डाटा चोरी के मामले में भारत विश्व में तीसरे नंबर पर, इस अटैक से रहें बचकर
ये हैकर्स जो मालवेयर से प्रभावित JavaScript कोड वेबसाइट पर डालते हैं जिससे वो यूजर का कार्ड डाटा समेत अन्य निजी जानकारी चोरी कर सके
नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारत में साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं। इसका एक उदाहरण साइबर सिक्योरिटी कंपनी Symantec की एक रिपोर्ट में सामने आया है। इसमें बताया है कि इस वर्ष की पहली छमाही में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बाद भारतीय यूजर्स सबसे ज्यादा फॉमजैकिंग अटैक्स से प्रभावित हैं। इस तरह के हमलों में साइबरक्रिमिनल किसी भी वेबसाइट की JavaScript फाइल्स को बदलने का तरीका ढूंढते हैं। ये हैकर्स जो मालवेयर से प्रभावित JavaScript कोड वेबसाइट पर डालते हैं जिससे वो यूजर का कार्ड डाटा समेत अन्य निजी जानकारी चोरी कर सके।
जानें Symantec ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा: Symantec की इंटरनेट सिक्योरिटी थ्रेट रिपोर्ट के अनुसार, औसत रूप से इस तरह से प्रभावित वेबसाइट्स 46 दिन तक इंफेक्टेड रहती हैं। वर्ष 2019 के पहले 6 महीनों में 52 फीसद फॉर्मजैकिंग अटैक्स अमेरिका में और 8.1 फीसद अटैक्स ऑस्ट्रेलिया के यूजर्स पर हुए हैं। इस लिस्ट में भारत तीसरे नंबर पर आता है। यहां पर इस तरह के अटैक्स 6 फीसद यूजर्स पर हुए हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अभी तक Ticketmaster, British Airways, Feedify और Newegg जैसी वेबसाइट्स पर अटैक किया जा चुका है।
क्या है Symantec के रिसर्चर का कहना: Symantec के एक प्रिंसिपल थ्रेट रिसर्चर Candid Wueest ने कहा है कि हर महीने अलग-अलग वेबसाइट्स पर फॉर्मजैकिंग अटैक्स होते हैं। इससे वो लाखों-करोड़ों रुपये भी बनाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यूजर्स अक्सर इस बात पर गौर नहीं करते हैं कि वो फॉर्मजैकिंग अटैक के शिकार हो रहे हैं क्योंकि इस तरह के अटैक ट्रस्टेड ऑनलाइन स्टोर पर ही किए जाते हैं। ऐसे में इससे बचने के लिए एक व्यापक सुरक्षा समाधान होना बेहद आवश्यक है जिससे यूजर्स को इस अटैक से बचाया जा सके। Symantec ने बताया कि उसने 2019 की दूसरी तिमाही में वैश्विक स्तर पर 2.3 मिलियन से ज्यादा फॉर्मजैकिंग हमलों को रोका है।