सावधान! आपको स्मार्टफोन का टच-स्क्रीन बन सकता है हैकिंग का नया जरिया
अगर आपसे कहा जाए कि आप फोन पर क्या टैप कर रहे हैं यह सुनकर हैकर्स आपके पासवर्ड को ट्रैक कर सकते हैं तो आपको भी हैरानी होगी। लेकिन यह बात एक रिसर्च में सामने आई है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। टेक्नोलॉजी कंपनियां जैसे-जैसे स्मार्टफोन को हैक होने से बचाने के लिए नए सिक्युरिटी फीचर्स को इनेबल कर रही हैं, हैकर्स उनसे एक कदम आगे निकलकर फोन को हैक करने के नए तरीके निकालने में जुटे रहते हैं। अगर आपसे कहा जाए कि आप फोन पर क्या टाइप कर रहे हैं यह सुनकर हैकर्स आपके पासवर्ड को ट्रैक कर सकते हैं तो आपको भी हैरानी होगी। लेकिन यह बात कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च में सामने आई है। हाल ही में किए गए एक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि टाइप करने से जो साउंट वेब निकलता है उसके जरिए पासवर्ड का पता लगाया जा सकता है।
हैकर्स आपके द्वारा टाइप किए गए पासवर्ड को साउंड वेब के जरिए डिकोड करके उसका पता लगा सकते हैं। इसके लिए हैकर्स को बस आपको माइक्रोफोन ऐप का एस्सेस लेना होता है। अमेरिकी समाचार पत्र वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित खबर के मुताबिक, एक रिसर्चर ने लिखा है कि हमने यह दर्शाया कि साइबर अटैक के जरिए पिन कोड्स के हर लेटर और फिर पूरे शब्द को कैसे सफलतापूर्वक डिकोड किया जा सकता है। Vivo Y17 को अमेजन से खरीदने के लिए यहां क्लिक करें।
अगर कोई स्मार्टफोन यूजर किसी भी अननोन ऐप को अपने स्मार्टफोन में इंस्टॉल करता है तो हैकर्स को उसके स्मार्टफोन के माइक्रोफोन का एक्सेस मिल जाता है। कई ऐप्स को इंस्टॉल करते समय यूजर्स कई तरह के परमिशन को बिना देखे अग्री कर देते हैं जिसकी वजह से हैकर्स को यूजर्स के स्मार्टफोन का एक्सेस आसानी से मिल जाता है। हैकर्स इसके लिए रिंग टोन या फिर किसी भी तरह के ऐप के जरिए यूजर को टारगेट कर सकते हैं।
रिसर्चर ने एक मशीन लर्निंग एल्गोरिदम डिजाइन किया है जो कि किसी भी की-स्ट्रोक को टाइप करने के बाद उसके वाइब्रेशन को डिकोड कर सकता है। इसके लिए 45 लोगों के ग्रुप ने मिलकर कई टेस्ट किए गए। रिसर्चर ने स्मार्टफोन के लिए किए गए टेस्ट में 27 में से 7 बार सही पासवर्ड बताए। टैबलेट के लिए किए गए टेस्ट में 27 में से 19 बार सही पासवर्ड बताए। रिसर्चर ने बताया कि स्मार्टफोन का माइक्रोफोन उंगली के टैप की आवाज को सुनकर टैप किए गए लोकेशन पर वेब और डिस्टॉर्शन क्रिएट होता है। बिल्ट-इन ऐप के जरिए माइक्रोफोन का ऑडियो रिकार्ड करके पासवर्ड को डिकोड किया जा सकता है।
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