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Firefox ला रहा है नया फीचर, हैक वेबसाइट ओपन करते ही मिलेगा अलर्ट

गूगल सर्च की तरह अब मोजिला यूजर्स को भी हैक वेबसाइट का अलर्ट दिया जाएगा

By Sakshi PandyaEdited By: Published: Mon, 27 Nov 2017 06:33 PM (IST)Updated: Tue, 28 Nov 2017 12:07 PM (IST)
Firefox ला रहा है नया फीचर, हैक वेबसाइट ओपन करते ही मिलेगा अलर्ट
Firefox ला रहा है नया फीचर, हैक वेबसाइट ओपन करते ही मिलेगा अलर्ट

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। एक रिपोर्ट के मुताबिक मोजिला फायरफॉक्स ब्राउजर जल्द ही नया फीचर लेकर आने वाला है। इसके जरिए यूजर्स को हैक वेबसाइट ओपन करने से पहले अलर्ट कर दिया जाएगा। यह फीचर गूगल के फीचर से मिलता-जुलता है। गूगल सर्च में भी इसी तरह हैक वेबसाइट को एक्सेस कर रहे यूजर्स को “this site may be hacked” मैसेज दिखाया जाता है।

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मोजिला ने “Have I Been Pwned (HIBP),” वेबसाइट के साथ साझेदारी की है। वेबसाइट यूजर्स को यह चेक करने की अनुमति देती है कि उनके पासवर्ड या ईमेल आईडी हैकर्स की ओर से लीक किए गए है या नहीं। मोजिला इसी वेबसाइट से डाटा लेगा। यह वेबसाइट डार्क वेब पर हैकर्स की ओर से लीक किए गए डाटा को कलेक्ट कर लेती है।

इस फीचर से चोरी हुए डाटा को ढूढ़ने में मदद मिलेगी। यह फीचर उन यूजर्स की मदद करेगा जो यह जानने के इच्छुक होंगे कि कब वो किस वेबसाइट या डाटा चोरी का शिकार हो सकते है। HIPB के एक एक्सपर्ट ने यह कन्फर्म किया है कि- अभी यह फीचर डेवलपमेंट फेज में है।

इसी के साथ आपको यह भी बता दें की गूगल क्रोम और मोजिला फायरफॉक्स में से कौन-सा ब्राउजर इस्तेमाल करने में बेहतर है:

सिक्योरिटी (सुरक्षा):

ब्राउजर्स के इस्तेमाल में सबसे पहले बात आती है सिक्योरिटी यानी सुरक्षा की। हालांकि ये दोनों ही ब्राउजर अपने यूजर्स को टॉप लेवल की सिक्योरिटी देने का भरोसा दिलाते हैं। गूगल क्रोम इस लिहाज से अपने प्रतिस्पर्धी से आगे है, क्योंकि उसमें हर रनिंग टैब के लिए इंडीविजुअल प्रोसेसिंग होती है। हालांकि यह दूसरी तरफ रैम के थोड़ा ज्यादा हिस्से को कंज्यूम करता है। वहीं अगर इसके नकारात्मक पहलू की बात करें तो इसमें मास्टर key के माध्यम से आपके सेव्ड पासवर्ड डाटा को सुरक्षित रुप से इनक्रिप्ट करने की क्षमता नहीं है। वहीं फायरफॉक्स सिक्योरिटी एक्सटेंशन के साथ ही आपको एक मास्टर पासवर्ड का इस्तेमाल करने की सहूलियत देता है जो कि आपके सेव किए गए पासवर्ड को एनक्रिप्ट कर सकता है।

परफॉर्मेंस:

अगर परफार्मेंस की बात करें तो यह ब्राउजर्स के मामले में सबसे ज्यादा अहम होता है और यह क्षमता ही एक ब्राउजर को दूसरे के मुकाबले बेहतर साबित करती है। हालांकि ये दोनों ही ब्राउजर्स काफी तेजी से काम करते हैं, लेकिन मोजिला फायरफॉक्स इस मामले में थोड़ा आगे है क्योंकि ये शुरुआत के लिए बेहद कम समय लेता है। अगर सही मायनों में देखा जाए तो परफॉरमेंस के लिहाज से क्रोम मोजिला से 2 सेकेंड पीछे है। हालांकि परफॉरमेंस मशीन के मुताबिक भी अलग अलग हो सकता है।

फीचर:

जब बात फीचर की आती है तो गूगल क्रोम के पास एक एप स्टोर है जिसमें हजारों एप्स, एक्सटेंशन, गेम्स और काफी सारी थीम मौजूद हैं जिन्हें आसानी से इंस्टॉल किया जा सकता है। इस मामले में फायरफॉक्स की अपनी एक अलग जगह है और इंटरफेस और डिस्प्ले के मामले में यह अब भी सबसे अनुकूल बना हुआ है।

यूजर इंटरफेज:

इस मामले में दोनों ही ब्राउजर्स के पास कम या एक जैसा ही इंटरफेस है। अगर क्रोम की बात करें तो यह आपको एड्रेस बार के साथ जो कि सर्च बार से दोगुना होता है, आपको डिफॉल्ट फ्लैट पैनल डिजायन उपलब्ध करवाता है। वहीं दूसरी तरफ फायरफॉक्स का अपना अलग एड्रेस बार और सर्च बार होता है। 

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