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Fitbit की लेटेस्ट Fitbit Sense भारत में लॉन्च, लक्षण आने से पहले कोरोना की कर लेगी पहचान

Fitbit Sense की कीमत भारत में 34999 रुपए है। स्मार्टवॉच 6 माह के fitbit ट्रायल पैक के साथ आती है।

By Saurabh VermaEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 11:35 AM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 11:35 AM (IST)
Fitbit की लेटेस्ट Fitbit Sense भारत में लॉन्च, लक्षण आने से पहले कोरोना की कर लेगी पहचान
Fitbit की लेटेस्ट Fitbit Sense भारत में लॉन्च, लक्षण आने से पहले कोरोना की कर लेगी पहचान

नई दिल्ली, टेक डेस्क. अमेरिकी फिटनेस ब्रांड Fitbit ने भारत में अपनी एडवांस्ड हेल्थ स्मार्टवॉच Fitbit Sense को लॉन्च कर दिया है।  Fitbit Sense की कीमत भारत में 34,999 रुपए है। स्मार्टवॉच 6 माह के fitbit ट्रायल पैक के साथ आती है। Fitbit Sense के साथ ही Fitbit Versa 3 को नए हेल्थ, फिटनेस और अन्य शानदार फीचर्स के साथ पेश किया गया है। इसमें यूजर्स को GPS और Google Assistant का सपोर्ट मिलेगा। fitbit 10 दिनों की बैटरी लाइफ के साथ आती हैं।  

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कोरोनावायरस की हो सकेगी पहचान 

Fitbit Sense में कंपनी ने इनोवेटिव सेंसर और सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है। यह कोरोवायरस के लक्षण आने से एक दो दिन पहले ही यूजर्स को कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना दे देगी, जो मौजूदा दौर में काफी कारगर साबित हो सकती है। कंपनी के दावे मुताबिक सांस लेने की गति (HRV) और हर्ट रेट SpO2 के बीच के अंतर के जरिए Fitbit Sense कोविड-19 की पहचान की जा सकेगी। 

 स्ट्रेस लेवल बढ़ने की मिलेगी जानकारी 

Fitbit Sense कंपनी की नई फ्लैगशिप स्मार्टवॉच है, जो दुनिया की पहली Electrodermal एक्टिविटी  (EDA) सेंसर के साथ आएगी, जो कोरोना की पहचान के साथ ही यूजर्स के स्ट्रेस लेवल बढ़ने की जानकारी उपलब्ध कराएगी। EDA स्कैन ऐप का इस्तेमाल करके फेस और हथेली और स्किन के पसीन के स्तर और इलेक्ट्रिकल चेंज को पहचाना जा सकता है। इसके अलावा यह स्मार्टवॉच हर्ट रेट ट्रैकिंग टेक्नोलॉजी, ECG ऐप और wrist skin temperature सेंसर के साथ आती है।

कोविड-19 जांच में करेगी मदद 

Fitbit के को-फाउंडर और सीईओ James park ने कहा कि 1000 यूजर्स की रिपोर्ट के आधार पर एक एल्गोरिदम तैयार की गई है, जो कोविड-19 की पकड़ में मदद करती है। पार्क ने कहा कि COVID-19 का पता लगाने के लिए fitbit के अहम रिसर्च को गति दी है, जिसमें Stanford, Scripps Research, Kings College London समेत दुनियाभर के अन्य संस्थानों के मिलकर इस बात की खोज की जा सकती है कि क्या वियरेबल्स बैंड COIDID-19 का पता लगाने में कारगर हैं। 


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