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सरकार स्मार्टफोन के घरेलू निर्माण पर देगी 50 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी, 8 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

5 ग्लोबल स्मार्टफोन मेकर्स को घरेलू प्रोडक्शन बढ़ाने और उसके विस्तार के लिए कई तरह की छूट दी जाएगी।

By Renu YadavEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 09:49 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 09:49 AM (IST)
सरकार स्मार्टफोन के घरेलू निर्माण पर देगी 50 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी, 8 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
सरकार स्मार्टफोन के घरेलू निर्माण पर देगी 50 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी, 8 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारत सरकार ने मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 6.7 बिलियन डॉलर (करीब 50 हजार करोड़ रुपए) की मदद का ऐलान किया है। सरकार ने सब्सिडी देने के लिए कंपनियों से आवेदन मंगाने शुरू कर दिया है। सरकार को उम्मीद है इससे 8 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके तहत 5 ग्लोबल स्मार्टफोन मेकर्स को घरेलू प्रोडक्शन बढ़ाने और उसके विस्तार के लिए कई तरह की छूट दी जाएगी। टेक्नोलॉजी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार की तरफ से प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (PLI) के आधार पर 4 से 6 फीसदी कैश ऑफर किया जाएगा। इस ऑफर का फायदा अगले 5 साल तक घरेलू निर्मित गुड्स की बिक्री के आधार पर मिलेगा। इसके लिए साल 2019-20 को आधार वर्ष बनाया गया है।

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सरकार की तरफ से जिन 5 कंपनियों को यह छूट दी जाएगी। उनका चयन घरेलू स्तर पर निवेश और बिक्री के आधार पर किया जाएगा। सरकार इन 5 स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों का ऐलान अगले दो माह में कर सकती है। इन कंपनियों को PLI स्कीम के आधार पर सेलेक्ट किया जाएगा। स्मार्टफोन निर्माताओं को दो अलग तरह की भी छूट दी जाएगी। मंत्री ने कहा कि इस तरह की छूट मिलने से साल 2025 तक भारत का स्मार्टफोन और उसके कंपोनेंट प्रोडक्शन का कारोबार करीब 10 ट्रिलियन रुपए का हो सकता है। 

उन्होंने कहा कि पीएम स्मार्टफोन इंडस्ट्री पीएम मोदी के मेक इन इंडिया मुहिम के लिए एक शोपीस बनकर रह गई थी। सरकार अब इसे देश का एक्सपोर्ट हब बनाना चाहती है। बता दें कि सैमसंग, ताइवान फर्म Foxconn और Wistron दोनों ने भारत के घरेलू प्रोडक्शन में अपनी हिस्सेदारी बढ़ी दी है। यह कंपनियां Apple को पार्ट्स सप्लाई करती हैं। इन कंपनियों के भारत में आने की एक वजह यहां का 1.3 बिलियन लोगों का बड़ा बाजार है।

सरकार के नए प्लान के तहत कंपोनेंट के प्रोडक्शन को बढ़ाने और मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर को बनाने के लिए पहले से बनी फैक्टरी और कॉमन फैसिलिटी का इस्तेमाल किया जाएगा। जिससे तत्काल प्रभाव से पार्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग शुरू की जा सके। बता दें कि सरकार का यह प्लान ऐसे वक्त में आया है, जब ज्यादा से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां चीन से बाहर आ रही हैं, जहां कोरोनावायरस महामारी ने पूरी सप्लाई चेन को ध्वस्त कर दिया है। भारत में जहां सस्ते लेबर उपलब्ध हैं। वहीं एक बिलियन से ज्यादा मोबाइल कनेक्शन भी हैं। लेकिन इनके आधे से कम स्मार्टफोन की भारत में मैन्युफैक्चरिंग होती है।

(Written By- Saurabh Verma)


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