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भारत अगले पांच साल में करेगा 100 करोड़ मोबाइल और पांच करोड़ लैपटॉप का उत्पादन: रविशंकर प्रसाद

रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि देश 4G पर काम कर रहा है और 5G के लिए परीक्षण भी जल्द ही शुरू होंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स 2019 (एनपीई) पर राष्ट्रीय नीति 2025 तक 400 बिलियन अमरीकी डालर के इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण कारोबार की परिकल्पना कर रही है।

By Renu YadavEdited By: Published: Wed, 16 Dec 2020 09:22 AM (IST)Updated: Wed, 16 Dec 2020 09:25 AM (IST)
भारत अगले पांच साल में करेगा 100 करोड़ मोबाइल और पांच करोड़ लैपटॉप का उत्पादन: रविशंकर प्रसाद
यह दैनिक जागरण की फाइल फोटो है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारतीय उद्योग परसिंघ के एक वर्चुअल आयोजन के दौरान संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में आने वाले पांच सालों में 100 करोड़ मोबाइल फोन और पांच करोड़ लैपटॉप का उत्पादन करेगा। इसके साथ ही देश का लक्ष्य अधिक संख्या में आईटी डिवाइस समेत टीवी और टैबलेट का निर्माण करना है। उन्होंने यह भी कहा आगामी पांच वर्षों में देश कह डिजिटल अर्थव्यवस्था 1,000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी। इतना ही नहीं लोगों को यह जानकार भी खुशी होगी कि भारत जल्द ही 5G परिक्षण भी शुरू करने वाला है। जो कि इंटरनेट स्पीड को पहले की तुलना में अधिक फास्ट बनाएगा। 

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रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि देश में फिलहाल 4G पर काम किया जा रहा है और जल्द ही 5G का परिक्षण भी शुरू कर दिया जाएगा। प्रसाद ने कहा कि यह आगामी पांच वर्ष के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का हमारा दृष्टिकोण है और हम चाहते हैं कि आने वाले पांच वर्ष में देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था 1,000 अरब डॉलर पर पहुंच जाए। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अनुसार नीतिगत हस्तक्षेप से भारत अपनी लैपटॉप और टैबलेट विनिर्माण की क्षमता को 2025 तक 100 अरब डॉलर पर पहुंचा सकता है।

रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि 'आने वाले पांच वर्षों में, भारत एक बिलियन मोबाइल फोन, 50 मिलियन टेलीविजन सेट और 50 मिलियन आईटी हार्डवेयर डिवाइस जैसे लैपटॉप और टैबलेट का उत्पादन शुरू करने जा रहा है। भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के हिस्से के रूप में विनिर्माण का एक अच्छा केंद्र बनना चाहिए। यही हमारा फोकस है।' आईसीईए की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में आईटी उपकरणों का विनिर्माण वैश्विक बाजार में अपनी हिस्सेदारी मौजूदा 1 प्रतिशत से 26 प्रतिशत तक ले जा सकता है। इसके अलावा, डिजिटल उपकरणों के निर्माण से पांच लाख रोजगार पैदा होंगे और इससे विदेशी मुद्रा की आमद 75 बिलियन डॉलर और 2025 तक 1 बिलियन डॉलर से अधिक के निवेश की ओर बढ़ेगी।


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