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मेंटल हेल्थ से लेकर डाटा चोरी तक, Metaverse के डिजिटल माहौल में पनप रहे ये 10 जोखिम

Risks Of Metaverse VR के फायदों के बारे में तो हम सुनते ही आए हैं। पढ़ाई लिखाई से लेकर कुछ नया सीखने तक मेटावर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। अच्छाई के साथ- साथ मेटावर्स के कुछ डार्क- साइड भी हैं जिनको जानना बेहद जरूरी है (फाइल फोटो जागरण)

By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyPublished: Mon, 20 Mar 2023 03:44 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2023 04:56 PM (IST)
मेंटल हेल्थ से लेकर डाटा चोरी तक, Metaverse के डिजिटल माहौल में पनप रहे ये 10 जोखिम
Harassment to Mental Health know top 10 Metaverse Risk

नई दिल्ली, टेक डेस्क। मेटावर्स, इस नाम को शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने सुना नहीं होगा। इस शब्द ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। मेटावर्स की वर्चुअल दुनिया में वो सारे काम हो रहे हैं जिसको हम कभी सोच नहीं सकते हैं। मेटावर्स जितना रोमांचित करने वाला है, उससे कहीं ज्यादा ये आम लोगों की जिंदगी पर बुरा प्रभाव डाल रहा है।

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मानसिक हेल्थ से लेकर लोगों की डाटा चोरी तक, ऐसे कई गलत काम को अंजाम देने की कोशिश किया जा रहा है। वर्चुअल दुनिया में अब बच्चों का यौन शोषण भी किया जा रहा है। आइए आपको बताते हैं वर्चुअल दुनिया में होने वाले 10 बड़े जोखिमों के बारे में।

बच्चों के दिमाग पर पड़ रहा गलत प्रभाव

VR हेडसेट लगाने के बाद लोगों को वर्चुअल दुनिया काफी सच्ची लगती है। हमारा शरीर और दिमाग उस समय जो चीजें देख या महसूस कर रहा होता है, वहीं उस समय की सच्चाई होती है। मेटावर्स की दुनिया में जो हरकतें हमें अच्छी लगती हैं, वहीं दूसरी ओर ये बच्चों के दिमाग और शरीर पर बेहद गंभीर असर डालती हैं। मेटावर्स में अगर कोई बच्चों से गलत सेक्सुअल हरकत करता है, तो उसका सीधा असर दिमाग और शरीर पर काफी गंभीर असर पड़ता है।

उत्पीड़न और साइबरबुलिंग

मेटावर्स में मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण का विषय पहले ही सुर्खियां बटोर चुका है। युवा वयस्क और किशोर अभी भी साइबरबुलिंग की चपेट में हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, क्योंकि मेटावर्स में मानव अनुभव उतना ही वास्तविक है जितना कि भौतिक दुनिया में हमारा अनुभव, दर्द और पीड़ा उतनी ही वास्तविक और गंभीर है।

पहचान की चोरी

कई विशेषज्ञ डरते हैं कि यदि कठोर सुरक्षा उपाय नहीं अपनाए गए, तो मेटावर्स में पहचान की चोरी और भी आसान हो सकती है। वास्तविक दुनिया में, पहचान की चोरी (आइडेंटिफिकेशन की चोरी) अब एक अरबों डॉलर की इंडस्ट्री है। हाल के शोध में अनुमान लगाया गया है कि आइडेंटिफिकेशन की चोरी से होने वाली क्षति $24 बिलियन थी।

अनधिकृत डेटा एकत्र करने वाली कंपनियां

आपकी व्यक्तिगत जानकारी भी वैध व्यवसायों द्वारा एकत्रित की जाती है। दूसरी ओर, वर्चुअल रियलिटी में डेटा संग्रह को उस स्तर तक धकेलने की क्षमता है जो कुछ लोगों के लिए पहुंच से बाहर हो सकता है। वर्चुअल रियलिटी हेडसेट किसी थर्ड-पार्टी को वॉयसप्रिंट डेटा, बायोमेट्रिक डेटा और यहां तक ​​की फेस की डिजिटल जानकरी सहित कई संवेदनशील व्यक्तिगत डाटा एकत्र कर सकता है।

