बीमार व्यक्ति कब तक रहेगा जिंदा बताएगी गूगल की नई तकनीक
गूगल एक ऐसी तकनीक पर काम कर रहा है जिसमें यह पता चल सकेगा कि बीमार इंसान के जिंदा रहने की कितनी संभावना है
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आए दिन कोई न कोई आविष्कार हो रहे हैं। इसी बीच गूगल जल्द ही एक ऐसी तकनीक पेश करने की तैयारी कर रहा है जिसके जरिए यह पता चल सकेगा कि बीमार इंसान के जिंदा रहने की कितनी संभावना है। इस तकनीक को लेकर गूगल ने रिसर्च भी की है।
जानें रिसर्च के बारे में:
यह रिसर्च एक स्तन कैंसर से पीड़ित महिला पर की गई है। इस दौरान डॉक्टर्स की टीम ने महिला का रेडियोलॉजी स्कैन किया जिसमें उसके मरने का जोखिम 9.3 फीसद था। जबकि गूगल एप से पूछने पर यह संख्या 19.9 फीसद थी। इस रिसर्च के कुछ दिन बाद ही महिला की मौत हो गई। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर निगम शाह के मुताबिक, फिलहाल यह तकनीक अनुमानित जानकारी देती है। लेकिन जल्द ही इससे सटीक संख्या का पता लगाया जा सकेगा। इस तकनीक पर अभी काम किया जा रहा है।
आपको बता दें कि इस तकनीक पर आर्टिफशल इंटेलिजेंस के चीफ जेफ डीन की कंपनी मेडिकल ब्रेन काम कर रही है। यह तकनीक बीमार व्यक्ति की बीमारी की जांच कर निष्कर्ष बताएगी। रिसर्च में गूगल की तरफ से महिला के बचने की संभावना को लेकर दिए गए आंकड़ों से विशेषज्ञ हैरान रह गए। विशेषज्ञों ने कहा कि जिन आंकड़ों और रिपोर्ट तक वो नहीं पहुंच पाए वहां तक गूगल पहुंचा और इससे संबंधित रिपोर्ट भी गूगल ने दी।
स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में असोसिएट प्रोफेसर निगम शाह और गूगल के रीसर्च पेपर के सह-लेखक ने कहा, “आज के अनुमानित मॉडल में लगने वाला 80 फीसद टाइम डाटा को प्रेजेंटेबल बनाने में चला जाता है, लेकिन गूगल की यह नई अप्रोच इससे बचाती है।”
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