Facebook की फ्यूचर प्लानिंग, कंप्यूटर और डिवाइसेज को कर सकेंगे अपने दिमाग से कंट्रोल
Facebook फ्यूचर की इन टेक्नोलॉजीज पर कर रहा है काम पढ़ें प्रोजेक्ट की डिटेल्स
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Facebook ने एक स्टार्टअप को खरीदने की एक डील की है। यह स्टार्टअप इन तरीकों पर काम करेगा की किस तरह कंप्यूटर और डिवाइसेज को क्लिक और स्वाइप्स की जगह दिमाग से कंट्रोल किया जा सके। CTRL-लैब्स, फेसबुक रियलिटी लैब्स का हिस्सा बनेगी और इसका लक्ष्य इस टेक्नोलॉजी को परफेक्ट करने का होगा। यह खबर एंड्रू, फेसबुक के AR और VR वाइस प्रेजिडेंट ने कन्फर्म की है।
एंड्रू ने फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा की- हमें पता है की डिवाइसेज से बात करने के लिए और भी नेचुरल तरीके हैं और हम उन्हें विकसित करना चाहते हैं। इस प्लान में सबसे प्लान एक Wristband पर काम किया जाएगा। यह लोगों को मूवमेंट के आधार पर डिवाइस कंट्रोल करने की आजादी देगा। उन्होंने बताया की- Wristband इलेक्ट्रिकल इम्पल्स को डिकोड करेगा। जैसे की- हाथ की मसल्स किस तरीके से मूवमेंट करना चाह रही है या कंप्यूटर, जैसे की बटन प्रेस करना या कंप्यूटर माउस पर क्लिक करना आदि।
Facebook के अनुसार, Wristband इम्पल्स को उन सिग्नल्स में बदलेगा, जिसे डिवाइस समझ पाएगी। इसके बाद बटन प्रेस करने की या माउस क्लिक करने की जरुरत नहीं पड़ेगी। यह आपके ख्याल को पकड़ लेगा, जैसे की- आपको फ्रेंड के साथ फोटो शेयर करनी है, तो आपको बस इसके बारे में सोचना होगा या वैसे मूवमेंट करना होगा और आपका काम हो जाएगा। उन्होंने बताया की- किस तरह दिमाग से कमांड लेने की टेक्नोलॉजी आने पर AR और VR का एक्सपीरियंस पूरी तरह से बदल जाएगा, जिसे अभी हाथ से कंट्रोल करना होता है। facebook ने इस डील से जुडी वित्तीय जानकारी है दी है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह डील $500 मिलियन से अधिक में हुई है। हालांकि, यह जानकारी कन्फर्म नहीं है।
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में होगा बड़ा कदम: Facebook, 2014 की शुरुआत में VR गियर सेटअप Oculus लेकर आया था। मार्क ज़करबर्ग के अनुसार, कंप्यूटिंग प्लेटफार्म में यह अगला बड़ा कदम था। 2017 की शुरुआत में, facebook ने ऐसे प्रोजेक्ट की घोषणा की, जिसमें यूजर्स अपने दिमाग से मैसेज टाइप कर पाएंगे। उस समय सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने बताया था की इस प्रोजेक्ट में इंजीनियर्स, वैज्ञानिकों की टीम काम कर रही है, जो ऐसा सस्टम बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे सीधा दिमाग से एक मिनट में 100 शब्द टाइप किये जा सके। ऐसी टेक्नोलॉजी से लोग टेक्स्ट मैसेज से लेकर ईमेल तक सीधा दिमाग से सोचकर भेज सकेंगे।