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भारत रत्न मृणालिनी साराभाई के 100वें जन्मदिन पर गूगल ने डूडल बनाकर किया याद

गूगल ने नृत्यांगना और कोरियोग्राफर मृणालिनी साराभाई को डूडल के जरिए याद किया है। मृणालिनी साराभाई को 1965 में पद्मश्री और 1992 में पद्मभूषण से नवाजा गया था।

By Shridhar MishraEdited By: Published: Fri, 11 May 2018 01:52 PM (IST)Updated: Fri, 11 May 2018 02:02 PM (IST)
भारत रत्न मृणालिनी साराभाई के 100वें जन्मदिन पर गूगल ने डूडल बनाकर किया याद
भारत रत्न मृणालिनी साराभाई के 100वें जन्मदिन पर गूगल ने डूडल बनाकर किया याद

नई दिल्ली(टेक डेस्क)। गूगल ने नृत्यांगना और कोरियोग्राफर मृणालिनी साराभाई को डूडल के जरिए याद किया है। गूगल अक्सर दुनिया की बड़ी हस्तियों को अपने डूडल के जरिए याद करता है। गूगल के सर्च इंजन के ऊपर दिखाई दे रही तस्वीर मृणालिनी साराभाई है जिनके पीछे डांस करती तीन महिलाओं को दिखाया गया है। मृणालिनी साराभाई की आज 100वें जन्मतिथि है।

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मृणालिनी साराभाई को 1965 में पद्मश्री और 1992 में पद्मभूषण से नवाजा गया। इसके बाद उनके काम के लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। मृणालिनी साराभाई न सिर्फ भारत में बल्कि देश के बाहर भी काफी लोकप्रिय थी। फ्रांस में तो जैसे उन्होंने अपने नाम की एक अलग पहचान ही छोड़ दी थी।

मृणालिनी साराभाई का जन्म केरल में 11 मई 1918 में हुआ था। मृणालिनी के पिता पेशे से मद्रास हाई कोर्ट के वकील थे। मृणालिनी साराभाई को बचपन से ही डांस को शौक था जिसके चलते उनकी मां ने उन्हें बचपन में ही स्विटजरलैंड भेज दिया था, जहां उन्होंने डांस से जुड़ी कई बातें सीखीं।

रबींद्रनाथ टैगोर की देख-रेख में मृणालिनी साराभाई का काफी समय बीता, जहां उन्होंने शांति निकेतन में पढ़ाई की। ये वो समय था जब मृणालिनी ने तय कर लिया था कि अब डांस ही उनकी जिंदगी है।

मृणालिनी साराभाई का तकनीक और विज्ञान से भी एक रिश्ता रहा है। दरअसल मृणालिनी जब 24 साल की थी तब उन्होंने विक्रम साराभाई से शादी की। विक्रम साराभाई भारत के दिग्गज वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं में गिने जाते हैं। विक्रम साराभाई को भारतीय स्पेस प्रोग्राम का पिता कहा जाता है।

मृणालिनी साराभाई ने साल 1948 में अहमदाबाद में एक अकादमी की शुरूआत की जिसका नाम 'दर्पण' रखा गया। मृणालिनी डांस के साथ-साथ कोरियोग्राफी भी करती रहीं।

मृणालिनी साराभाई को डांस और कोरियोग्राफी के साथ लिखने का भी शौक था। उन्होंने नॉवेल, नाटक के साथ एक ऑटोबायोग्राफी भी लिखीं। मृणालिनी साराभाई का 87 साल की उम्र में अहमदाबाद में निधन हो गया था।

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