साइबर फ्रॉड पर अंकुश लगाने की तैयारी में वित्त मंत्री सीतारमण, लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने पर दिया जोर
डेट विद टेक कार्यक्रम में बोलते हुए वित मंत्री ने कहा कि सरकार साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए नियमित रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का ऑडिट करती ...और पढ़ें

पीटीआई, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि साइबर धोखाधड़ी के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने और घोटालेबाजों को सिस्टम से खिलवाड़ करने से रोकने के लिए तकनीक की बागडोर अपने हाथ में लेने की जरूरत है।
मंत्री ने 'डेट विद टेक' कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए, जहां लोगों को फोन कॉल या SMS के माध्यम से धोखा दिया जाता है, सरकार समय-समय पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की समीक्षा करती है। साथ ही नियामक आरबीआई अपने स्वयं के सिस्टम की समीक्षा करता है। बीमा कंपनियां भी अपने सिस्टम की समीक्षा करती हैं।
जागरुकता है जरूरी
सीतारमण ने कहा कि हम लगातार वही कर रहे हैं जो आवश्यक है। जब तक जागरूकता नहीं आती, जब तक हम लोगों के मन में यह जागरूकता पैदा नहीं कर पाते कि मुझे अपने फोन पर कही गई किसी भी बात पर ध्यान नहीं देना चाहिए, तब तक नागरिक जोखिम में हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि हमें इस बात को लेकर चिंता है कि लोगों को बेतरतीब कॉल आ रही हैं, जिससे वे ऐसी स्थिति में फंस रहे हैं और परिणामस्वरूप उन्हें पैसे का नुकसान हो रहा है।
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तकनीकी में आगें है फ्रॉडर्स
मंत्री ने यह भी कहा कि जो लोग सिस्टम के साथ खिलवाड़ करते हैं, वे प्रौद्योगिकी के उपयोग और दुरुपयोग के मामले में शायद हमसे एक पायदान आगे हैं। इस पर बहुत काम करने की जरूरत है। यह कभी न खत्म होने वाला खेल है क्योंकि प्रौद्योगिकी एक ऐसा जानवर है जो चलती रहती है और चलती रहती है और आपसे बहुत आगे दौड़ रही हैं।
फायरवॉल की जरूरत
मंत्री ने कहा कि बड़े संस्थानों, व्यवस्थित रूप से संवेदनशील संस्थानों के पास पर्याप्त तकनीक होनी चाहिए और टीमों को रोजमर्रा के आधार पर फायरवॉल के लिए पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए, और यह जांचते रहना चाहिए कि फ़ायरवॉल काम पर है या नहीं।

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