Jagran Trending: मेटावर्स के बाद कैसे बदल जाएगी इंटरनेट की दुनिया? होंगे ये बड़े बदलाव, यहां जानें डिटेल में
Metaverse से जो इंटनरेट तैयार हो रहा है वो एक एक्सपीरिएंस जोन जैसी इंटनरेट की दुनिया होगी। मेटावर्स की दुनिया में आप अपने अवतार के जरिए किसी भी प्रोडक्ट का 3D एक्सपीरिएंस ले जाएंगे। जिस चीज को आप स्टोर से खरीदना चाहते हैं उसकी डिटेल जानकारी हासिल कर पाएंगे।
नई दिल्ली, सौरभ वर्मा। इन दिनों दुनियाभर में मेटावर्स (Metaverse) के साथ जिस एक टर्म की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है - वो Web 3.0 है। बता दें कि यह वर्ल्ड वाइड वेब की अगली पीढ़ी है, जो आने वाले समय में Web 2.0 की जगह ले सकता है। Web 3.0 की दुनिया में मेटावर्स, क्रिप्टोकरेंसी, होलोग्रॉफी, जैसी चीजें होंगी। Web जनरेशन में डेटा नियंत्रण किसी कॉरपोरेट या सरकार के बजाय खुद लोगों के पास होगा। साथ ही सिंगल अकाउंट के जरिए यूजर इंटरनेट मीडिया, ईमेल, शापिंग साइट आदि को एक्सेस कर पाएंगे। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या है वेब 3.0? What is Web 3.0 or Decentralized Web?
आप सोच रहे होंगे कि Web 3.0 वास्तव में है क्या? यह Web 2.0 से आगे की दुनिया है। दरअसल, मौजदा Web 2.0 की दुनिया में हम ज्यादा चीजें 2D में करते हैं। लेकिन Web 3.0 में सभी चीजें 3D मोड में वर्चुअली होंगी। इसमें यूजर्स एक ही अकाउंट से फेसबुक (अब मेटा), ट्विटर, गूगल, शापिंग साइट्स आदि को एक्सेस कर पाएंगे। इसके अलावा वित्तीय लेनदेन से लेकर सोशल मीडिया ब्लॉकचेन बेस्ड होगी। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में कोई सेंट्रलाइज्ड संस्था नहीं होगी, जो आपकी जानकारी स्टोर करेगी जबकि वेब 2.0 बेस्ड क्लाउड को अमेजन, गूगल और माइक्रोसाफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियां नियंत्रित करती हैं। वेब 3.0 डीसेंट्रलाइज्ड यानी विकेंद्रीकृत इंटरनेट है, जो एक सार्वजनिक ब्लॉकचेन पर चलेगा। बता दें कि ब्लॉकचेन का उपयोग क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन के लिए भी किया जाता है।
क्या है वेब 2.0? What is Web 2.0?
Web 2.0 का जिक्र पहली बार साल 1999 में हुआ। इसका नाम डार्सी डिनुची ने दिया। इंटरनेट के इस वर्जन में यूजर्स वेबसाइट पढ़ने के साथ लिख सकते थे। इसमें ब्लॉगिंग, सोशल-मीडिया और वीडियो स्ट्रीमिंग की एंट्री हुई। इसमें YouTube और ब्लॉगिंग जैसी वेबसाइट की शुरुआत हुई। वेब 2.0 में ब्लॉगिंग, पॉडकास्टिंग, सोशल नेटवर्किंग, टैगिंग, सोशल मीडिया शामिल हैं। Web 2.0 के सारे काम क्लाउड बेस्ड होते हैं। इसमें रिमोट डेटा स्टोरेज और प्रोसेसिंग सर्विस इंटरनेट के जरिए उपलब्ध रहता है। अमेजन वेब सर्विसेज, गूगल क्लाउड, माइक्रोसाफ्ट व अन्य मंच क्लाउड सर्विस प्रदान करती हैं। इसका मतलब यह है कि कोई भी जानकारी जो यूजर ऐसे प्लेटफार्म पर साझा करते हैं, उन्हें ऑनलाइन सर्विस उपयोग किए जाने वाले क्लाउड प्रोवाइडर के पास स्टोर किया जाता है।
क्या है Web 1? What is Web 1?
साल 1995 में नेटस्केप ने पहला कॉमर्शियल ब्राउज़र जारी किया और इसके साथ, वेब 1.0 का जन्म हुआ। लेकिन इससे पहले साल 1990 में टिम बर्नर्स-ली (Tim Berners-Lee) ने पहली वेबसाइट बनाई थी। यह वेबसाइट इंटरनेट की दुनिया में पहला कदम था जिसमें केवल कुछ पेज और हाइपरलिंक शामिल थे।
Trace Network Labs के को-फाउंडर और सीईओ लोकेश राव के मुताबिक मौजूदा वक्त में हमारा इंटरनेट डेटा ड्रिवेन है। इसमें आप पैसा का लेनदेन करते हैं। उदाहरण के लिए आप गूगल पर अपना अकाउंट बनाते हैं, जहां से गूगल पर कुछ भी सर्च कर पाते हैं। इसी तरह फेसबुक पर अपने अकाउंट से फोटो शेयर करते हैं। लेकिन मेटावर्स पैसों का लेनदेन इमर्शिव तरीके से कर पाएंगे। मेटावर्स से जो इंटनरेट तैयार हो रहा है, वो एक एक्सपीरिएंस जोन जैसी इंटनरेट की दुनिया होगी। मेटावर्स की दुनिया में आप अपने अवतार के जरिए किसी भी प्रोडक्ट का 3D एक्सपीरिएंस ले सकेंगे। जिस चीज को आप स्टोर से खरीदना चाहते हैं, उसकी डिटेल वर्चुअली हासिल कर पाएंगे और इन्हें घर पर भी मंगा सकेंगे। मेटावर्स की दुनिया में नॉलेज हासिल करने के लिए मेटावर्स यूनिवर्सिटी बन रही है। मेटावर्स की दुनिया लिमिटलेस है।