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क्या फ्री डाटा भारतीय यूजर्स में पैदा कर रहा मोबाइल की लत, जानें क्या कहता है सर्वे

जो यूजर्स इंटरनेट के बिना नहीं रह सकते हैं उनमें भारतीय मोबाइल इंटरनेट यूजर्स पूरी दुनिया में पहले स्थान पर हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Fri, 15 Sep 2017 01:21 PM (IST)Updated: Fri, 15 Sep 2017 01:21 PM (IST)
क्या फ्री डाटा भारतीय यूजर्स में पैदा कर रहा मोबाइल की लत, जानें क्या कहता है सर्वे
क्या फ्री डाटा भारतीय यूजर्स में पैदा कर रहा मोबाइल की लत, जानें क्या कहता है सर्वे

नई दिल्ली (जेएनएन)। रिलायंस जियो की मार्किट में एंट्री के बाद से यूजर्स पहले से ज्यादा इंटरनेट डाटा का इस्तेमाल करने लगे हैं। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि पहले जो डाटा पैक्स ज्यादा कीमत में आते थे, वही प्राइस वॉर के चलते कम कीमत में दिए जाने लगे हैं। साथ ही जियो की 4जी सर्विस या फ्री डाटा भी इसका एक अहम कारक माना जा सकता है। इसे लेकर वैश्विक बाजार और राय अनुसंधान विशेषज्ञ Ipsos ने एक सर्वे किया। सर्वे में पाया गया कि भारत उन 23 देशों में पहले स्थान पर जहां के लोग बिना इंटरनेट के नहीं रह सकते। यह सर्वे 23 देशों के करीब 18000 लोगों पर किया गया है। सर्वे के परिणामों से भारत के 82 फीसद से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स सहमत हैं।

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दूसरे पायदान पर रहा यूके:

सर्वे के मुताबिक, 78 फीसद यूजर्स के साथ यूके दूसरे स्थान पर रहा। वहीं, 73 फीसद यूजर्स के साथ चीन तीसरे स्थान पर है। Kleiner Perkins की साल 2017 की इंटरनेट ट्रेंड्स रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरे देशों की तुलना में भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। भारत में जहां 28 फीसद इंटरनेट यूजर्स बढ़े हैं। वहीं, वैश्विक तौर पर यूजर्स की संख्या में केवल 10 फीसद ही बढ़ोतरी हुई है। साल 2009 में जहां यूजर्स की संख्या में 4 फीसद की बढ़ोतरी हुई थी वहीं, यह आंकड़ा 2016 के अंत तक 27 फीसद तक पहुंच गया।

मोबाइल इंटरनेट यूजर्स के मामले में चीन से पीछे है भारत:

वैश्विक तौर पर मोबाइल इंटरनेट यूजर्स के मामले में चीन पहले नंबर पर है। वहीं, 450 मिलियन यूजर्स के साथ भारत दूसरे स्थान पर है। भारत में कंपनियां कम डाटा खपत करने वाली एप्स पेश कर रही हैं। ऐसे में यह संख्या काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। उदाहरण के तौर पर: माइक्रोसॉफ्ट ने स्काइप लाइट और लिकंडन लाइट एप पेश की थी, जो कम डाटा में भी इस्तेमाल की जा सकती है।

विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक इंटरनेट यूजर बेस के मामले में चीन और भारत एशिया 49.8 फीसद के हिस्सेदार हैं। इसका मतलब की दुनिया के लगभग आधे इंटरनेट यूजर्स इन दो देशों में रहते हैं। ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि साल 2021 तक भारत में 635.7 मिलियन इंटनरेट यूजर्स हो सकते हैं।

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