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डाटा स्टोरीः जानें, लॉकडाउन के दौरान कैसी रही भारत के शहरों की इंटरनेट डाउनलोड स्पीड

लॉकडाउन के दौरान भारत में वर्क फ्रॉम होम वर्चुअल क्लास और एंटरटेनमेंट की बढ़ती जरूरतों के कारण घरों में इंटरनेट पर निर्भरता बढ़ गई। इस दौरान धीमी स्पीड की समस्या भी देखी गई।

By Vineet SharanEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 02:49 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 04:28 PM (IST)
डाटा स्टोरीः जानें, लॉकडाउन के दौरान कैसी रही भारत के शहरों की इंटरनेट डाउनलोड स्पीड
डाटा स्टोरीः जानें, लॉकडाउन के दौरान कैसी रही भारत के शहरों की इंटरनेट डाउनलोड स्पीड

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/ पीयूष अग्रवाल। लॉकडाउन के दौरान भारत में वर्क फ्रॉम होम, वर्चुअल क्लास और एंटरटेनमेंट की बढ़ती जरूरतों के कारण घरों में इंटरनेट पर निर्भरता काफी बढ़ गई। लेकिन इस दौरान लोगों को इंटरनेट की कम स्पीड की समस्या का सामना भी करना पड़ा। लॉकडाउन की वजह से शहरों से लोगों का कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन भी हुआ। जबकि, गांवों और कस्बों के ऑपरेटर्स बढ़े हुए ट्रैफिक लोड के उचित प्रबंधन के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थे। हालांकि, मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर्स पर बेहतर सर्विस उपलब्ध कराने का दबाव साफ था और इसके लिए उन्होंने प्रभावी कदम भी उठाए।

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ओपन सिग्नल ने इंडियन स्मॉर्टफोन उपभोक्ताओं की पांच माह की स्पीड का विश्लेषण किया। इस दौरान यह समझने की कोशिश की गई कि लॉकडाउन से पहले और उसके बाद नेटवर्क एक्सपीरिएंस कैसा रहा।

स्टडी में ये आया सामने

स्टडी में सामने आया कि लॉकडाउन के शुरुआती चरणों में डाउनलोड स्पीड को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया नकारात्मक थी। टियर-1 शहरों के मुकालबे टियर-2 शहरों में यह दिक्कत अधिक थी। लॉकडाउन में छूट के बाद टियर-1 शहरों में डाउनलोड स्पीड बेहतर हुई। लॉकडाउन के शुरुआती तीन माह में डाउनलोड स्पीड में कमी आई। मोबाइल नेटवर्क में कंजेशन भी अधिक था और डाउनलोड स्पीड में 16 फीसदी की कमी आई। टियर-3 और टियर-2 की डाउनलोड स्पीड में क्रमश: 23 फीसदी और 25 फीसदी की कमी आई। यह ट्रेंड लॉकडाउन के पहले चरण तक रहा। उपभोक्ताओं का वर्क फ्रॉम होम बढ़ने और अधिक डाटा की खपत से डाउनलोड स्पीड पर असर हुआ। सोलापुर, लुधियाना, नासिक, सूरत और अहमदाबाद में भी प्री-लॉकडाउन के मुकाबले लॉकडाउन के दौरान डाउनलोड स्पीड में औसतन 35 फीसदी की कमी आई।

दूसरे चरण में (13 अप्रैल-तीन मई) में भी डाउनलोड स्पीड कम रही, पर समय के साथ स्पीड बढ़ती गई। तीसरे चरण (4 मई-17 मई) के दौरान अधिकतर शहरों में प्री-लॉकडाउन के बराबर डाउनलोड स्पीड हो गई।

बड़े शहरों में रहा ऐसा हाल

बेंगलुरु और चेन्नई की डाउनलोड स्पीड में अधिक कमी देखने में नहीं आई। पुणे में पहले चरण में डाउनलोड स्पीड में 6.9 और 12.5 प्रतिशत की कमी आई। टियर-1 शहरों में दूसरे चरण में स्पीड सामान्य होने लगी थी। चौथे चरण (18-31 मई) में अधिकतर शहरों की स्पीड सामान्य हो गई थी। वहीं, कुछ शहरों की स्पीड में बढ़ोतरी देखी गई। ओपन सिग्नल के विश्लेषण (जुलाई 12 तक) के दौरान दिल्ली के यूजर ने डाउनलोड स्पीड में 38.1 प्रतिशत का इजाफा देखा। इसके बाद मुंबई में 33.5 प्रतिशत, हैदराबाद में 38.1 प्रतिशत, गाजियाबाद में 32.4 प्रतिशत और चेन्नई में 30.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। धनबाद, कानपुर, सोलापुर और तिरुवनंतपुरम में लॉकडाउन लगने के बाद डाउनलोड स्पीड कम रही। 


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