दुनिया में सबसे ज्यादा एंड्रॉयड-आईओएस एप्स भारत में हुए डाउनलोड, अमेरिका और चीन पिछड़े
साल 2017 में भारत में कुल 28 करोड़ 10 लाख इंटरनेट यूजर्स थे। इन यूजर्स में से शहरी यूजर्स की संख्या 62 फीसदी थी।
नई दिल्ली(टेक डेस्क)। भारत एंड्रॉयड और आईओएस एप्स के लिए दुनिया का सबसे तेजी से उभरता हुआ बाजार बन चुका है। ऐसा हाल ही में आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि रेवेन्यू के मामले में साल 2018 के पहले क्वार्टर में एंड्रॉयड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर मोबाइल एप्स डाउलोड में भारत सबसे तेजी से बढ़ता हुआ देश है।
रिपोर्ट के मुताबिक 2018 के पहले क्वार्टर में आईओएस और एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म के एप्स डाउनलोड के मामले में भारत सबसे पहले स्थान पर है। जबकि दूसरे स्थान पर यूनाईटेड स्टेट्स और तीसरे स्थान पर चीन आता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में नेटफ्लिक्स और टिंडर दो सबसे लोकप्रिय एप्स है। इसके बाद यूसी ब्राउजर, शेयरइट, फेसबुक, व्हॉट्सएप और मैसेंजर जैसे एप्स भारत में टॉप टेन लिस्ट में आते हैं।
रिपोट के मुताबिक पिछले दो सालों की तुलना में 2018 के पहले क्वाटर में 250 फीसदी की बढ़ौतरी दर्ज की गई है। हालांकि मोबाइल एप्स से रेवेन्यू के मामले में भारत 29वें स्थान पर है। 2018 के पहले क्वाटर में एप्स डाउनलोड से भारत में कुल 47 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू हुआ है। जबकि यूएस में 3.2 बिलियन डॉलर और जापान में 2.7 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू हुआ है।
हाल ही में आई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि साल 2017 में भारत में कुल 28 करोड़ 10 लाख इंटरनेट यूजर्स थे। इन यूजर्स में से शहरी यूजर्स की संख्या 62 फीसदी थी।
भारत में आईफोन 6S Plus का ट्रायल प्रोडक्शन शुरू
दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों में से एक एप्पल ने अपने आईफोन 6S Plus का ट्रायल प्रॉडक्शन भारत में शुरू कर दिया है। आईफोन 6S प्लस का ट्रॉयल प्रोडक्शन बेंगलुरु में शुरू हो चुका है। घरेलू उत्पादन के चलते फोन की कीमतों में भी बदलाव देखने को मिलेगा।
क्या पड़ेगा असर
आईफोन 6 प्लस स्मार्टफोन के भारत में उत्पादन से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके साथ कीमतों में असर देखने को मिलेगा। यानी आसान भाषा में कहें तो भारतीयों के लिए ये दो तरफा फायदा है।
एप्पल के इस पहल से दूसरी कंपनियों पर क्या पड़ेगा असर?
दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों में से एक एप्पल का भारत में आईफोन SE के बाद आईफोन 6 Plus का उत्पादन करना, दूसरी बड़ी निर्माता कंपनियों को प्रोत्साहन देगा। भारत में उत्पादन करने से फोन की लागत कम होगी, जिससे फोन की भारत में बिक्री बढ़ेगी। ऐसे में आईफोन को कीमत के मामले में टक्कर देने के लिए दूसरी कंपनियों को अपना उत्पादन या तो भारत में करना होगा या फिर अपने फोन की कीमत घटानी पड़ेगी। ऐसे में अगर दूसरी कंपनियां भी भारत में उत्पादन शुरू करती हैं, तो यूजर्स को सस्ती कीमत के फोन तो मिलेंगे ही, साथ ही यूजर्स को रोजगार भी मिलेगा।
कीमतों में आएगी गिरावट
भारत में अब तक एप्पल का सिर्फ आईफोन SE मॉडल का प्रॉडक्शन होता था। इस कारण फोन की कीमत भारत में दूसरे फोन्स के मुकाबले सस्ती थी। वहीं बजट में किए गए बदलाव का असर आईफोन SE पर नहीं देखने को मिला, जहां फोन 20 फीसदी कस्टम ड्यूटी से अछूता रहा। जानकारों के मुताबिक भारत में आईफोन 6S के उत्पादन से इसके कीमत में करीब 5 से 7 फीसदी गिरावट आएगी।
यह भी पढ़ें:
Gmail में जल्द होने जा रहे हैं बड़े बदलाव, क्विक रिप्लाई और ऑफलाइन स्पोर्ट जैसे जुड़ेंगे कई फीचर्स
आईपीएल प्रेमियों को टेलीकॉम कंपनियों का तोहफा, तेज स्पीड में मिल रहा है ज्यादा डाटा
13490 रुपये में Thomsan ने लॉन्च किए 3 मेक इन इंडिया टीवी, शाओमी से मुकाबला