400 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर 75 लाख से ज्यादा लोग कर रहे हैं Google इंटरनेट का यूज
Google इनिशिएटिव हर महीने लाखों लोगों को ऑनलाइन जुड़ने में मदद कर रहा है। फिलहाल 400 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर 75 लाख से ज़्यादा लोग हर महीने इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। दुनिया में इंटरनेट की कनेक्टिविटी जहां तेजी से बढ़ रही है, वहीं भारत की आधी से ज़्यादा आबादी अभी भी इस सुविधा से वंचित है। हज़ारों रेलवे स्टेशनों पर तेज और मुफ्त वाई-फाई हॉटस्पॉट लगाने के साथ गांव-देहातों में डिजिटल साक्षरता प्रदान करके Google इनिशिएटिव हर महीने लाखों लोगों को ऑनलाइन होने में मदद कर रहा है। इनमें से कई पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। फिलहाल 400 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर 75 लाख से ज़्यादा लोग हर महीने गूगल इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं।
इस सुविधा का उपयोग करके यात्री एचडी वीडियो देख सकते हैं। अपने गंतव्य की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं या यात्रा को सुखद बनाने के लिए कोई किताब डाउनलोड कर सकते हैं। भविष्य में इस सुविधा को इस लक्ष्य के साथ नि:शुल्क रखा जाएगा कि बिना किसी पर भार डाले इनका विस्तार किया जा सके।
2015 की IMRB I-CUBE रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण भारत में 10 में से सिर्फ़ एक इंटरनेट यूज़र ही महिला है। Google, महिलाओं को उनके गांवों में इंटरनेट मुहैया करवाकर इस खाई को भरने का काम कर रही है।
टाटा ट्रस्ट के साथ मिलकर, Google ने 2015 में इंटरनेट साथी की शुरुआत की थी, जिसके तहत ग्रामीण महिलाओं को बेसिक डिजिटल साक्षरता का प्रशिक्षण दिया गया। फिर ये ‘साथी’ अपने पड़ोस में और दूसरे गांवों की महिलाओं को इंटरनेट प्राप्त और इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षित करते थे। इस प्रशिक्षण से शिक्षा प्रदान करने के एक ऐसे चक्र की शुरुआत हुई, जिसने युवा ग्रामीण आबादी पर गहरा असर छोड़ा।
150,000 villages reached. 15M women benefited. The Internet Saathi Program has crossed its halfway mark, and has now expanded to the states of Goa, Uttarakhand, Karnataka and Telangana. https://t.co/KHIosT9mTS" rel="nofollow @tatatrusts pic.twitter.com/4aRTdUuK8H — Google India (@GoogleIndia) May 21, 2018
अब तक, 13 राज्यों के दो लाख गावों में 36 हज़ार से अधिक साथियों ने 2 करोड़ से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया है। इंटरनेट साथी के आरम्भ के दो साल बाद Google ने इस कार्यक्रम के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए पूर्व भागीदारों का सर्वे किया। लोगों ने बताया कि कार्यक्रम ने उन पर सकारात्मक असर डाला है। 4 में से 1 ने प्रशिक्षण के बाद इंटरनेट का प्रयोग जारी रखा। अहम बात यह है कि कई महिलाओं ने यह माना कि उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आये हैं। कुछ ने तो इंटरनेट का इस्तेमाल करने के बाद सामाजिक और आर्थिक स्तर में सुधार आने की बात भी स्वीकार की।