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चीन-ताइवान युद्ध के साइड इफेक्ट के लिए भारत का प्लान-B तैयार, पानी की तरह बहाया जा रहा पैसा

लाल किले की प्राचीर से जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेमीकंडक्टर का जिक्र किया। इसी बीच मंगलवार को इंडिया इलेक्ट्रानिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आइईएसए) ने उम्मीद जताई है कि देश के सेमीकंडक्टर उपकरण बाजार का आकार वर्ष 2026 तक 300 अरब डालर होने की उम्मीद है।

By Saurabh VermaEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 09:04 AM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 09:04 AM (IST)
चीन-ताइवान युद्ध के साइड इफेक्ट के लिए भारत का प्लान-B तैयार, पानी की तरह बहाया जा रहा पैसा
Photo Credit - Semiconductor Chip File Photo

नई दिल्ली, टेक डेस्क। चीन और ताइवान के बीच टेंशन का दौर जारी है। अगर दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात बनते हैं, तो इसका सीधा असर चिप मैन्युफैक्चरिंग पर दिखेगा। क्योंकि चीन और ताइवान दोनों देश ही सेमीकंडक्ट के बड़े निर्यातक देश हैं। लेकिन भारत ने चीन-ताइवान युद्ध के साइड इफेक्ट की काट खोज निकाली है, जिससे युद्ध के हालात में भारत में सेमीकंडक्टर की कमी नहीं होगी।

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पीएम मोदी ने सेमीकंडक्टर का किया जिक्र 

लाल किले की प्राचीर से जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेमीकंडक्टर का जिक्र किया। इसी बीच मंगलवार को इंडिया इलेक्ट्रानिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आइईएसए) ने उम्मीद जताई है कि देश के सेमीकंडक्टर उपकरण बाजार का आकार वर्ष 2026 तक 300 अरब डालर होने की उम्मीद है। आने वाले वषों में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) योजना से घरेलू सेमी-कम्पोनेंट्स को बढ़ावा मिलेगा। महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश होने जा रहा है।

कोविड महामारी ने अहसास दिलाया

डाटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जिस दौर में हम प्रवेश कर चुके हैं, वहां सेमीकंडक्टर की भूमिका सबसे अहम है। मोबाइल हो या कार, कंप्यूटर हो या घरेलू से लेकर वाणिज्यिक उपयोग में आने वाली छोटी-बड़ी मशीनें, सभी में सेमीकंडक्टर का उपयोग हो रहा है। अन्य देशों की तरह भारत भी अब तक सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में विदेश, खासकर ताइवान पर निर्भर है। कोविड महामारी के दौरान जब अंतरराष्ट्रीय बाजार से सेमीकंडक्टर की आपूर्ति कम होने से भारतीय उद्योगों पर इसका प्रभाव पड़ने लगा तब इसकी आवश्यकता महसूस की गई कि देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना चाहिए।

  • देश के सेमीकंडक्टर राजस्व में मोबाइल एंड वियरेबल्स, आइटी और इंडस्टियल सेगमेंट का।
  • 15 दिसंबर 2021 को भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंगइकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम को दी थी मंजूरी
  • 10 अरब डालर का बजट भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के लिए स्वीकृत किया है
  • 300 अरब डालर का बाजार सेमीकंडक्टर उद्योग वर्ष 2026 तक पार कर जाएगा। 
  • 22 अरब डालर का निवेश ताइवान की कंपनी फाक्सकान और भारतीय कंपनी वेदांता मिलकर करने जा रही हैं। इससे लगभग दो लाख रोजगार का सृजन होगा। 
  • भारत में बड़े पैमाने पर सेमीकंडक्टर का आयात ताइवान, चीन, दक्षिण कोरिया और जापान से होता है।
  • बात अगर सेमीकंडक्टर की वैश्विक आपूर्ति की करें, तो इसमें अकेले ताइवान की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

क्या होता है सेमीकंडक्टर 

  • सेमीकंडक्टर एक खास तरह का पदार्थ होता है। इसमें विद्युत के सुचालक और कुचालक के गुण होते हैं।

    ये विद्युत के प्रवाह को नियंत्रित करने का काम करते हैं। इनका निर्माण सिलिकान से होता है। इसमें कुछ विशेष तरह की डोपिंग को मिलकर इसके सुचालक गुणों में बदलाव लाया जाता है। इससे इसके वांछनीय गुणों का विकास होता है और इसी पदार्थ का इस्तेमाल करके विद्युत सर्किट चिप बनाया जाता है। इसके जरिए डाटा प्रोसेसिंग होती है। आसान शब्दों में यह इलेक्ट्रानिक डिवाइस का दिमाग है।


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