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Coronavirus फैलने से रोकने के लिए डेवलप हुआ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम Firetinas

Firetinas आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम को चीनी स्कूल और अस्पतालों में लगाया गया है ताकि इस खतरनाक वायरस के शिकार रोगियों की पहचान की जा सकेगी।

By Harshit HarshEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 12:41 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 01:02 PM (IST)
Coronavirus फैलने से रोकने के लिए डेवलप हुआ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम Firetinas
Coronavirus फैलने से रोकने के लिए डेवलप हुआ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम Firetinas

नई दिल्ली, टेक डेस्क। चीन में महामारी का रूप ले चुकी Coronavirus की वजह से दुनियाभर में हाई अलर्ट है। चीन की सीमा से लगे कई देशों में Coronavirus से कई लोग प्रभावित हैं। केवल चीन में ही 2 हजार से ज्यादा लोगों की मौत इस खतरनाक वायरस की वजह से हो चुकी है। दुनियाभर में 90 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस की वजह से प्रभावित है। भारत में भी कोरोनावायरस के 5 मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही मे दिल्ली में कोरोनावायरस का एक मामला सामने आया है। दिल्ली के अलावा तेलंगाना और केरल में कोरोनावयरस के मामले सामने आ चुके हैं। Coronavirus से लड़ने के लिए दुनिया के सभी देशों में रिसर्च किया जा रहा है, ताकि इस गंभीर महामारी को फैलने से रोका जा सके।

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Aithority की रिपोर्ट के मुताबिक, कैम्ब्रिज और मेनचेस्टर यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने Coronavirus को डिटेक्ट करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम Firetinas डेवलप किया है। इस आर्टिफिशियल इंटेलिंजेंस सिस्टम की मदद से हाई बॉडी टेम्परेचर वाले लोगों को डिटेक्ट करके ये पता लगाया जा सकेगा कि वो इस वायरस से प्रभावित हैं कि नहीं। हाई बॉडी टेम्परेचर को Coronavirus का लक्षण माना जाता है। ऐसे में आम बुखार और Coronavirus से प्रभावित रोगी के बीच में फर्क करना काफी मुश्किल होता है। रिसर्चर्स का दावा है कि इस नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम के जरिए इस वायरस के शिकार लोगों को डिटेक्ट किया जा सकेगा।

फिलहाल Firetinas आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम को चीनी स्कूल और अस्पतालों में लगाया गया है ताकि इस खतरनाक वायरस के शिकार रोगियों की पहचान की जा सकेगी। Coronavirus एक बेहद ही खतरनाक वायरस है जो तेजी से फैलता है, यही वजह है कि इसे फैलने से रोका जाना काफी जरूरी है। Firetinas में हाई परफॉर्मेंस IC (इंटिग्रेटेड सर्किट) लगाया गया है जो हर सेकेंड में 3 ट्रिलियन NPU कैल्कुलेट कर सकता है। ये 1,000 वर्ग फीट के क्षेत्र में 100 लोगों की जांच कर सकता है। इस सिस्टम के डेवलपर्स का दावा है कि Firetinas को फेस रिकॉग्निशन सिस्टम के साथ इंटिग्रेट किया जा सकता है।

इसे डेवलप करने मे जिस एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया गया है वो 99 फीसद की एक्युरेसी के साथ इस वायरस से प्रभावित लोगों को डिटेक्ट कर सकता है। Firetinas हर ऑन-इन-वन सिस्टम कैमरा के साथ इंटिग्रेट किया जा सकता है। इसमें टेम्परेचर सेंसर, माइक्रो कम्प्यूटर, न्यूरल नेटवर्क सिस्टम और दो ब्लैक बॉडीज दिया गया है। इसे सेटअप और ऑपरेट करना काफी आसान है। 


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