख सकते हैं और समझ पाते हैं। कई चीजें ऐसी होती हैं टेक्नोलॉजी में जो बिना देखे समझ में नहीं आते हैं या उसका एक्सपीरियंस नहीं हो पाता है। तो मेरे ख्याल से ऑफलाइन चैनल्स भी तेजी से उभरे और जो देखने को मिले हैं कि ऑफलाइन चैनल्स भी रिलेक्सेशन के बाद तेजी से उभरेगा। हालांकि, ऑफलाइन चैनल्स में हम हाइजैनिक सेफ्टी गाइडलाइन्स हैं और जो सोशल डिस्टेंसिंग गाइडलाइन्स हैं उसको फॉलो करें।
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सिद्धार्था शर्मा- सरकार ने कई सारे पॉलिसीज निकालें हैं SME's के लिए MSME's के लिए तो ऐसी कई छोटी कंपनियां हैं जो आपके लिए भी काम करती हैं तो इन पॉलिसीज के लिए आपके पर्सनल विचार क्या हैं, ये जानना चाहेंगे।
शिवम रंजन- अगर हम बड़े पैमाने पर देखें तो COVID-19 महामारी की वजह से क्या प्रभाव पड़ा है कंज्यूमर्स पर और बिजनेस पर तो एक तरह से कंज्यूमर्स और बिजनेसेज सहमे हुए थे कि क्या हम रिवाइव कर पाएंगे, क्या इकोनॉमी को रिवाइव कर पाएंगे? ऐसी स्तिथि में सरकार के लिए जरूरी है कि आए और इनके लिए इंटेंड दिखाए और जो ये 20 लाख करोड़ का पैकेज है जो कि GDP का 10 फीसद है उससे सरकार ने इंटेंड दिखाया है, पहली चीज तो ये है। इस इंटेड से एक तरफ से कॉन्फिडेंस आया कंज्यूमर्स में और बिजनेस में भी कि सरकार हमारे साथ खड़ी है। जहां तक बात रही एक्चुअल पैकेज की तो बहुत ही स्मार्टली सरकार ने बनाया है जिसमें रिफॉर्म और एक्चुअल बेनिफिट का स्मार्ट कॉम्बिनेशन देखने को मिलता है। जिसकी वजह से SME's MSME's और कंज्यूमर के हाथ में लिक्विडिटी आ रही है और ये लिक्विडिटी बहुत ही जरूरी है, क्योंकि इसकी वजह से कंजम्प्शन को बढ़ावा मिल सकता है। जैसे-जैसे कंजम्प्शन बढ़ेगी और जैसा की आप जानते हैं कि कंजम्प्शन ही इकोनॉमी की लीवर है। मुझे जो ये लगता है कि सरकार ने जो ये डिसिजन लिया है, इससे कंजम्प्शन बढ़ेगी जो कि इकोनॉमी की रिकवरी में सहायक है।
सिद्धार्था शर्मा- मेरा आखिरी सवाल आपसे ये है कि आप कोई ऐसा एक मैसेज जो आप इंडस्ट्री को देना चाहते हैं या सरकार को या हमारे रीडर्स को यहां जो आपके मुताबिक बनाएगा नया भारत पोस्ट COVID-19
शिवम रंजन- मुझे ऐसा लगता है कि नया भारत जो होगा वो पहले के मुकाबले ज्यादा मजबूत होगा। मुझे ऐसा क्यों लगता है कि एक तो हम देखेंगे कि हमारे लोगों की और बिजनेसेज की प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी और ये एक्चुअली बढ़ रही है और ये क्यों हो रहा है क्योंकि हरेक इंसान के अंदर ये एक चाहत है कि हमें अपना बिजनेस बैक इन ट्रैक लाना है। अपना कैरियर बैक इन ट्रैक लाना है, अपनी इकोनॉमी को बैक इन ट्रैक लाना है तो एक मजबूती है एक जज्बा है हर इंसान के अंदर, जिसके चलते प्रोडक्टिविटी बढ़ती हुई दिख रही है जो कि अच्छी बात है। जहां तक बात रही दूसरी वो इनोवेशन हमें हर चीज में देखने को मिलगा।
अब जो वो टर्म है जहां पर कंज्यूमर्स और बिजनेसेज एक्ग्जीस्टिंग नॉर्म्स को चैलेंज करेंगे। क्योंकि पहले क्या होता था कि एग्जीस्टिंग बिजनेस मॉडल्स को लोग चैलेंज नहीं करते थे। क्योंकि वो काम कर रहे हैं उनके लिए तो क्यों उनको चैलेंज करना है। लेकिन आज की डेट में जब पूरी परिस्तिथि बदल गई है, एक नया भारत है तो हमें देखने को मिलेगा कि हर इंसान, हर बिजनेस अपने काम करने की चीजों को प्रोडक्ट्स को या बिजनेस मॉडल को नए इनोवेटिव तरीके से देखेगा जो कि एग्जीस्टिंग बिजनेस मॉडल को चैलेंज करेगा। हम बहुत ही रिलेवेंट, इनोवेटिव और टेक्नोलॉजी ड्रिवन प्रोडक्ट्स और सर्विसेज लेकर आएंगे जो कि हर इंसान के लिए एक बिजनेस के लिए अपने आप के लिए इस देश के लिए एक नया भारत जो कि एक बेहतर भारत होगा को बनाने में मदद करेगा।