Gmail-Calendar spam: Google ने शुरू की डाटा चोरी की जांच
Gmail-Calendar spam को लेकर Google ने जांच शुरू कर दी है ताकि हैकर्स से आपके निजी डाटा को चोरी होने से बचाया जा सके...
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Gmail-Calendar spam को लेकर इसी साल जून में खबर आई थी कि कुछ हैकर्स ने Gmail Calendar से यूजर्स के डाटा को चोरी करना शुरू कर दिया है। जो कि एक नए तरीके का स्कैम है, जिसमें यूजर्स हैकर्स आसानी से यूजर्स का लॉगइन और पासवर्ड पता कर लेते हैं। वहीं अब Google ने अपने यूजर्स के डाटा को सुरक्षित करने के लिए इस स्कैम की जांच की शुरू कर दी है।
बता दें कि Gmail-Calendar spam की एक घटना जून में सामने आई थी जिसमें हैकर्स जीमेल के माध्यम से एक कैलेंडर उपयोगकर्ता के शेड्यूल में इंविटेशन देता है, जिसके बाद यूजर्स के अकाउंट से ट्रांसफर की घटना सामने आती है। लेकिन अब गूगल ने इस घटना की जांच करनी शुरू कर दी है कि आखिर कैसे यूजर के बैंक खाते और पिन नंबर जैसी महत्वपूर्ण कैलेंडर से गायब हुईं।
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सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार Google को जब इस स्कैम की जानकारी प्रात्प हुई तो उसने इसकी Calendar Help page के माध्यम से पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि हम इस घटना की जांच कर रहे हैं। Google ने मैसेज मं लिखा है कि 'हम कैलेंडर में होने वाले स्पैम के बारे में जानते हैं और इस समस्या को हल करने के लिए काम कर रहे हैं। हम जल्द ही स्पैम को हटा देंगे।' इसके साथ ही Google ने अपने पोस्ट में एक लिंक भी शामिल किया है जो उपयोगकर्ताओं को बताता है कि उनके फोन पर इस तरह की घटना होने पर उन्हें क्या करना है।
Google ने उपयोगकर्ताओं को अलर्ट करते हुए कहा है कि वे अपने फोन से ईवेंट इंविटेशन का जवाब न दें, इसके बजाय, डेस्कटॉप या लैपटॉप कंप्यूटर से, आपको Calendar.google.com पर डेस्कटॉप Google कैलेंडर ऐप ओपन करके रिप्लाई करें।
ऐसे होती है डाटा चोरी
Google Calendar का उपयोग करने वाला कोई भी यूजर आपके साथ मीटिंग शेड्यूल कर सकता है। मीटिंग सेट करने के साथ ही आपके जीमेल अकाउंट में एक ई-मेल नोटिफिकेशन आता है। हैकर्स इसी ई-मेल के जरिए आपके डाटा को हैक करते हैं। इस स्कैम में हैकर यूजर्स को कैलेंडर मीटिंग इंविटेशन भेजते हैं। जिसमें एक लिंक एड होता है। ई-मेल में मीटिंग रिक्वेस्ट के साथ ही एक मलीशस लिंक भी मौजूद रहता है। इस लिंक पर क्लिक करते ही यूजर्स को किसी दूसरी वेबसाइट पर डायरेक्ट कर दिया जाता है जहां से हैकर्स यूजर्स के लॉगइन की जानकारी चुरा लेते हैं।