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Fake News पर लगाम लगाने के लिए लिया भारत सरकार ने बड़ा फैसला, सोशल मीडिया पर अब सभी के होंगे Account Verify

सोशल मीडिया पर बढ़ते फेक न्यूज़ से परेशान भारत सरकार ने लिया अब बड़ा फैसला। राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया कंपनियों से कहा कि अपने सभी यूजर्स को स्वेच्छा से वेरिफ़ाई करने का अवसर प्रदान करें।

By Kritarth SardanaEdited By: Published: Sun, 07 Aug 2022 01:42 PM (IST)Updated: Sun, 07 Aug 2022 01:42 PM (IST)
Fake News पर लगाम लगाने के लिए लिया भारत सरकार ने बड़ा फैसला, सोशल मीडिया पर अब सभी के होंगे Account Verify
Photo Credit- Rajeev Chandrashekar website & Jagran File photo

नई दिल्ली, टेक डेस्क। सोशल मीडिया के जरिए Fake News के बढ़ते मामलों से भारत सरकार भी परेशान है। सरकार फेक न्यूज़ को फैलने से रोकने के लिए अब कई कदम उठा रही है। इसी सिलसिले में हाल ही में संसद में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने काफी महत्वपूर्ण जानकारी दी ।

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क्या कहते हैं राजीव चंद्रशेखर

राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने राज्यसभा में अपने एक लिखित जवाब में कहा कि सोशल मीडिया कंपनियां अपने यूजर्स को स्वेच्छा से अपने अकाउंट्स वेरिफिकेशन करने का अवसर दें। इसके साथ ही ये प्लेटफॉर्म्स यूजर्स को अपने मापदंडों के आधार पर ही verify करके वेरिफिकेशन मार्क भी प्रदान करें, जो उनके अकाउंट पर दिखाई दे सके। इससे ये पता चल सकेंगा कि आखिर वो अकाउंट किस व्यक्ति का है। वह यह भी कहते हैं कि यह वेरिफिकेशन कुछ ऐसे ही होगा जैसे फेसबुक, ट्विटर और इंस्टग्राम जैसे माध्यमों पर ब्लू टिक से होता है।

क्या है यह नया नियम

चंद्रशेखर ने यह स्पष्ट किया कि सरकार फेक न्यूज़, गलत सूचनाएं और इससे यूजर्स को हो रही हानि व आपराधिकता से बढ़ते खतरों आदि से भली-भांति परिचित है। इसलिए सरकार संप्रभुता और अखंडता से जुड़े अपराधों को रोकने और उनकी जांच के साथ इस प्रकार के कार्यों में संलिप्त लोगों को सजा के प्रयोजनों पर भी कार्य कर रही है।

इसीलिए सरकार ने अपने देश के यूजर्स के लिए सूचना प्रौद्योगिकी नियम- 2021 (‘आईटी नियम 2021’) को अधिसूचित किया है। जिससे सुरक्षित और विश्वसनीय के साथ एक जवाबदेह इंटरनेट सुविधा उपलब्ध हो सके।राज्यमंत्री ने बताया कि ‘सीईआरटी-इन (Indian Computer Emergency Response Team)  ने आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 70बी की उप-धारा (6) के प्रावधानों के अंतर्गत भी निर्देश जारी कर, डेटा सेंटर्स, वर्चुअल प्राइवेट सर्वर (VPS) प्रोवाइडर्स, वीपीएन (VPN) द्वारा सब्सक्राइबर्स या कस्टमर रजिस्ट्रेशन डिटेल से संबंधित मामलों को भी इसमें लिया गया है।


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