यूजर्स को ऑनलाइन सुरक्षा देने के लिए Google ने की है ये सात पहल
Google विद्यार्थियों को शिक्षण संसाधन और टूल्स उपलब्ध कराती है ताकि वे सुरक्षित रूप से साइबरस्पेस के जोखिमों के बीच अपना काम इत्मीनान से कर सकें।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इंटरनेट यूजर वाले देश भारत में 40 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं और अनुमान है कि अगले दो साल में इनकी संख्या बढ़कर 65 करोड़ हो जाएगी। मौजूदा और भविष्य के इंटरनेट यूजर्स को बेहतर ऑनलाइन अनुभव उपलब्ध कराने के लिए Google विद्यार्थियों को शिक्षण संसाधन और टूल्स उपलब्ध कराती है, ताकि वे सुरक्षित रूप से साइबरस्पेस के जोखिमों के बीच अपना काम इत्मीनान से कर सकें।
बच्चों की पढ़ाई और सुरक्षा
Google भारत के बच्चों को साइबरस्पेस में प्रवेश दिलाने की तैयारी के लिए भी प्रतिबद्ध है। उचित शिक्षा और टूल्स की बदौलत विद्यार्थी अब अपनी पढ़ाई में इंटरनेट का लाभ फायदा उठा सकते हैं, वह भी पूरी सुरक्षा के साथ।
स्कूलों में इंटरनेट सुरक्षा
देश भर के स्कूललों में इन्फॉशर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी विषय के लिए Google ने NCERT के साथ मिलकर डिजिटल सिटिजनशिप मॉड्यूल की शुरुआत की है। अभी यह पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर गोवा, केरल और तेलंगाना में चल रहा है। अन्य राज्यों में जल्दी ही इसका विस्तार किया जाएगा।
वेब रेंजर्स अभियान
अपने वेब रेंजर्स अभियान के तहत Google 2015 से भारतीय विद्यार्थियों को इंटरनेट सुरक्षा का एंबेसडर बनने में मदद कर रही है। 75 शहरों के 30,000 से अधिक ऐसे एंबेसडर्स इस प्रोग्राम में हिस्सा लेने के बाद अनूठे प्रोजेक्ट्स (ऐप्स, गेम्स और वीडियो) और अभियानों के जरिये इंटरनेट सुरक्षा के संदेश को प्रसारित करने में मदद दे रहे हैं।
युवा डेवलपर्स को प्रोत्साहन
2018 के वेब रेंजर्स कंपटीशन में 5,000 से अधिक प्रतियोगियों में से चेन्नई के अर्जुन एस. ने 'Alice Safety Bot' के लिए प्रथम स्थान प्राप्त किया था। यह बॉट आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस वर्चुअल असिस्टेंट है, जो यूजर्स को इंटरनेट सेफ्टी के बारे में सिखाने में मददगार है।
शिक्षकों के जरिये बच्चों को दी जा रही है इंटरनेट सेफ्टी की शिक्षा
बच्चों को सुरक्षित और सकारात्माक ऑनलाइन अनुभव देने के लिए Google शिक्षकों को जानकारियों के साथ-साथ टूल्सर भी उपलब्ध करा रही है। शिक्षकों के लिए Google ने डिजिटल सिटिजनशिप एंड सेफ्टी के ऑनलाइन कोर्स के लिए पठन सामग्री, वीडियो और एक्टिविटीज उपलब्ध करा रहा है। यह कोर्स फ्री है और अनुमान है कि इस साल एक लाख से अधिक शिक्षक इसका लाभ उठा सकेंगे।
महिलाओं के लिए बराबरी और ऑनलाइन सुरक्षा
भारत में इंटरनेट यूजर्स में मात्र 29 फीसद हिस्सेदारी महिलाओं की है। Google महिलाओं को सुरक्षा के उपाय सिखाकर उन्हें ऑनलाइन लाकर कंटेट में उनकी हिस्सेदारी बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध है। माताओं को खुद और अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए Google ने 2017 में साइबर मॉम्स प्रोग्राम को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया था। अभी तक इंटरनेट सुरक्षा, प्राइवेसी और टूल्स की मूलभूत जानकारियां दो शहरों के 650 से अधिक महिलाओं को दी जा चुकी हैं। महिलाएं ऑनलाइन अपनी सुरक्षा कर सकें, इसके लिए Google ने डिजिटल डायलॉग प्रोग्राम के लिए SheThePeople.TV के साथ साझेदारी की है।
डिजिटल इकोनॉमी के लिए उपभोक्ताओं को भी कर रहा है जागरूक
कंज्यूमर ऑर्गेनाइजेशन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ट्रेन-द-ट्रेनर वर्कशॉप्स की शुरुआत के लिए Google ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के साथ साझेदारी की। इसके जरिये वह उपभोक्ताओं के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों को भी इंटरनेट सुरक्षा की जानकारी दे रही है।