रैनसमवेयर के जरिए हमला

रैनसमवेयर एक सॉफ्टवेयर है जो आपके डेटा को एन्क्रिप्ट करता है और आपको या किसी और को उन तक पहुंचने से रोकता है। यह तब एक मैसेज डिस्प्ले करेगा जिसमें आपसे अपने डेटा को रिकवर करने के लिए राशि का भुगतान करने की मांग की जाएगी। आपकी मेटावर्स प्रोफाइल में सोशल मीडिया पेज की तुलना में बहुत अधिक सेंसिटिव जानकारी होगी जिसे आसानी से हैक किया जा सकता है।

वर्चुअल रियलिटी की धारणाएं बदलेंगी

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी दोनों, दो नींव जो मेटावर्स के आधार का निर्माण करेंगी। यह प्रभावित कर सकती हैं कि व्यक्ति वास्तविक दुनिया को कैसे देखते हैं। उदाहरण के लिए, एक वर्चुअल क्लास में भाग लेने वालों ने कुर्सी पर बैठने से इंकार कर दिया। वर्चुअल रियलिटी में भी किसी काम को करने से मना किया जा सकता है। ।

डीप-फेक वीडियो

ऐसी दुनिया में जहां इनफार्मेशन किंग है, विशेषज्ञ हमारे देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वाले डार्क नकली ऑडियो और वीडियो स्निपेट के माध्यम से दिए गए फर्जी सूचना के बारे में चिंतित हैं। डीप-फेक संशोधित वीडियो या ऑडियो क्लिप है, जो किसी रियल वीडियो की तरह दिखाई देते हैं और वैसा ही साउंड करते हैं।

डार्क वेब पर बेचे जा सकते हैं पर्सनल डाटा

संवेदनशील जानकारी देने के लिए किसी को मानसिक रूप से प्रभावित करने की गतिविधि को सोशल इंजीनियरिंग के नाम से जाना जाता है। बड़ी मात्रा में व्यक्तिगत डाटा को मेटावर्स में रखा जाएगा, क्योंकि यह डार्क वेब पर व्यक्तिगत डेटा बेचने की कोशिश कर रहे हैकर्स के लिए सोने की खान बन सकता है।

स्पेस शेयर करना हो सकता है खतरनाक

लोगों को एक साथ लाने के विचार पर मेटावर्स बनाया गया है। हालांकि यह कुछ मायनों में फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यह समस्याएं भी पैदा कर सकता है। मेटावर्स में आपको उल्टी दृष्टिकोण वाले लोगों से निपटना होगा। अध्ययन के अनुसार, लोग वास्तविक दुनिया की तुलना में वर्चुअल दुनिया में अलग व्यवहार करते हैं। यह बड़े पैमाने पर मल्टीप्लेयर ऑनलाइन रोल-प्लेइंग गेम (MMORPGs) के क्षेत्र में विशेष रूप से स्पष्ट है, जहां अनुभवी प्लेयर अक्सर नए प्लयेर की आलोचना करते हैं और यहां तक कि लड़कियों का दुरुपयोग भी करते हैं।

वेरिफिकेशन बेहद जरूरी

नए ऐप्स, जैसे आज का इंटरनेट, हमारे डिजिटल जीवन को बाधित करने की क्षमता रखता है जिससे डिजिटल जोखिम होता है। हालांकि, भारी मात्रा में संवेदनशील डेटा जो एक मेटावर्स परिदृश्य में बनाए रखा जाएगा, नुकसान को काफी हद तक बदतर बना सकता है। हमें यह सुनिश्चित करने के तरीकों के साथ आने की आवश्यकता होगी कि हार्मफुल कोड के लिए सभी नए ऐप्स स्कैन किए जाएं।


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